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सूटकेस में मिली आयुषी की पोस्टमार्टम रिपोर्ट का सच, जिसको जान अब सिर पीट रहे होंगे हत्यारे मां-बाप

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मथुरा। मथुरा में यमुना एक्सप्रेस-वे पर बीते दिनों लाल रंग के सूटकेस में एक लड़की की लाश मिली थी। लड़की की पहचान दिल्ली के बदरपुर की रहने वाली 22 साल की आयुषी यादव के तौर पर हुई। कत्ल किसी और ने नहीं, लड़की के बाप ने ही किया था। आयुषी ने एक दूसरी जाति के लड़के से गुपचुप तरीके से मंदिर में शादी कर ली थी। इससे नाराज पिता ही हैवान बन बैठा और 17 नवंबर को उसका कत्ल कर दिया।
आखिर 17 नवंबर को ऐसा क्या हुआ था जो आयुषी को उसके पिता ने गोली मार दी? आरोपी मां-बाप ने पुलिस से पूछताछ में सब उगला है कि कैसे उस दिन आयुषी से उनका झगड़ा हुआ। झगड़े के बाद किस बात पर उसका पिता गुस्से से लाल हो गया और उसे गोली मार दी। परिवार शादी को स्वीकार कर ले, इसके लिए आयुषी ने एक झूठ बोला, लेकिन उस झूठ से पिता और आगबबूला हो गया। आखिर क्या था वह झूठ, 17 नवंबर को वारदात वाले दिन कब क्या हुआ, आइए जानते हैं।
बाप बना कातिल
दिल्ली के बदरपुर की रहने वाली 22 साल की आयुषी चौधरी को उसके पिता ने गोली मारकर शव को एक लाल रंग के सूटकेस में भरकर मथुरा फेंक आया था। वह बेटी के दूसरी जाति के लड़के से शादी से नाराज था। आयुषी ने सालभर पहले ही आर्यसमाज मंदिर में छत्रपाल गुर्जर नाम के युवक से शादी की थी। दोनों स्कूल के दिनों से दोस्त थे। उसने परिवार से इस शादी का राज छिपाए रखा। कुछ दिन पहले ही उसने परिवार वालों को अपनी शादी के बारे में बताया था लेकिन उसके मां-बाप को ये रिश्ता मंजूर नहीं था। इसे लेकर 17 नवंबर को आयुषी का अपने मां-बाप से झगड़ा भी हुआ था। उसी दिन पिता ने उसकी गोली मारकर हत्या कर दी और शव को सूटकेस में भरकर ठिकाने लगा दिया। आरोपी मां-बाप अब जेल में हैं।
परिवार पर प्रेशर के लिए आयुषी ने बोला प्रेग्नेंसी का झूठ
दरअसल, 17 नवंबर को आयुषी ने परिवार वालों के सामने झूठा दावा किया कि वह शायद मां बनने वाली है। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में साफ हुआ है कि वह प्रेग्नेंट नहीं थी। आयुषी प्रेग्नेंसी के झूठे दावे के जरिए परिवार पर दबाव बनाना चाहती थी ताकि वे उसकी शादी को स्वीकार कर लें। हालांकि, पोस्टमॉर्टम में आयुषी के प्रेग्नेंट होने की पुष्टि नहीं हुई। नीतेश को अब अपने किए का पछतावा है। वह कह रहा है कि ‘गुस्से में आकर’ उसने अपराध कर दिया।
इसी महीने आयुषी ने परिवार से खोला था अपनी शादी का राज
नीतेश यादव (49) और उसकी पत्नी ब्रजबाला (45) अपनी बेटी से इस बात को लेकर नाराज रहा करते थे वह अपनी जिंदगी अपने हिसाब से जीती है। इसी महीने जब उसने परिवार को छत्रपाल से अपनी शादी की बात बताई तो वे और भड़क गए। पुलिस के मुताबिक, यह जानने के बाद नीतेश यादव छत्रपाल गुर्जर के घर भी गया और उसे अपनी बेटी से दूर रहने की हिदायत दी। आयुषी को ये बात नागवार लगी और 17 नवंबर को उसकी उसके मां-बाप से बहस हो गई। इसी दौरान उसने बताया कि उसके पेट में दर्द है और शायद इसकी वजह उसकी प्रेग्नेंसी है। आयुषी ने ये बात तो मां-बाप को छत्रपाल से अपनी शादी को स्वीकार करने के लिए दबाव बनाने के खातिर कही लेकिन इससे नीतेश भड़क गया।
प्रेग्नेंसी की बात सुन गुस्से से पागल हो गया नीतेश
बेटी से प्रेग्नेंसी की बात सुनते ही नीतेश गुस्से में पागल हो गया। उसने तुरंत अपना लाइसेंसी रिवॉल्वर निकाला और आयुषी के सीने में दो गोलियां दाग दी। इससे उसके मौके पर ही मौत हो गई। नीतेश और उसकी पत्नी ब्रजबाला ने एक दिन तक लाश को घर में ही छिपाए रखा। ब्रजबाला ने फर्श पर लगे खून के दाग को कपड़े से पोछकर मिटा दिया जबकि नीतेश पॉलिथीन और ट्रोली बैग खरीदने चला गया। 18 नवंबर की रात को दोनों ने शव को एक पॉलिथीन में लपेटा और उसे लाल रंग के सूटकेस में ठूस दिया। फिर दोनों लाश को ठिकाने लगाने के लिए कार से निकल गए। दोनों मथुरा में यमुना एक्सप्रेस-वे के किनारे झाड़ियों के पास सूटकेस को फेंककर लौट आए।
कोर्ट मैरिज के बाद परंपरागत तरीके से ब्याह करना चाहती थी आयुषी
आयुषी ने सालभर पहले ही छत्रपाल से एक आर्य समाज मंदिर में शादी कर ली थी। लेकिन वह चाहती थी कि उसकी परंपरागत तरीके से फिर शादी हो। आगरा के एसपी सिटी एमपी सिंह ने बताया, ‘वह सालभर पहले ही आर्यसमाज मंदिर में शादी कर चुकी थी और इस साल अक्टूबर में शाहदरा कोर्ट में उसका रजिस्ट्रेशन भी करा लिया था। लेकिन आयुषी चाहती थी कि उसके माता-पिता उसकी शादी को स्वीकार कर लें तो गुर्जर से उसकी परंपरागत तरीके से फिर शादी कराएं।’
नीतेश को इसलिए मंजूर नहीं थी बेटी की शादी
सब-इंस्पेक्टर हरेंद्र कुमार ने हमारे सहयोगी ने बताया कि आयुषी का परिवार गुर्जर से उसकी शादी को मंजूर करने के लिए तैयार नहीं थे। एक तो वह दूसरी जाति का था। वे यादव थे और लड़का गुर्जर। इसके अलावा दोनों परिवारों की आर्थिक स्थिति में भी बहुत अंतर था। आयुषी का परिवार अमीर है। दिल्ली में उनकी 7 प्रॉपर्टी हैं जिसमें बदरपुर का वह दो मंजिला मकान भी शामिल है, जिसमें वे और 12 किराएदार रहते हैं।
घर में सबकी लाडली थी आयुषी लेकिन…
आयुषी पढ़ने में मेधावी थी। छत्रपाल से उसकी दोस्ती स्कूल के दिनों से ही थी। उससे गुपचुप शादी करने के बाद वह घर से बिना बताए कई दिनों तक गायब रहने लगी। उसकी दादी जामवंती की माने तो आयुषी घर में सबकी लाडली थी। उसकी मां उसे रानू कहकर बुलाती थी और अपने बेटे से ज्यादा उसे प्यार करती थी। लेकिन परिवार में किसी को बिना कुछ बताए कई दिनों तक उसके गायब रहने से उसके मां-बाप उससे नाराज रहने लगे। 17 नवंबर को जब आयुषी का उसके मां-बाप से झगड़ा हुआ तो नीतेश ने आपा खो दिया और उसे मार डाला।


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