‘सेक्युलर और सोशलिस्ट’ शब्द पर घमासान, कांग्रेस और टीएमसी के आरोपों पर बीजेपी बोली- ये ओरिजनल संविधान
नई दिल्ली। मंगलवारको देश की नई संसद में लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही हुई. इस दौरान महिला आरक्षण बिल यानी नारी शक्ति वंदन अधिनियम पेश किया गया जिस पर आज चर्चा होनी है. उससे पहले सेक्युलर और सोशलिस्ट शब्दों को लेकर एक नई बहस छिड़ गई है. कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी के बाद तृणमूल कांग्रेस सांसद डोला सेना ने भी कहा, “संविधान की जो कॉपी सांसदों को दी गई उसमें सेक्युलर और सोशलिस्ट शब्द गायब है.”
टीएमसी सांसद ने आगे कहा, “मेरा सवाल ये है कि बिना किसी चर्चा के ये बदलाव कैसे किया गया. टीएमसी इसका विरोध करेगी. ये सरकार संविधान विरोधी है.” इस मुद्दे पर विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी ने भी सवाल करते हुए कहा था, “संविधान की जो नई प्रतियां आज (19 सितंबर) हमें दी गईं, जिन्हें हम अपने हाथों में पकड़कर (नए संसद भवन) में प्रवेश कर गए. इसकी प्रस्तावना में ‘सोशलिस्ट सेक्युलर’ शब्द नहीं है.”
उन्होंने ये भी कहा, “हमने राहुल गांधी को इस बारे में बताया है, हमने दिखाया है कि संविधान के साथ फेरबदल किया जा रहा है. संविधान को एक सोची समझी साजिश के तहत बदला जा रहा है.” नेता प्रतिपक्ष ने इस बात को बीते दिन मंगलवार को भी नई संसद में उठाने की कोशिश की थी.
बीजेपी ने दिया ये जवाब
इस मामले पर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने कहा कि जवाब दिया जा चुका है. कानून मंत्री अर्जुन मेघवाल ने कहा, “संविधान की जो असली कॉपी है वो दी गई है और इस पर कल जवाब भी दिया जा चुका है.” वहीं, बीजेपी सांसद रीता बहुगुणा जोशी ने कहा, “ये मुद्दे से भटकाने की कोशिश है, बीजेपी को संविधान में अटूट भरोसा है.”
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