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हरदोई में जन्मी 4 हाथ-4 पैर वाली बच्ची, किसी ने कहा चमत्कार तो कोई बोला देवी ने लिया अवतार

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हरदोई। यूपी के हरदोई में एक बच्ची पैदा होते ही अचानक चर्चा के केंद्र में आ गया। कोई इसे भगवान का चमत्कार बताने लगा तो किसी ने इसे भगवान का पुनर्जन्म ही कह दिया। वहीं डॉक्टरों का कहना है यह एक बॉयोलॉजिकल डिसऑर्डर है।
हरदोई के शाहाबाद स्वास्थ्य केंद्र का मामला
यूपी के हरदोई के शाहाबाद स्वास्थ्य केंद्र पर एक महिला ने एक चार हाथ और चार पैर वाले बच्चे को जन्म दिया। जन्म के बाद जब वहां मौजूद डॉक्टर और अन्य स्टाफ ने बच्चे को देखा सब आश्चर्यचकित रह गए। बच्चे के चार हाथ और चार पैर थे। अनोखे बच्चे के जन्म की सूचना मिलते ही अस्पताल में इसे देखने वालों की भीड़ पहुंचने लगी।
नॉर्मल डिलीवरी से हुआ बच्चे का जन्म
शनिवार देर रात हरदोई जिले के गांव मंगलीपुर निवासी महिला को प्रसव पीड़ा के बाद परिजन शाहाबाद स्वास्थ्य केंद्र लेकर पहुंचे। यहां पर उसे भर्ती कर लिया गया। देर शाम होने पर महिला ने नॉर्मल डिलीवरी के जरिए इस अनोखी बच्ची को जन्म दिया। बच्ची को देखते ही वहां मौजूद डॉक्टर और नर्स हैरान रह गई।
बच्चे को देखकर परिजन हुए हैरान
अस्पताल की तरफ से तुरंत ही बच्चे के परिजनों की इसकी जानकारी दी गई। घर वालों को पहले तो चार हाथ और पैर वाली बात पर यकीन ही न हुआ लेकिन जब उन्होंने बच्चे को देखा तो उनके आश्चर्य की सीमा ही न रही। स्वाभाविक ही था बच्चे को लेकर परिजन परेशान हो उठे। परिजनों का कहना है कि उन्होंने गर्भ के दौरान अल्ट्रासाउंड कराया था और उन्हें सब-कुछ सामान्य बताया गया था लेकिन पैदा होने पर बच्चा ऐसा हुआ है।
अस्पताल में देखने वालों की पहुंचने लगी भीड़
इधर चार हाथ और चार पैर वाले बच्चे की सूचना मिलते ही अस्पताल में उसे देखने के लिए लोग पहुंचने लगे। कोई बच्चे को भगवान का करिश्मा बता रहा था तो कोई सीधे देवी का अवतार घोषित कर रहा था। हालांकि डॉक्टरों की राय इस बारे में अलग है। उनका कहना है कि विज्ञान इस तरह के केस को बॉयोलॉजिकल डिसऑर्डर मानता है। यानि कि गर्भ में बच्चे के विकास सही से तरीके न होने के चलते ऐसा हो जाता है।
लाखों में एक बच्चे में होता है ऐसा
इस बच्ची के बारे में डॉक्टर का कहना है कि बच्चे के पेट के ऊपर एक दूसरे बच्चे का धड़ जुड़ गया है लेकिन वह विकसित नहीं हो पाया। ऐसा लगता है कि धड़ विकसित नहीं हुआ लेकिन उसके चलते हाथ और पैर का विकास हो गया। डॉक्टरों का कहना है कि यह एक बॉयोलॉजिकल डिसऑर्डर है और लाखों बच्चों में किसी एक में यह होता है। फिलहाल बच्चे की हालत को देखते हुए उसे मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया है।


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