Home » क्राइम » ”हर 17 मिनट में एक मर्डर, 18 मिनट में रेप ” हत्या-दुष्कर्म और अपहरण को खुलकर अंजाम दे रहे नाबालिग

”हर 17 मिनट में एक मर्डर, 18 मिनट में रेप ” हत्या-दुष्कर्म और अपहरण को खुलकर अंजाम दे रहे नाबालिग

नई दिल्ली: देशभर में हो रहे अपराधों में नाबालिगों की संलिप्तता बढ़ती जा रही है। खासतौर से हत्या, बलात्कार, अपहरण और चोरी-चकारी के मामलों में। इसमें भी केंद्र शासित प्रदेश दिल्ली में हुए अपराधों में 40 फीसदी से भी अधिक. . .

नई दिल्ली: देशभर में हो रहे अपराधों में नाबालिगों की संलिप्तता बढ़ती जा रही है। खासतौर से हत्या, बलात्कार, अपहरण और चोरी-चकारी के मामलों में। इसमें भी केंद्र शासित प्रदेश दिल्ली में हुए अपराधों में 40 फीसदी से भी अधिक मामलों में नाबालिग शामिल रहे। यह खुलासा NCRB की ताजा 2023 की रिपोर्ट से हुआ है, जिसमें अपराध के लगभग हर क्षेत्र में नाबालिग शामिल पाए गए। इसमे कुछ ऐसे मामले भी सामने आए हैं, जिनमें रेप, हत्या और किडनैपिंग मामलों में 12 साल से कम उम्र तक के नाबालिग भी शामिल रहे।

14 फीसदी से अधिक मामलों में नाबालिग रहे

NCRB रिपोर्ट के मुताबिक, 2022 में देशभर में हुए अपराधों में 30,555 मामलों में नाबालिग शामिल रहे, जो 2023 में बढ़कर 31,365 हो गए। इसमें केंद्र शासित प्रदेशों में हुए क्राइम में 41 फीसदी से भी अधिक मामलों में नाबालिग शामिल रहे। जबकि चंडीगढ़ में 36 और पुडुचेरी में 27 फीसदी से अधिक अपराधों के मामलों में नाबालिग शामिल रहे। इसी तरह से राज्यों में छत्तीसगढ़ और हरियाणा टॉप पर रहे, जहां 17 फीसदी से अधिक मामलों में नाबालिग पाए गए। इनके बाद तमिलनाडु में 14 फीसदी से अधिक मामलों में नाबालिग रहे।

12 से 16 साल की उम्र वाले आरोपी रहे नाबालिग

आंकड़े बताते हैं कि मर्डर के 995 और हत्या के प्रयास के 1476 मामलों में नाबालिग आरोपी रहे। हत्या के छह मामलों में 12 साल से कम और 308 मामलों में 12 से 16 साल तक की उम्र वाले नाबालिग आरोपी रहे, इनमें 7 लड़कियां शामिल हैं। जबकि बलात्कार के 977 मामलों में नाबालिग शामिल रहे। इनमें 10 मामलों में 12 साल से कम और 264 मामले 12 से 16 साल तक की उम्र वाले नाबालिग आरोपी रहे।

नाबालिग बालिगों से पीछे नहीं रहे

दंगों के मामलों में भी नाबालिग बालिगों से पीछे नहीं रहे। जबकि चोरी के 6557 और सेंधमारी के 2015 मामलों में नाबालिग शामिल पाए गए। अपहरण करने वाले मामलों में भी यह पीछे नहीं रहे। अपहरण के 931 मामलों में नाबालिग आरोपी रहे। जबकि मारपीट करने और अन्य तरह से गंभीर चोट पहुंचाने के 5836 मामलों में भी इनकी संलिप्तता पाई गई।