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हाथियों और इंसानों के बीच बढ़ता जा रहा है संघर्ष, फिर से बैकुंठपुर जंगल में हाथियों के हमले में दो की हुई मौत, दो घायल

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सिलीगुड़ी। उत्तर बंगाल में हाथियों और इंसानों के बीच दिनों-दिन संघर्ष बढ़ता जा रहा है। बैकुंठपुर जंगल में बिना अनुमति के लकड़ी बीनने गई दो महिलाओं को हाथियों ने मार डाला है। साथ ही इस हमले में दो लोग घायल हुए है।
सिलीगुड़ी शहर के पास बिन्नागुरी ग्राम पंचायत के जलदुमुर इलाके में मंगलवार को आधी रात हुई इस घटना के बाद से हड़कंप मचा हुआ है। पुलिस और वन विभाग के सूत्रों के मुताबिक, मरने वाली दो महिलाओं के नाम नमिता रॉय और पुसानी रॉय हैं। इनका घर जलदुंबर इलाके में है।
स्थानीय सूत्रों के अनुसार मंगलवार को आठ से दस महिलाएं बिना वन विभाग की अनुमति के बैकुंठपुर जंगल में लकड़ी लेने गई थीं। लकड़ी इकट्ठा करते-करते वह घने जंगल में घुस गयीं। जलदुमूर क्षेत्र में अचानक महिलाओं का समूह हाथी के सामने आ गया। सामने जाते ही नमिता रॉय को सबसे पहले एक हाथी ने रौंद डाला, यह देख बाकी लोग भाग खड़े हुए। लेकिन फिर भी पुसानी राय भी नहीं बच सकीं। एक हाथी ने उसे भी मार डाला। बाकी लोग जैसे तैसे भाग गए और गांव वापस आ गए। तब ग्रामीणों ने वन विभाग को इसकी सूचना दी। खबर मिलते ही बैकुंठपुर वन प्रमंडल के डाबग्राम रेंज व चटकियाभिटा बीट के वन कर्मी नमिता रॉय और पुसानी राय की तलाश में निकल पड़े। हाथियों के झुंड के आसपास होने के कारण वन विभाग पूरी रात तलाश में असफल रहा। सुबह पुन: तलाशी के लिए निकले तो पुसानी राय और नमिता रॉय का शव बरामद हुआ। दोनों शवों को बरामद कर पोस्टमार्टम के लिए उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज और अस्पताल भेज दिया गया। बाकी दो घायलों को उत्तर बंगाल और मेडिकल कॉलेज में भर्ती हैं।
स्थानीय निवासी जितेन रॉय ने कहा, “वह जंगल में लकड़ी लेने गयी था। तभी हाथी ने हमला कर दिया। बाकी भागने में सफल रहे लेकिन दो की मौत हो गई। दो अन्य घायल हो गए।” मृतका के पति शरतचंद्र राय ने बताया, ”मेरी पत्नी जंगल नहीं जाती थी, लेकिन कल वह लकड़ी लेने के लिए जंगल में गई थी। रात में हाथी ने उस पर हमला कर दिया.।पूरी रात खोजने के बाद सुबह शव बरामद किया गया।”
बैकुंठपुर डिवीज़न के डीएफओ हरे कृष्ण ने कहा, “वे महिलाएं बिना अनुमति के जंगल में जलावन की लकड़ी लेने गई थीं। उन्होंने प्रतिबंध का उल्लंघन करते हुए जंगल में प्रवेश किया था। इसलिए किसी को मुआवजा नहीं मिलेगा। इसलिए ग्रामीणों को सतर्क रहने की जरूरत ह।.”
मगर इस बीच इस हमले ने एक बार फिर से हाथियों और इंसानो के बीच बढ़ते संघर्ष को उजागर कर दिया है।


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