1,000 साल में पहली बार पृथ्वी के सबसे करीब आ रहा चंद्रमा, लेकिन इंसानों को नहीं आएगा नजर, आखिर क्यों?
यूनिवर्स टीवी डेस्क। शनिवार 21 जनवरी की रात 1 हजार साला में पहली बार ऐसा होगा जब चंद्रमा धरती के सबसे करीब होगा। चांद तारों और ग्रहों में रुचि रखने वालों के लिए आज का दिन बहुत खास है क्योंकि धरती से चंद्रमा कुल 356,568 किलोमीटर दूरी पर होगा, लेकिन अफसोस की बात ये है कि हम धरती के पास आए चंद्रमा का दीदार नहीं कर सकेंगे। आइए जानते हैं आखिर ऐसा क्यों ?
जानें धरती से चंद्रमा क्यों नहीं आएगा नजर
शनिवार को अमावस्या की रात है इस वजह से चांद का चमकदार हिस्सा धरती के दूसरी ओर होगा। यानी न्यू मून जिसमें चंद्रमा अपने चक्र के पहले चरण में होगा। भले ही चंद्रमा इस शनिवार को हमारे ग्रह के निकटतम बिंदु पर होगा, लेकिन न्यू मूल के साथ ओवरलैप होगी जिस कारण धरती से नजारा अदृश्य रहेगा। इस ऐतिहासिक ब्रह्मांडीय घटना के दौरान अंतरिक्ष में हमारा चंद्रमा हमारे लिए पूरी तरह से अदृश्य रहेगा।
992 के बाद से चंद्रमा पृथ्वी के सबसे करीब होगा
शनिवार को अमावस्या के दिन वर्ष 992 के बाद से चंद्रमा पृथ्वी के सबसे करीब होगा, इसके ठीक एक दिन बाद चंद्रमा के करीब शुक्र और शनि का संयोग होगा। दूसरे दिन आमास्या खत्म होने पर चंद्रमा को हम देख सकंगे।
कब होती हैं अमावस्या
बता दें अमावस्या तब होती है जब सूर्य और चंद्रमा एक ही आकाशीय देशांतर शेयर करते हैं, इस स्थिति को संयोजन भी कहा जाता है। नए चरण के दौरान कोई भी चंद्रमा को पृथ्वी से नहीं देख सकता क्योंकि प्रकाश करने वाला साइड हमारी धरती से दूर हो रहा होता है। इस महीने का अमावस्या भी एक उपभू (या सुपरमून) के साथ मेल खाता है – जिसमें पूर्णिमा थोड़ी बड़ी दिखाई देती है क्योंकि यह अपनी कक्षा में निकटतम बिंदु पर भी है।
तीन नए चंद्रमा की खोज करने वाले ग्राहम जोन्स ने किया ये खुलासा
फोर्ब्स के अनुसार Timeanddate.com पर एस्ट्रोफिजिसिस्ट और साइंस कम्युनिकेटर ग्राहम जोन्स ने इस सप्ताह के अंत में अमावस्या के दिन होने वाली इस विशिष्ठ संयोग के बारे में बताया। जोन्स ने 2,000 वर्षों की अवधि में अमावस्या पर पृथ्वी-चंद्रमा की निकटतम दूरी को देखा। उन्होंने तीन नए चंद्रमाओं की खोज की जहां दूरी 356,570 किमी से कम थी। आउटलेट के अनुसार शनिवार का न्यू मून 1030 के बाद से निकटतम और 1,337 वर्षों की अवधि में निकटतम है।
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