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13 की उम्र में 12वीं, 15 साल में करने वाली हैं ग्रेजुएशन ; छात्रा बोली- पीएम मोदी से मुलाकात में मिला था ‘गुरु मंत्र’

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इंदौर। मध्य प्रदेश के इंदौर की छात्रा तनिष्का सुजीत 15 साल की उम्र में बैचलर ऑफ आर्ट्स (बीए) अंतिम वर्ष की परीक्षा देने वाली है। तनिष्का का लक्ष्य कानून पढ़ाई करना है और वे देश की मुख्य न्यायाधीश बनना चाहती है। बता दें कि 2020 में कोरोना से तनिष्का के पिता और दादा की मौत हो गई थी।
तनिष्का सुजीत ने कुछ दिन पहले भोपाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अपनी मुलाकात को याद करते हुए कहा कि उस दौरान पीएम मोदी ने उन्हें अपने सपनों के लिए आगे पढ़ने के लिए प्रेरित किया था। संयुक्त कमांडरों के सम्मेलन के लिए 1 अप्रैल को राज्य की राजधानी भोपाल की यात्रा के दौरान तनिष्का सुजीत ने पीएम मोदी से मुलाकात की थी।
पीएम मोदी से 15 मिनट तक चली थी मुलाकात
तनिष्का ने कहा कि करीब 15 मिनट तक चली मुलाकात के दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री से कहा कि वह बीए की परीक्षा पास करने के बाद अमेरिका में कानून की पढ़ाई करना चाहती है और किसी दिन भारत की मुख्य न्यायाधीश बनने का सपना देखती है। तनिष्का ने कहा कि मेरे फ्यूचर प्लानिंग को सुनने के बाद पीएम मोदी ने मुझे सर्वोच्च न्यायालय जाने और वहां वकीलों की दलीलें देखने की सलाह दी। पीएम मोदी ने मुझे कहा कि ऐसा करने से मुझे अपने लक्ष्य को प्राप्त करने में सफलता मिलेगी।
आंख पर पट्टी बांधकर सॉल्व करती है रूबिक क्यूब
सुपर टैलेंटेड 13 साल की तनिष्का सुजीत आंखों पर पट्टी बांधकर रूबिक क्यूब सॉल्व कर लेती हैं। न्यूज एजेंसी एएनआई की ओर से शेयर किए गए एक वीडियो में तनिष्का को रूबिक क्यूब सॉल्व करते देखा गया था। उस दौरान उन्होंने बताया था कि वे आंखों पर पट्टी बांधकर पढ़ और लिख भी सकती है।
मीडिया आउटलेट से बात करते हुए तनिष्का ने कहा कि 12 साल की उम्र में 12वीं कक्षा की परीक्षा पास कर ली थी। अब 13 साल की उम्र में इंदौर के देवी अहिल्या विश्वविद्यालय में स्नातक की पढ़ाई कर रही है। तनिष्का ने 11वीं कक्षा की परीक्षा 11 साल की उम्र में जबकि 12 साल की उम्र में 12वीं की परीक्षा पास की। रिपोर्ट के मुताबिक, पांचवीं कक्षा की परीक्षा देने के तुरंत बाद 10वीं कक्षा में जाने की अनुमति दी गई और फिर उसकी वजह से उसे सीधे 12वीं कक्षा में प्रमोट कर दिया गया।
मां बोली- बेटी के लिए काफी संघर्ष किया
तनिष्का की मां अनुभा ने कहा कि उनके पति और ससुर की 2020 में कोरोनोवायरस के कारण मृत्यु हो गई, लेकिन उन्होंने अपनी बेटी की खातिर संघर्ष किया। उन्होंने कहा, “परिवार के दोनों सदस्यों को खोने के बाद, मुझे कुछ पता नहीं चल रहा था। दो-तीन महीने के बाद मुझे लगा कि मुझे अपनी बेटी के भविष्य के लिए उसकी पढ़ाई पर ध्यान देना चाहिए और इसके लिए संघर्ष करना चाहिए।”
देवी अहिल्या बाई यूनिवर्सिटी की छात्रा है तनिष्का
तनिष्का सुजीत इंदौर के देवी अहिल्या विश्वविद्यालय की छात्रा है। तनिष्का सुजीत ने सोमवार को एक न्यूज एजेंसी से बातचीत में बताया कि वह 19 से 28 अप्रैल तक होने वाली बीए (मनोविज्ञान) अंतिम वर्ष की परीक्षा में शामिल होंगी। उसने 13 साल की उम्र में 12वीं की परीक्षा पास की थी।
13 साल की उम्र में बीए फर्स्ट ईयर में लिया था एडमिशन
देवी अहिल्या विश्वविद्यालय में सामाजिक विज्ञान अध्ययन विभाग की प्रमुख रेखा आचार्य ने कहा कि तनिष्का सुजीत को 13 साल की उम्र में बीए (मनोविज्ञान) प्रथम वर्ष में प्रवेश दिया गया था। रेखा आचार्य ने बताया कि तनिष्का ने यूनिवर्सिटी की ओर से विशेष के रूप में ली गई प्रवेश परीक्षा में अच्छा प्रदर्शन किया था।


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