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16 जनवरी से राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम शुरू, दंड, छत्र और चंवर लेकर प्रवेश नहीं कर पाएंगे संत

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अयोध्या। अयोध्या में बन रहे भगवान श्रीराम के मंदिर के उद्घघाटन को लेकर तैयारियों जोरों पर है। भाजपा लोकसभा के आम चुनाव से पहले किसी भी हाल में रामलला के मंदिर को आम लोगों के लिए खोलना चाहती है। इसके लिए सूबे की योगी सरकार मिशन मोड में काम भी कर रही हैं। वहीं, अब उद्घघाटन समारोह को लेकर बड़ी खबर साामने आई है। दरअसल, राम मंदिर निर्माण समिति की दो दिवसीय बैठक में कई बड़े फैसले लिए गए है।
इसके मुताबिक मंदिर के उद्घाटन के समय साधु संत दंड, छत्र, चंवर व पादुका लेकर परिसर में प्रवेश नहीं कर पायेंगे। वहीं, सभी को सुरक्षा मानकों का पालन करने के बाद ही परिसर में प्रवेश दिया जाएगा। बता दें के उद्घाटन समारोह में प्रधानमंत्री मोदी से लेकर कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों के मौजूद रहने की उम्मीद है।
SPG के पास रहेगी मंदिर की सुरक्षा की जिम्मेदारी
राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि मंदिर के उद्घाटन समारोह में PM नरेन्द्र मोदी सहित अन्य VIP हस्तियां मौजूद रहेंगी। इसलिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम होंगे। इस दौरान अतिथियों को पैदल भी चलना पड़ सकता है। श्रीरामजन्मभूमि परिसर में अतिथियों को काफी देर तक बैठना भी पड़ सकता है, क्योंकि प्राण प्रतिष्ठा के बाद प्रधानमंत्री के जाने के बाद अतिथियों को रामलला का दर्शन कराया जा सकेगा।
इस दौरान परिसर की सुरक्षा एसपीजी के हवाले होगी, उसमें किसी का हस्तक्षेप नहीं होगा। वहीं, समारोह में देश के सभी जिला प्रदेश से अतिथियों की सूची तैयार की जा रही है। पद्म पुरस्कारों से नवाजे गये लोगों को भी आमंत्रित किया जायेगा। इसमें कुछ राजदूत भी आ सकते हैं
दंड, छत्र और चंवर लेकर प्रवेश नहीं कर पाएंगे संत
राम मंदिर निर्माण समिति की दो दिवसीय बैठक में प्राण प्रतिष्ठा की तैयारी व मंदिर निर्माण की समीक्षा की गयी। इस बैठक के दौरान ही ये फैसला लिया गया कि प्राण प्रतिष्ठा के समारोह के दौरान साधु संत दंड, छत्र, चंवर व पादुका लेकर परिसर में प्रवेश नहीं कर पायेंगे। इसके पीछे प्रधानमंत्री की सुरक्षा को कारण बताया जा रहा है।
दलित और जनजाति समूह होंगे शामिल
इस कार्यक्रम में खेल, कला और साहित्य जगत की हस्तियों को भी आमंत्रित किया जायेगा। ट्रस्ट के मुताबिक प्राण प्रतिष्ठा में चार हजार से ज्यादा संत भी शामिल हो सकते हैं। उन्होंने बताया कि समारोह में खेल जगत, कला, साहित्य, भूतपूर्व सैनिक, सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी, देश के महत्वपूर्ण मंदिरों के प्रतिनिधि रामजन्मभूमि परिसर के लिये जीवन बलिदान करने वालों के वंशज अनुसूचित जाति, जनजाति, घुमंतू जाति, वनवासी समाज के करीब पच्चीस सौ लोगों की सूची बनाई जा रही है।
बचे हुए कामों को युद्ध स्तर पर पूरा करने का निर्देश
अयोध्या में दो दिन तक हुई बैठक में मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेन्द्र मिश्र, कमिश्नर गौरव दयाल, डीएम नितीश कुमार, नगर आयुक्त विशाल सिंह सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे। मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेन्द्र मिश्रा ने अयोध्या के विकास कार्यों की प्रगति को भी देखा और सर्किट हाउस में प्रशासन के अधिकारियों के साथ बैठक करके निर्देश दिया कि पार्किंग, ओवरब्रिज समेत अन्य सभी सुविधाओं का काम दिसम्बर तक हर हाल में पूरा कर लिया जाय।
उन्होंने प्रशासन से कहा कि सभी पांच पार्किंग व मोहबरा बाजार से रामजन्मभूमि को जोडऩे वाले ओवरब्रिज का काम तेज करते हुए दिसम्बर तक पूरा कर लिया जाय और रामपथ, जन्मभूमि पथ और भक्ति पथ की प्रगति तेजी से करायी जाय।

 


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