दीनानगर (कपूर)। सिक्किम में हुए हादसे में अपने 16 साथियों सहित बलिदान देने वाले सेना की 285 मीडियम रैजीमैंट के नायब सूबेदार ओंकार सिंह का उनके पैतृक गांव नाजोवाल में पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। मेजर योगेश के नेतृत्व में पठानकोट से आई सेना की 327 मीडियम रैजीमैंट के जवानों ने हवा में गोलियां दागते हुए, शस्त्र उल्टे कर बिगुल की गौरवशाली धुन के साथ शौर्य वीर नायब सूबेदार ओंकार सिंह को सलामी दी। इससे पहले इस अमर बलिदानी सैनिक की पार्थिव देह को एयरलिफ्ट कर पठानकोट एयरपोर्ट पर लाया गया, जहां से फूलों से सुसज्जित सैन्य वाहन से उनके गांव नाजोवाल लाया गया।
युवाओं ने तिरंगा यात्रा निकाल शहीद का किया पुष्पित अभिनंदन
इस अवसर पर क्षेत्र के सैंकड़ों युवाओं ने पठानकोट-अमृतसर राष्ट्रीय राजमार्ग के कानवां चौक से गांव तक बलिदानी सैनिक के शव के साथ तिरंगा यात्रा निकाल अपने क्षेत्र के लाडले का पुष्पित अभिनंदन किया तथा शहीद ओंकार सिंह अमर रहे, भारत माता की जय तथा भारतीय सेना जिंदाबाद के जयघोष करते हुए युवा बलिदानी वीर को गांव लेकर पहुंचे। जिस भी रास्ते से शहीद नायब सूबेदार ओंकार सिंह की तिरंगे में लिपटी पार्थिव देह गुजरी लोगों ने फूलों की बिसात बिछा अपने क्षेत्र के वीर सैनिक का स्वागत किया।
मां बोली-वे पुत्रा मैं किस दे आसरे जीवांगी मैनूं वी अपने नाल लै चल
बलिदानी नायब सूबेदार ओंकार की तिरंगे में लिपटी पार्थिव देह जब घर पहुंची तो माहौल अत्यंत गमगीन हो गया। मां सरोज बाला, पिता ठाकुर रघुबीर सिंह, पत्नी सपना, बहनें सीमा, बंदना व ममता की करुणामई चीखें पत्थरों का कलेजा छलनी कर रही थीं। मां बोली वे पुत्रा मैं किस दे आसरे जीवांगी, मैनूं वी अपने नाल लै चल। पति के शव को देख कर पत्नी सपना बार-बार बेसुध हो रही थी तथा होश में आते ही दहाड़ें मारते हुए कह रही थी कि मेरी तो दुनिया उजड़ गई है, ओंकार उठ मुझे बता मैं किस के सहारे जिंदगी काटूंगी।
4 साल के नन्हे बेटे ने दी शहीद पिता की चिता को मुखाग्नि
इस अवसर पर जब बलिदानी सैनिक नायब सूबेदार ओंकार सिंह के चार वर्षीय बेटे मुकुंद ने शहीद पिता की चिता को मुखाग्नि दी तो श्मशान घाट पर मौजूद हजारों लोगों की आंखें नम हो उठीं तथा हर कोई के रहा था ईश्वर ये दिन किसी को न दिखाए।
बैटल कैजुलिटी घोषित होते ही शहीद परिवार को सरकार देगी 1 करोड़ : कटारूचक्क
कैबिनेट मंत्री लाल चंद कटारूचक्क ने कहा कि इस दुख की घड़ी में पंजाब सरकार शहीद परिवार के साथ खड़ी है। ऐसे शूरवीरों की शहादत का कोई मोल नहीं होता मगर फिर भी आर्मी हैडक्वार्टर की तरफ से बैटल कैजुलिटी रिपोर्ट आते ही सरकार की पॉलिसी के मुताबिक शहीद परिवार को एक करोड़ की राशि भेंट की जाएगी। इसके अलावा शहीद सैनिक परिवार सुरक्षा परिषद की मांग पर मंत्री कटारूचक्क ने गांव के सरकारी स्कूल का नाम शहीद के नाम पर रखने तथा शहीद की याद में एक यादगिरी गेट बनावाने की भी घोषणा की।
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