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अंतिम सफर पर प्रकाश सिंह बादल, पैतृक गांव में लाया गया पार्थिव शरीर, पंचतत्व में आज होंगे विलीन

चण्डीगढ। शिरोमणी अकाली दल के नेता और पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल का आज (गुरुवार) को अंतिम संस्कार होगा। उनके पार्थिव शरीर को उनके पैतृक गांव बादल लाया गया है। मुक्तसर जिले के इस गांव में हजारों लोग. . .

चण्डीगढ। शिरोमणी अकाली दल के नेता और पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल का आज (गुरुवार) को अंतिम संस्कार होगा। उनके पार्थिव शरीर को उनके पैतृक गांव बादल लाया गया है। मुक्तसर जिले के इस गांव में हजारों लोग उमड़ पड़े हैं। जब उनकी शवयात्रा जा रही थी लोग फूल बरसा रहे थे. लोग प्रकाश सिंह बादल अमर रहें के नारे लगा रहे थे। बादल गांव में मातम पसरा है। सभी दुकानें बंद की गई हैं. उन्हें अंतिम विदाई देने उनके समर्थक, रिश्तेदार, कैबिनेट सहयोगी और दिग्गज अधिकारी गांव पहुंच गए हैं।
कब होगा अंतम संस्कार?
प्रकाश सिंह बादल की अंत्येष्टि गुरुवार को मुक्तसर जिले स्थित उनके पैतृक गांव बादल में दोपहर 1 बजे राजकीय सम्मान के साथ होगी। उन्हें अंतिम बार देखने बुधवार को पीएम मोदी, चरणजीत सिंह चन्नी, सीएम मनोहर लाल खट्टर, ओपी चौटाला और सुनील जाखड़ जैसे नेता आए थे।
ऐसे राजनीति में छा गए थे प्रकाश सिंह बादल
प्रकाश सिंह बादल का जन्म आठ दिसंबर 1927 को पंजाब के बठिंडा के अबुल खुराना गांव में हुआ था। बादल ने लाहौर के फॉरमैन क्रिश्चियन कॉलेज से स्नातक किया। उन्होंने 1957 में कांग्रेस के उम्मीदवार के रूप में मलोट से पंजाब विधानसभा में प्रवेश किया। 1969 में उन्होंने अकाली दल के टिकट पर गिद्दड़बाहा विधानसभा सीट से जीत हासिल की।
पंजाब को हमेशा याद आएंगे प्रकाश सिंह बादल
जब पंजाब के तत्कालीन मुख्यमंत्री गुरनाम सिंह ने 1970 में दल-बदल करके कांग्रेस का दामन थामा था तब अकाली दल फिर से संगठित हो गया तथा इसके बाद इसने जनसंघ के समर्थन से राज्य में सरकार बनाई। वह तब देश के सबसे कम उम्र के मुख्यमंत्री बने। यह बात दीगर है कि यह गठबंधन सरकार एक वर्ष से थोड़ा अधिक चली। वर्ष 2017 में बतौर मुख्यमंत्री अपना कार्यकाल समाप्त किया तो वह इस पर रहने वाले सबसे अधिक उम्र के नेता थे।

 

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