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दुर्गापुर गैंगरेप मामले पर सीएम ममता की टिप्पणी को लेकर ओडिशा महिला आयोग की चेयरपर्सन ने जताई नाराजगी, कहा- ममता महिलाओं की पीड़ा को नहीं समझती

भुवनेश्वर। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा दुर्गापुर में मेडिकल छात्रा के साथ हुए सामूहिक दुष्कर्म की घटना के बाद लड़कियों को रात में हॉस्टल से बाहर न निकलने की सलाह देने पर अब ओडिशा महिला आयोग की चेयरपर्सन. . .

भुवनेश्वर। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा दुर्गापुर में मेडिकल छात्रा के साथ हुए सामूहिक दुष्कर्म की घटना के बाद लड़कियों को रात में हॉस्टल से बाहर न निकलने की सलाह देने पर अब ओडिशा महिला आयोग की चेयरपर्सन शोभना माइती ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उनका कहना है कि ममता महिलाओं की पीड़ा को समझती ही नहीं हैं। शोभना ने कहा, “ममता बनर्जी को लड़कियों को बाहर जाने से रोकने की बजाय उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए।” उन्होंने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री की इस तरह की टिप्पणी दुर्भाग्यपूर्ण है और इससे महिलाओं की आज़ादी पर सवाल खड़े होते हैं।

ओडिशा महिला आयोग की तीन सदस्यीय टीम करेगी बंगाल का दौरा

दुर्गापुर में ओडिशा की जलेश्वर से पढ़ने आई एक छात्रा के साथ गैंगरेप की घटना ने राज्य को झकझोर कर रख दिया है। इस मामले में अब तक चार आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। पीड़िता से मिलने और मामले की जांच के लिए ओडिशा महिला आयोग की तीन सदस्यीय टीम जल्द ही पश्चिम बंगाल का दौरा करने वालशोभना माइती ने यह भी बताया कि वे पीड़िता से मुलाकात कर उसे काउंसलिंग की सुविधा भी दिलवाएंगी। इसके साथ ही ओडिशा से डॉक्टरों की एक टीम भी दुर्गापुर जा रही है ताकि पीड़िता को ज़रूरी चिकित्सा सहायता मिल सके।

छात्राओं को रात में हॉस्टल से बाहर नहीं निकलना चाहिए

इस बीच ममता बनर्जी ने रविवार को उत्तरबंगाल रवाना होने से पहले कोलकाता एयरपोर्ट पर मीडिया से बात करते हुए कहा था कि छात्राओं को रात में हॉस्टल से बाहर नहीं निकलना चाहिए और उन्हें अपनी सुरक्षा के प्रति सतर्क रहना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि दुर्गापुर के निजी मेडिकल कॉलेज की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठ रहे हैं।

टिप्पणी के बाद विवाद खड़ा

हालांकि, उनकी इस टिप्पणी के बाद विवाद खड़ा हो गया। विपक्षी दलों और महिला संगठनों ने ममता के बयान को महिला विरोधी बताया। इसके बाद अलीपुरद्वार में एक प्रशासनिक बैठक के बाद ममता बनर्जी ने सफाई देते हुए कहा कि उनके बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है। उन्होंने दावा किया कि वे हमेशा मीडिया के सवालों का जवाब देती हैं, लेकिन उनके शब्दों को गलत तरीके से प्रचारित किया जाता है।यह मामला अब केवल कानून व्यवस्था का ही नहीं, बल्कि राजनीतिक बहस का मुद्दा बन गया है।

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