इस्लामाबाद: पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर यानी पीओके में पाकिस्तानी सरकार के खिलाफ शुरू हुए प्रदर्शन हिंसक हो गया है। सोमवार को प्रदर्शन के दौरान पाकिस्तानी सेना और ISI समर्थित मुस्लिम कॉन्फ्रेंस के हथियारबंद लोगों ने प्रदर्शनकारियों पर गोलियां चलाईं। हिंसा में दो लोगों की जान चली गई और 22 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। मीडिया रिपोर्ट में बताया गया है कि पाकिस्तानी सेना और आईएसआई से जुड़े हथियारबंद लोग प्रदर्शनकारियों पर गोली चलाते देखे गए हैं। झड़पों के बाद इलाके में इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है।
38 सूत्री मांगों को लेकर प्रदर्शन
सोमवार को पीओके के मुजफ्फराबाद में बड़ा विरोध प्रदर्शन शुरू हुआ था। प्रदर्शनकारी PoK विधानसभा में आरक्षित 12 सीटों को खत्म करने की मांग कर रहे हैं। इन प्रदर्शनों का नेतृत्व अवामी एक्शन कमेटी कर रही है। कमेटी ने कुल 38 मांगें रखी हैं, जिसमें सबसे प्रमुख मांग पाकिस्तान में बसे शरणार्थियों के लिए पीओके विधानसभा में 12 आरक्षित सीटों को खत्म करना है।
हजारों लोग सड़कों पर उतरे
इसके पहले अवामी एक्शन कमेटी ने बातचीत के जरिए मसलों को सुलझाने की कोशिश की लेकिन इस्लामाबाद की तरफ से जिद भरा रवैया अपनाने के बाद इसने बंद और चक्का जाम का ऐलान कर दिया। सोमवार को हजारों लोग सड़कों पर उतर आए और पाकिस्तान सरकार और प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि उन्हें राजनीतिक उपेक्षा, मानवाधिकार उल्लंघन और दूसरे दर्जे के नागरिक जैसा व्यवहार झेलना पड़ रहा है।
पाकिस्तानी न्यूज चैनल समा टीवी की रिपोर्ट के अनुसार, बंद के समर्थन में कश्मीरी लोगों ने सभी व्यावसायिक गतिविधियां रोक दीं, जिससे पूरे क्षेत्र में सभी बाजार, दुकानें और व्यावसायिक केंद्र बंद रहे। अवामी एक्शन कमेटी के प्रमुख शौकत नवाज मीर ने चेतावनी दी है कि हड़ताल को दबाने की किसी भी कोशिश का बलपूर्वक जवाब दिया जाएगा। सोशल मीडिया पर प्रसारित हो रहे वीडियो और वायरल तस्वीरों में नारे लगाते और झंडे लहराते भारी भीड़ दिखाई दे रही है। रिपोर्टों के अनुसार, क्षेत्र में मोबाइल फोन, लैंडलाइन के साथ ही इंटरनेट सेवाओं और सोशल मीडिया पर प्रतिबंध लगा दिया है।
हिल गई शहबाज सरकार
मुनीर शहबाज़ के खिलाफ Gen Z जैसी बगावत! पाक अधिकृत कश्मीर में अवामी एक्शन कमेटी की अपील पर हजारों लोग सड़कों पर उतर आए हैं। इस्लामाबाद ने भारी सुरक्षा बलों की तैनाती की है और इंटरनेट बंद कर दिया गया है। AAC लंबे समय से राजनीतिक और आर्थिक अधिकारों की मांग को लेकर हड़ताल कर रही है। सरकार और अवामी एक्शन कमेटी के बीच बातचीत विफल होने के बाद विरोध प्रदर्शन तेज हो गया है, जिससे पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर पर पाकिस्तान के नियंत्रण की सच्चाई सामने आई है। शौकत नवाज मीर सहित AAC नेता दशकों से उपेक्षा, भ्रष्टाचार और बुनियादी अधिकारों की कमी का आरोप लगाते रहे हैं। जब बगावत के सुर उठे, तो सरकार ने अपने लोगों पर गोलियां बरसाई। इस घटना का वीडियो वायरल हो रहा है।