पटना। बिहार में नीतीश कैबिनेट के मंत्रियों के विभागों को लेकर एक बार फिर पेंच फंस गया है। सूत्रों के अनुसार आज सम्राट चौधरी बीजेपी कोटे के मंत्रियो के विभाग की लिस्ट लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलने पहुंचे थे। लिस्ट में कई नये मेंत्रियों के विभाग को देखकर नीतीश कुमार ने असहमति जताई थी, जिसके बाद लिस्ट को अमित शाह के कार्यालय भेजा गया है। सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भाजपा कोटे के मंत्रियों की लिस्ट से सहमत नहीं है। लिस्ट लेकर पहुंचे सम्राट चौधरी के सामने नीतीश कुमार ने कई नामों पर असहमति जताई है।
अब इसपर अमित शाह फैसला करेंगे। गौरतलब है कि बीते दिन ही पटना के गांधी मैदान में नीतीश कुमार के अलावा 26 अन्य विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली थी। नए मंत्रियों में आज विभागों का बंटवारा होना था, जिसमें भाजपा कोटे के मंत्रियों की लिस्ट पर नीतीश की असहमति के बाद अब फाइनल फैसला नीतीश को लेना है।
नीतीश कैबिनेट के 10 मंत्रियों पर लगे परिवारवाद के आरोप
इससे पहले नीतीश कैबिनेट के 10 मंत्रियों पर परिवारवाद के आरोप लगे थे। RJD ने सोशल मीडिया पोस्ट में बताया कि नीतीश कैबिनेट में 10 मंत्री ऐसे हैं, जिनके परिवार राजनीति से जुड़े हैं। RJD के निशाने पर वो नाम भी रहे जो बिना चुनाव जीते मंत्री बने हैं। इन मंत्रियों में सम्राट चौधरी, नितिन नवीन, श्रेयसी सिंह और अशोक चौधरी जैसे नाम शामिल हैं। सम्राट चौधरी पूर्व मंत्री शकुनी चौधरी और पूर्व विधायक दिवंगत पार्वती देवी के बेटे हैं। इसी तरह, दीपक प्रकाश के पिता उपेंद्र कुशवाहा केंद्र सरकार में मंत्री रह चुके हैं। इस लिस्ट के जरिए RJD ने NDA पर पलटवार करने की कोशिश की।
नीतीश कैबिनेट में हर जाति को मिली प्रमुखता
बिहार में नीतीश कुमार की 10वीं कैबिनेट में 26 मंत्रियों में हर जाति को प्रमुखता दी गई है। जातिगत समीकरण की बात की जाए तो कैबिनेट में चार राजपूत, पांच दलित, तीन कुशवाहा, दो वैश्य, दो यादव, दो भूमिहार, कुर्मी, दो मल्लाह को जगह दी गई है। इसके अलावा एक कायस्थ, एक मुस्लिम, एक ब्राह्मण और एक अति पिछड़े चेहरे चेहरा भी शामिल है। भाजपा ने 5 और नीतीश ने 8 मंत्रियों को रिपीट किया है। एक नेशनल शूटर, तीन महिलाएं, एक मुस्लिम चेहरा और 9 विधायक पहली बार मंत्री बने हैं।