मॉस्को/इस्लामाबाद: पाकिस्तान के JF-17 फाइटर जेट भले चीनी फाइटर जेट हो, लेकिन उड़ान भरने के लिए ये रूसी इंजन पर निर्भर है। रूसी RD-93MA इंजन से ये फाइटर जेट उड़ान भरता है। लेकिन अब भारत और रूस के बीच इस इंजन को लेकर विवाद हो सकता है। भारत ने लंबे समय से रूस से आग्रह किया है कि वो इस इंजन की सप्लाई पाकिस्तान को नाम करें, लेकिन ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, भारत की आपत्तियों को नजरअंदाज करते हुए रूस ने पाकिस्तान को RD-93MA इंजन की आपूर्ति करने का फैसला किया है। रूस के यूनाइटेड इंजन कॉर्पोरेशन (यूईसी)-क्लिमोव द्वारा निर्मित ये एडवांस पावरप्लांट, चीन के साथ मिलकर विकसित किए गए पाकिस्तान वायु सेना के सबसे एडवांस जेएफ-17 थंडर ब्लॉक III लड़ाकू विमानों की प्रणोदन रीढ़ हैं।
भारत ने लंबे समय से रूस से यह आग्रह किया था कि वह पाकिस्तान को सीधे इंजन न बेचे, क्योंकि इससे पाकिस्तान की वायुसेना की ताकत और आधुनिक क्षमता में भारी इजाफा होता है। लेकिन मास्को ने नई दिल्ली की आपत्तियों को दरकिनार कर दिया और इंजन आपूर्ति जारी रखने का फैसला लिया है। कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि हालिया भारत-पाकिस्तान संघर्ष के बाद भी भारत ने रूस से इंजन सप्लाई रोकने का आग्रह किया था।
पाकिस्तान के जेट इंजन की आपूर्ति करेगा रूस!
आपको बता दें कि JF-17 एक 4.5 जेनरेशन फाइटर जेट है, जिसे पाकिस्तान चीन की मदद से स्वदेशी तौर पर बनाता है। इस फाइटर जेट के शुरूआती वैरिएंट, यानि ब्लॉक I और ब्लॉक II वैरिएंट को अक्सर कम कीमत वाला मिड लेवल लड़ाकू विमान कहा जाता था, लेकिन ब्लॉक III एडवांस फाइटर जेट है। इस वैरिएंट में AESA रडार, हेलमेट-माउंटेड डिस्प्ले, एडवांस इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सिस्टम और चीन निर्मित PL-15 लंबी दूरी की मिसाइलों को लगाया गया है। पाकिस्तान दावा करता है कि JF-17 फाइटर जेट की क्षमता रफाल, सुखोई-30MKI के बराबर है। हालांकि एक्सपर्ट्स इस दावे को नकारते हैं। फिर भी, जिस तरह से सुखोई-30MKI भारतीय वायुसेना की रीढ़ की हड्डी है, उसी तरह से JF-17, पाकिस्तान की वायुसेना की रीढ़ की हड्डी है। पाकिस्तान सेना के बेड़े में सबसे ज्यादा JF-17 फाइटर जेट ही हैं।
पाकिस्तान, JF-17 को बेचने की भी कोशिश करता रहा है। माना जा रहा है कि रूस के ताकतवर RD-93MA इंजन के साथ JF-17 बाजार में और ज्यादा मजबूती से सामने आएगा। डिफेंस सिक्योरिटी एशिया की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि RD-93MA इंजन, JF-17 ब्लॉक III के लिए गेम-चेंजर साबित हो सकता है। यह इंजन पुराने RD-93 की तुलना में ज्यादा थ्रस्ट, बेहतर ईंधन दक्षता, लंबी सेवा अवधि और उच्च तापीय सहनशीलता प्रदान करता है। इन तकनीकी सुधारों से न सिर्फ विमान भारी पेलोड ले जा सकता है बल्कि ज्यादा फुर्तिला भी हो जाएगा। रिपोर्ट में कहा गया है कि जब इन्हें एयरबोर्न अर्ली वार्निंग सिस्टम और नेटवर्क-सेंट्रिक ऑपरेशन्स के साथ जोड़ा जाता है, तो यह प्लेटफॉर्म पाकिस्तान की वायुसेना के लिए काफी महत्वपूर्ण हो जाता है।
रूसी इंजन पर आपत्ति जताता रहा है भारत
भारत, रूसी इंजन की पाकिस्तानी विमानों के लिए बिक्री पर हमेशा से आपत्ति जताता रहा है। साल 2006 में भी जब रूसी इंजन के लिए डील की गई थी, उस वक्त भी भारत ने आपत्ति जताई थी। 2006 में नई दिल्ली ने चीन को पाकिस्तान को आरडी-93 इंजन फिर से निर्यात करने की अनुमति देने के मास्को के फैसले पर विरोध दर्ज कराया था। लेकिन रूस ने उस वक्त दलील दी थी कि वो सीधे पाकिस्तान को इंजन नहीं बेच रहा है, बल्कि वो चीन को इंजन बेच रहा है। यानी, रूस ने भारत के ऊपर आने वाले खतरों से पल्ला झाड़ लिया था और रूस ने एक बार फिर से ऐसा ही किया है।