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सिलीगुड़ी शहरवासियों को मिली खौफ और आतंक से मुक्ति : आख़िरकार पिंजड़े में फंसा तेंदुआ

सिलीगुड़ी। सिलीगुड़ी शहर वासियों को आख़िरकार तेंदुएं के खौफ और आतंक से मुक्ति मिल गयी है, क्योंकि शहर के जंक्शन स्थित डीएमयू शेड के पास से तेंदुएं को पिंजड़े में कैद कर लिया गया है। आप सोच रहे होंगे कि. . .

सिलीगुड़ी। सिलीगुड़ी शहर वासियों को आख़िरकार तेंदुएं के खौफ और आतंक से मुक्ति मिल गयी है, क्योंकि शहर के जंक्शन स्थित डीएमयू शेड के पास से तेंदुएं को पिंजड़े में कैद कर लिया गया है। आप सोच रहे होंगे कि शहर में तेंदुए का क्या काम है, यह शहर में कैसे आए गया। पर हकीकत यह है कि जंगली जानवर अब वो न जंगल में सुरक्षित है और न ही शहर में। जंगल जिस तेजी से खत्म हो रहे हैं उसी तेजी के साथ जंगली जानवरों का शहरों की तरफ रुख बढ़ रहा है। भोजन और रहने की समस्या ने जंगली जानवरों के सामने मजबूरी पैदा कर दी है। यही कारन है की जंगली जानवर अब शहर की रुख कर रहे है।
इस बीच सोमवार सुबह जैसे ही चीता को पिंजरे में बंद हुआ, उसको देखने के लिए इलाके में लोगों की भीड़ इमाद पड़ी। आपको बता दें कि बीते 19 जनवरी को सिलीगुड़ी जंक्शन स्थित डीएमयू शेड के पास झाड़ियों में स्थानीय रेलकर्मियों ने तेंदुए को देखा था।जिसके बाद इसकी सूचना वन विभाग को दी गयी थी। वन विंभाग की टीम उस दिन मौके पर पहुंची था और उसी दिन तेंदुए की तलाश की गई, लेकिन वह नहीं मिला। बाद में वन विभाग के अधिकारियों की पहल पर तेंदुए को पकड़ने के लिए एक पिंजरा लगवाया गया। सोमवार सुबह तेंदुए पिंजरे में मिला । वन विभाग की टीम सोमवार सुबह पहुंची और पिंजरे में बंद चीते को जंगल ले गई। चीते को बंगाल सफारी पार्क ले जाकर वहां छोड़ दिया गया जाएगा। इधर तेंदुए के पकड़े जाने से स्थानीय लोगों ने रहत की साँस ली है, क्योंकि तेंदुए की मौजूदगी के कारण पिछले 11-12 से वे खौफ जी रहे थे।

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