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सुकमा में ढहने की कगार पर नक्सलवाद का किला, 50 लाख के इनामी 27 नक्सलियों ने किया सरेंडर, 10 महिलाएं भी शामिल

सुकमाः छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में सुरक्षाबलों को बड़ी सफलता मिली है। यहां प्रतिबंधित पीएलजीए को बड़ा झटका लगा, जब 27 नक्सलियों ने सुरक्षाबलों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है। हथियार डालने वाले नक्सलियों में 16 ऐसे थे, जिन पर. . .

सुकमाः छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में सुरक्षाबलों को बड़ी सफलता मिली है। यहां प्रतिबंधित पीएलजीए को बड़ा झटका लगा, जब 27 नक्सलियों ने सुरक्षाबलों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है। हथियार डालने वाले नक्सलियों में 16 ऐसे थे, जिन पर कुल 50 लाख रुपये का इनाम घोषित था। पुलिस अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि जिले में पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी (पीएलजीए) के बटालियन नंबर एक में सक्रिय दो कट्टर नक्सली समेत 27 नक्सलियों ने सुरक्षाबलों के सामने के सामने सरेंडर कर दिया है। इनमें 10 महिला नक्सली भी शामिल हैं। इसके साथ ही आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों में से पीएलजीए बटालियन नम्बर एक में सप्लाई टीम कमांडर ओयाम लखमू (53) के सर पर 10 लाख रुपये का इनाम है।

इन पर था 8-8 लाख का इनाम

अधिकारियों ने बताया कि आत्मसमर्पण करने वाले अन्य नक्सली पीएलजीए बटालियन नंबर एक के सदस्य माड़वी भीमा (18), रीजनल मिलिट्री कंपनी नंबर दो की पार्टी सदस्या सुनिता उर्फ कवासी सोमड़ी (24) और रीजनल मिलिट्री कंपनी नंबर एक की पार्टी सदस्या सोड़ी मासे (22) के सर पर आठ-आठ लाख रुपये का इनाम है। इसके अलावा एक नक्सली पर तीन लाख रूपए, दो नक्सलियों पर दो-दो लाख रुपये और नौ नक्सलियों के सर पर एक-एक लाख रुपये का इनाम है।

लाल आतंक को एक और झटका

अधिकारियों ने बताया कि नक्सलियों ने छत्तीसगढ़ शासन की ‘छत्तीसगढ़ नक्सलवादी आत्मसमर्पण पुनर्वास नीति’ और ‘नियद नेल्ला नार’ योजना से प्रभावित हुए हैं। साथ ही माओवादियों के अमानवीय व्यवहार, आधारहीन विचारधारा, उनके शोषण, अत्याचार के अलावा बाहरी माओवादियों के द्वारा भेदभाव करने से तंग आकर आत्मसमर्पण करने का फैसला किया है।

सरेंडर करने वाले नक्सलियों को 50 हजार

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि सभी आत्मसमर्पित नक्सलियों को शासन की नई पुनर्वास नीति ‘छत्तीसगढ़ नक्सलवादी आत्मसमर्पण पुनर्वास नीति -2025’ के 50-50 हजार रुपये प्रोत्साहन राशि और अन्य सुविधाएं दी जाएगी। ताकि वह समाज की मुख्य धारा से जुड़ सकें।

बचे नक्सलियों से सरडेंर करने की अपील

पुलिस अधिकारी ने बताया कि इस सरेंडर को सफल बनाने में जिला पुलिस बल, डीआरजी, इंटेलिजेंस सेल, एसटीएफ, सीआरपीएफ और कोबरा बटालियन 203 के जवानों की सक्रिय भूमिका रही। इसके साथ ही पुलिस ने अन्य नक्सलियों से भी अपील की है कि वे जल्द सरेंडर करें। ताकि वे भी आत्मसमर्पण नीति का लाभ उठाकर शांतिपूर्ण जीवन जी सकें।