नई दिल्ली। इतिहास की किताबों में कई महत्वपूर्ण और सकारात्मक बदलाव किए गए हैं। अब अकबर और टीपू सुल्तान के लिए महान शब्द इस्तेमाल नहीं किया जाएगा। अब, इतिहास की किताबें बदल रही हैं। मुझे बहुत खुशी है कि एनसीईआरटी ने एक बहुत अच्छी पहल की और 15 क्लास की किताबों में से 11 क्लास की किताबों में बदलाव किए। कक्षा 9, 10 और 12वीं की किताबों में बदलाव अगले साल किए जाएंगे। यह बात आरएसएस के पदाधिकारी सुनील आंबेकर ने नागपुर में एसजीआर नॉलेज फाउंडेशन द्वारा आयोजित आॅरेंज सिटी लिटरेचर फेस्टिवल के दौरान कही।
भारत के पास ज्ञान का भंडार
संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने कहा-भारत के पास पुराने ज्ञान के बहुत बड़े और समृद्ध भंडार हैं, जिन्हें अगर हम सीखें और समझें तो वे हमारे जीवन में बहुत मदद कर सकते हैं। यह समृद्ध ज्ञान दुनिया को भी दिया जा सकता है, लेकिन इसके लिए हमें उस ज्ञान पर भी ध्यान देने की जरूरत है।
नई पीढ़ी जानेगी क्रूरता
आंबेकर ने कहा-इतिहास की किताबों में कई अच्छे बदलाव किए गए हैं, और भविष्य में और भी किए जा सकते हैं। लेकिन अब, उनमें (इतिहास की किताबों में) न तो अकबर महान है और न ही टीपू सुल्तान महान। कई बदलाव किए गए हैं। हालांकि इन किताबों से किसी को हटाया नहीं गया है, क्योंकि नई पीढ़ी को उनके क्रूर कामों के बारे में पता होना चाहिए।
संस्कृति से करते रहे समझौता
आंबेकर ने कहा कि भारत तरक्की कर रहा है। हमें सोचना चाहिए कि हमारा आने वाला समाज कैसा होना चाहिए। दुनियाभर में लोग विकास के चक्कर में अपनी सभ्यता और संस्कृति से समझौता करते रहे, और मार्केट और नई टेक्नोलॉजी के आगे सरेंडर कर दिया। इससे सुविधाएं मिलीं, लेकिन यह निजी और फैमिली लाइफ, हमारे मूल्यों और रिश्तों की कीमत पर हुआ।