लगातार लोगों की जान ले रहे कोरोना वायरस की वैक्सीन को लेकर दुनिया की नजरें अब अलग-अलग दवा कंपनियों पर टिकी हैं। वहीं अब लोगों का ये इंतजार खत्म होने की कगार पर आ चुका है। दरअसल, ब्रिटेन में फाइजर और बायोएनटेक की कोरोना वायरस वैक्सीन को मंजूरी मिल गई है। ब्रिटेन कोविड-19 वैक्सीन के टीके को मंजूरी देने वाला पहला पश्चिमी देश बन गया है। यह वैक्सीन संक्रमण को रोकने में 95% से अधिक प्रभावी पाई गई है।
आपको बता दें कि ब्रिटेन के विदेश मंत्री डॉमिनिक राब ने एक इंटरव्यू में इसके संकेत दिए थे। ब्रिटेन ने 20 नवंबर को अपने चिकित्सा नियामक, मेडिसिन एंड हेल्थकेयर प्रोडक्ट्स रेगुलेटरी एजेंसी (एमएचआरए) से फाइजर-बायोएनटेक कोरोना वायरस वैक्सीन का आकलन करने को कहा था।
प्रसिद्ध और प्रमुख अमेरिकी दवा कंपनी फाइजर और जर्मन कंपनी बायोएनटेक ने साथ मिलकर इस टीके को विकसित किया है। कंपनी ने हाल में दावा किया था कि परीक्षण के दौरान उसका टीका सभी उम्र, नस्ल के लोगों पर कारगर रहा।
ब्रिटेन सरकार ने अपनी दवा और स्वास्थ्य उत्पाद नियामक एजेंसी (एमएचआरए) को कंपनी द्वारा मुहैया कराए गए आंकड़ों पर गौर कर यह देखने को कहा था कि क्या यह गुणवत्ता, सुरक्षा और असर के मामले में सभी मानकों पर खरा उतरता है। ब्रिटेन को 2021 के अंत तक दवा की चार करोड़ खुराक मिलने की संभावना है। इतनी खुराक से देश की एक तिहाई आबादी का टीकाकरण हो सकता है।
वहीं, ब्रिटेन में नियुक्त किये गए वैक्सीन मंत्री नादिम जहावी के हवाले से एक मीडिया रिपोर्ट में पहले ही कहा गया था कि अगर सबकुछ योजना के अनुसार होता है और फाइजर और बायोएनटेक द्वारा विकसित वैक्सीन को मंजूरी मिल जाती है तो उसके कुछ ही घंटों में वैक्सीन का वितरण और टीकाकरण शुरू कर दिया जाएगा। जरूरी तैयारियां को अंतिम रूप दिया जा रहा है।
दूसरी ओर फाइजर और बायोएनटेक ने यूरोपियन मेडिसिंस एजेंसी के समक्ष भी कोरोना वायरस के उनके टीके को मंजूरी के लिए एक आवेदन सौंपा है। दोनों कंपनियों ने मंगलवार को कहा कि सोमवार को सौंपे गए आवेदन की समीक्षा प्रक्रिया को पूरा किया गया।
उन्होंने इसे एजेंसी के समक्ष छह अक्तूबर को शुरू किया था। अमेरिका की दवा कंपनी मॉडर्ना ने अमेरिकी और यूरोपीय नियामकों से कोविड-19 के अपने टीके का आपातकालीन उपयोग करने की अनुमति देने का अनुरोध किया है। प्रतिद्वद्वी कंपनी मॉडर्ना के इस अनुरोध के एक दिन बाद इन कंपनियों ने यह कदम उठाया है। बायोएनटेक ने कहा है कि टीके को वर्तमान में बीएनटी162बी2 नाम दिया गया है और यदि यह मंजूर हो जाता है तो यूरोप में इसका इस्तेमाल 2020 के अंत से पहले शुरू हो सकता है।
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