पटना। बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। अब चुनाव आयोग ने कैमूर जिले की मोहनिया विधानसभा सीट से राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) की प्रत्याशी श्वेता सुमन का नामांकन रद्द कर दिया गया है। चुनाव आयोग ने श्वेता सुमन को उत्तर प्रदेश की मूल निवासी मानते हुए उनका नामांकन अमान्य करार दिया है। श्वेता सुमन ने मोहनिया सीट से नामांकन दाखिल किया था, लेकिन भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने चुनाव आयोग से शिकायत की थी कि श्वेता बिहार की मूल निवासी नहीं हैं।। बीजेपी का आरोप था कि श्वेता उत्तर प्रदेश के चंदौली जिले की रहने वाली हैं और बिहार की किसी आरक्षित सीट पर चुनाव लड़ने के लिए यहां का मूल निवासी होना जरूरी है। चुनाव आयोग ने बीजेपी की शिकायत पर गौर किया और श्वेता सुमन के डॉक्यूमेंट्स की जांच की। जांच में पाया गया कि श्वेता ने 2020 के चुनाव में भी मोहनिया से नामांकन दाखिल किया था, जिसमें उन्होंने अपना पता उत्तर प्रदेश के चंदौली, सकलडीहा विधानसभा के रूप में दर्ज कराया था। हालांकि, इस बार उन्होंने बिहार का पता दिया था, लेकिन चुनाव आयोग ने इसे पर्याप्त सबूत नहीं माना और उनका नामांकन रद्द कर दिया।
वोटिंग के महज कुछ दिन पहले ही महागठबंधन ने सीटों का बंटवारा नहीं
बिहार चुनाव की दहलीज पर है। दो चरणों में बिहार की सरकार तय होगी। वोटिंग के महज कुछ दिन पहले ही महागठबंधन ने सीटों का बंटवारा तो कर लिया लेकिन 9 सीटें ऐसी हैं, जिन पर महागठबंधन के सहयोगी दल अपना में ही लड़ रहे हैं। पहले चरण में कुल 1314 प्रत्याशी मैदान में हैं। वहीं दूसरे चरण में अभी तक नाम लेने का छूट है। 23 अक्टूबर तक दूसरे चरण के प्रत्याशी अपना नाम वापस से सकेंगे। वहीं 21 साल पुराने केस में आरजेडी प्रत्याशी सिद्धार्थ को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।
BJP सांसद का बड़ा बयान
जनार्दन सिग्रीवाल ने महागठबंधन में 12 सीटों पर एक दूसरे के सामने उम्मीदवार उतारने के मामले पर12 कहा महागठबंधन में सिरफूटवल हो रहा है सेट बटवारा जो नहीं कर पाए सरकार को क्या चल पाएंगे राज्य सिर्फ एनडीए चलाएगी इसके मुख्यमंत्री नीतीश कुमार होगे मोदी है तो मुमकिन है NDA में सीट बटवारा इसका जीता जागता उदाहरण है राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बयान सीट बंटवारे में कुछ समस्याएं होती है जो महागठबंधन में 12 सीटों पर हो रही है उसे पर कहा गहलोत पुराने जमाने के हो गए हैं सूर्यास्त के तरफ गहलोत बढ़ गए हैं वह क्या कह रहे हैं नहीं कह रहे हैं कोई फर्क नहीं पड़ता है