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आंध्र प्रदेश में लाल आतंक पर बड़ा प्रहार : सात नक्सली ढेर, 50 गिरफ्तार, माड़वी हिड़मा का नेटवर्क तबाह

नई दिल्ली। आंध्र प्रदेश पुलिस ने माओवादियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। पुलिस और माओवादियों के बीच हुई गोलीबारी में सात माओवादी मारे गए। आंध्र प्रदेश पुलिस ने कृष्णा, एलुरु, NTR विजयवाड़ा, काकीनाडा और डॉ. बीआर अंबेडकर कोनासीमा जिलों. . .

नई दिल्ली। आंध्र प्रदेश पुलिस ने माओवादियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। पुलिस और माओवादियों के बीच हुई गोलीबारी में सात माओवादी मारे गए। आंध्र प्रदेश पुलिस ने कृष्णा, एलुरु, NTR विजयवाड़ा, काकीनाडा और डॉ. बीआर अंबेडकर कोनासीमा जिलों से 50 CPI (माओवादी) ऑपरेटिव्स को गिरफ्तार किया है, जिससे संगठन के साउथ बस्तर और दंडकारण्य नेटवर्क को बड़ा झटका लगा है।
आंध्र प्रदेश पुलिस बताया कि हिरासत में लिए गए माओवादियों में सीनियर माओवादी लीडर, लॉजिस्टिक्स एक्सपर्ट, कम्युनिकेशन ऑपरेटिव्स और हथियारबंद प्लाटून मेंबर, पार्टी मेंबर शामिल हैं, जिनमें से कई CPI माओवादी पार्टी के सेंट्रल कमेटी मेंबर माडवी हिडमा से करीब से जुड़े थे।

सात माओवादी मारे गए, तीन महिला माओवादी भी शामिल

अमरावती पुलिस ने बताया कि बुधवार को आंध्र प्रदेश के मारेदुमिल्ली में हुई गोलीबारी में सात माओवादी मारे गए। AP इंटेलिजेंस के ADG महेश चंद्र लड्ढा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि मंगलवार के ऑपरेशन के दौरान अब तक सात माओवादी मारे गए हैं। मरने वालों में तीन महिला माओवादी भी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि एक व्यक्ति की पहचान मेतुरी जोखा राव उर्फ शंकर के रूप में हुई है। बाकी मारे गए माओवादियों के पहचान का काम चल रहा है।
अधिकारी ने शुरुआती जानकारी के आधार पर कहा कि श्रीकाकुलम का रहने वाला शंकर आंध्र ओडिशा बॉर्डर (AOB) का इंचार्ज (ACM) था और टेक्निकल चीजों, हथियार बनाने, कम्युनिकेशन में स्पेशलिस्ट था।

अधिकांश हिडमा के करीबी

आंध्र प्रदेश पुलिस बताया कि हिरासत में लिए गए नक्सलियों में सीनियर नक्सली लीडर, लॉजिस्टिक्स एक्सपर्ट, कम्युनिकेशन आपरेटिव्स और हथियारबंद प्लाटून मेंबर, पार्टी मेंबर शामिल हैं, जिनमें से कई नक्सली पार्टी के सेंट्रल कमेटी मेंबर माडवी हिडमा से करीब से जुड़े थे।

20 महीनों में 2200 मुख्यधारा में लौटे

आईजी सुंदरराज ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि 31 मार्च 2026 तक छत्तीसगढ़ को नक्सल मुक्त बनाने का उनका लक्ष्य पूरा हो जाएगा और पिछले 20 महीनों में 2200 से अधिक नक्सली मुख्यधारा में शामिल हो चुके हैं। पिछले कुछ दशकों से वामपंथी उग्रवाद न केवल बस्तर और छत्तीसगढ़ के लिए, बल्कि देश के बड़े हिस्से के लिए एक बड़ी सुरक्षा चुनौती रहा है। पिछले कुछ साल बस्तर क्षेत्र में सुरक्षा बलों के लिए बहुत निर्णायक रहे हैं। पिछले दो सत्रों में, हमने बस्तर क्षेत्र में 450 से अधिक नक्सली शव बरामद किए हैं। इस अवधि में, बसवराजू और अन्य जैसे शीर्ष नक्सली कैडरों के शव बरामद किए गए। पिछले कुछ महीनों में, केंद्रीय समिति और पोलित ब्यूरो के सदस्यों और अन्य संभागीय समिति के सदस्यों सहित 300 से अधिक माओवादी कैडरों ने हिंसा छोड़ने और मुख्यधारा में शामिल होने का फैसला किया है।

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