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अवधेश राय हत्याकांड में मुख़्तार अंसारी को उम्रकैद, एक लाख बीस हजार रुपए का जुर्माना , 32 साल पुराना वो हत्याकांड, जिसने यूपी को हिलाकर रख दिया था

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वाराणसी। बहुचर्चित अवधेश राय हत्याकांड में माफिया मुख्तार अंसारी को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। इसके अलावा मुख्तार अंसारी पर एक लाख बीस हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। वाराणसी की एमपी एमएलए कोर्ट ने आज दोपहर सजा सुनाई।
उत्तर प्रदेश के बहुचर्चित अवधेश राय हत्याकांड में आरोपी मुख्तार अंसारी को कोर्ट ने सोमवार को दोषी करार दे दिया। 32 साल पुराने इस मामले ने उस समय उत्तर प्रदेश की सियासत को हिलाकर रख दिया था। हत्याकांड के आरोप मुख्तार अंसारी और उसके साथियों पर लगे थे। जिस समय अवधेश राय की हत्या की गई, उस समय मुख्तार अंसारी विधायक नहीं था लेकिन इसके कुछ ही दिन बाद उसने राजनीति में भी कदम रख दिया।
32 साल पहले क्या हुआ था
बात साल 1991 की है। 3 अगस्त 1991 की सुबह वाराणसी के चेतगंज थाना इलाके के लहुराबीर में अपने घर के बाहर अवधेश राय छोटे भाई और कांग्रेस के नेता अजय राय के साथ बैठे थे। ठीक इसी सय उनके करीब एक मारुति गाड़ी आकर रुकी। गाड़ी में कई हथियारबंद बदमाश सवार थे। अवधेश राय के पास पहुंचकर हमलावरों ने फायरिंग शुरू कर दी। राय को उन्होंने गोलियों से छलनी कर दिया। जैसे ही वह जमीन पर गिर पड़े हमलावर वहां से भाग खड़े हुए।
अजय राय आनन-फानन में बड़े भाई को कबीर चौरा अस्पताल ले गए लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी। डॉक्टरों ने नब्ज देखी और पूर्व मंत्री अवधेश राय को मृत घोषित कर दिया। मामले में अजय राय ने मुख्तार अंसारी, अब्दुल कलाम, भीम सिंह, कमलेश सिंह और राकेश के खिलाफ केस दर्ज कराया। आरोपियों में कमलेश और अब्दुल कलाम अब इस दुनिया में नहीं हैं। इस हत्याकांड से पूरे उत्तर प्रदेश में हड़कंप मच गया था। मुख्तार ने अपनी पूरी ताकत का इस्तेमाल कर लंबे समय तक इस केस को दबाने की कोशिश की लेकिन अब उसे इस मामले में कोर्ट ने अंजाम तक पहुंचा दिया है।


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