नई दिल्ली। भारतीय नौसेना का युद्धपोत महेंद्रगिरि 1 सितंबर को समुंदर में उतारा जाएगा। मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड मुंबई में प्रोजेक्ट 17ए के तहत तैयार किया गया यह 7वां स्टील्थ फ्रिगेट है। इसका नाम उड़ीसा में महेंद्रगिरि एक पर्वत शिखर पर रखा गया है। प्रोजेक्ट 17ए में कोलकाता के गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स ने तीन युद्धपोत और मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड मुंबई ने तीन युद्धपोत समुंदर में उतार चुके हैं। यह सातवां और आखिरी युद्धपोत है।
अगस्त की 17 तारीख को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने छठे युद्धपोत विंध्यगिरि को कोलकाता में लॉन्च किया। अब सातवां और आखिरी युद्धपोत उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की पत्नी सुदेश धनखड़ 1 सितंबर को मुंबई में लांच करने जा रही हैं। नौ सेना अधिकारियों कि माने तो हिंद महासागर में अब भारत और ताकतवर बनकर उभरने जा रहा है। यह देश की आत्मनिर्भरता का प्रमाण है। इससे हमें स्टील्थ फीचर्स, उन्नत हथियार और सेंसर और प्लेटफ़ॉर्म प्रबंधन सिस्टम मिलने जा रहा है।
क्या है प्रोजेक्ट 17ए?
हिंद महासागर में बढ़ते चीनी दखल और निगरानी के लिए उन्नत किस्म के फिग्रेट तैयार करने के लिए प्रोजेक्ट तैयार किया गया। इसे ही प्रोजेक्ट 17 ए नाम दिया गया। इसके तहत नीलगिरि श्रेणी के सात युद्धपोत भारत में ही तैयार किए जाने थे। इस कड़ी में अब सातवां युद्धपोत समुद्र में उतरने जा रहा है। इसके अलावा भी कई युद्धपोत तैयार किए जा रहे हैं।
ये है खूबी…
एंटीशिप क्रूज मिसाइल डिजाइन
हवा में मार करने वाली मिसाइल
दो 30 एमएम रैपिड फायर बंदूक
एसआरजीएम गन और राकेट लांचर
ट्रिपल टयूब टारपीडो लांचर
ऐसा है युद्धपोत…
विस्थापन: 6,670 टन
लंबाई: 149 मीटर
चौड़ाई: 17.8 मीटर
ड्राफ्ट : 5.22 मीटर
गति: 28 नॉट
रेंज: 10,200 किलोमीटर
क्रू: 226
इंजन: 2 इंजन
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