नई दिल्ली। एअर इंडिया के ‘महाराजा’ अब 76 साल के हो चुके हैं। साल 1946 से एयरलाइंस की पहचान रहे ‘महाराजा’ को अब टाटा समूह रिटायरमेंट पर भेज सकता है। इसके पीछे की वजह भी बेहद दिलचस्प है।
एअर इंडिया का ‘महाराजा’ लोगो 1946 में कंपनी के कमर्शियल डायरेक्टर रहे बॉबी कूका ने डिजाइन किया था। हाल में टाटा समूह और सिंगापुर एयरलाइंस ने एअर इंडिया में एयर विस्तारा के विलय का ऐलान किया है। अब खबर है कि टाटा समूह ने एअर इंडिया की री-ब्रांडिंग के लिए लंदन की ब्रांड एंड डिजाइन कंसल्टेंसी कंपनी ‘फ्यूचरब्रांड्स’ को अपने साथ जोड़ा है।
अमेरिकन एयरलाइंस की री-ब्रांडिंग का अनुभव
फ्यूचरब्रांड्स के पास अमेरिकन एयरलाइंस, 2012 के लंदन ओलंपिक्स और बेंटले जैसी कार कंपनी की री-ब्रांडिंग करने का अनुभव है। अब यही कंपनी एअर इंडिया की पहचान को नए सिरे से संवारने के लिए स्ट्रैटजी बनाएगी, ताकि बदलते वक्त के साथ एअर इंडिया को दुनिया की पसंदीदा एयरलाइंस बनाया जा सके।
‘महाराजा’ को विदा करने की वजह
इस संबंध में जानकारी रखने वाले एक शख्स के हवाले से ईटी ने खबर दी है कि एअर इंडिया की री-ब्रांडिंग में ‘महाराजा’ के लोगो को विदा करने की भी चर्चा है, क्योंकि ये लोगो अब काफी पुराना हो चुका है। कंपनी जिन नई लोकेशन पर अपनी सर्विस शुरू कर रही है, वहां इस लोगो का इस्तेमाल भी नहीं कर रही है। हालांकि ‘महाराजा’ की विदाई को लेकर कंपनी ने अभी अंतिम फैसला नहीं किया है।
नए दौर में नई पहचान की जरूरत
खबर में कहा गया है कि ब्रांडिंग कंसल्टेंट कंपनी की रिपोर्ट पर पहले ग्रुप में कई दौर की बैठक होगी. फिर इस पर आने वाले खर्च का आकलन किया जाएगा। ये देखा जाएगा कि इससे एयरलाइंस को वह पोजिशन मिलेगी या नहीं, जिसका अनुमान टाटा समूह को है. उसी के बाद फैसला होगा। हालांकि कंपनी का ये स्पष्ट मानना है कि आधुनिक दुनिया में इसे नई ब्रांडिंग की जरूरत है, क्योंकि इसे दुनिया में Emirates और Singapore Airlines जैसी एयरलाइंस से प्रतिस्पर्धा करनी है। इस पूरी खबर पर अभी एअर इंडिया की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
टाटा समूह, एअर इंडिया की ब्रांडिंग को लेकर काफी सीरियस है. उसने ‘मेक माय ट्रिप’ से सुनील सुरेश को हायर किया है, जो कंपनी के चीफ मार्केटिंग ऑफिसर हैं। वहीं कंपनी कॉलिन न्यूब्रॉनर को भी लेकर आई है, जो पहले सिंगापुर एयरलाइंस और जेट एयरवेज की ब्रांडिंग पर काम कर चुके हैं।
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