नई दिल्ली। उज्बेकिस्तान के समरकंद में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शिरकत की। खास बात है कि गलवान घाटी पर झड़प के बाद चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और पीएम मोदी आमने-सामने आए। इस दौरान रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भी साथ रहे। शिखर सम्मेलन की शुरुआत से पहले सभी राष्ट्रों के नेताओं ने ग्रुप फोटो में भाग लिया।
कौन-कौन हो रहा है शामिल
शिखर सम्मेलन में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ भी शामिल हो रहे हैं। गुरुवार सुबह नेताओं का समरकंद पहुंचना शुरू हो गया था, लेकिन पीएम मोदी देर शाम ऐतिहासिक शहर पहुंचे। तब तक औपचारिक रात्रि भोज और अन्य कार्यक्रम खत्म हो चुके थे।
पीएम मोदी की मुलाकात
शिखर सम्मेलन के बाद पीएम मोदी उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपति शवकत मिर्जियोयेव, पुतिन और रईसी के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे। खास बात है कि गुरुवार शाम हुए कार्यक्रमों की तस्वीरों में चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग नजर नहीं आए। जाहिर तौर पर उन्होंने इन कार्यक्रमों से दूरी बनाने का फैसला किया था।
प्रधानमंत्री कार्यालय के अनुसार, समरकंद के लिए रवाना होने से पहले गुरुवार को पीएम ने कहा था, ‘एससीओ शिखर सम्मेलन में, मैं सामयिक, क्षेत्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय मुद्दों, एससीओ के विस्तार और संगठन के भीतर बहुआयामी एवं पारस्परिक रूप से लाभकारी सहयोग को और गहरा बनाने के बारे में विचारों का आदान-प्रदान करने के लिए उत्सुक हूं। उज़्बेक अध्यक्षता के तहत व्यापार, अर्थव्यवस्था, संस्कृति और पर्यटन के क्षेत्रों में आपसी सहयोग के बारे में कई निर्णय लिए जाने की संभावना है।’
एससीओ के सदस्य देश
संगठन में भारत के अलावा चीन, रूस, पाकिस्तान, कजकस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान शामिल हैं। बैठक के से पहले सभी नेता ग्रुप फोटो में शामिल होंगे। खास बात है कि बैठक के दौरान लिए गए फैसलों को लेकर समरकंद घोषणापत्र पर हस्ताक्षर किए जाएंगे। बाद में उज्बेक राष्ट्रपति की तरफ से आधिकारिक भोज का आयोजन किया जाएगा।
पीएम मोदी से इन मुद्दों पर कर सकते हैं बात
जानकार बताते हैं कि रईसी ईरान के साथ भारत के तेल की खरीद को दोबारा शुरू करने के मुद्दे को उठाएंगे। अमेरिकी प्रतिबंधों के डर से 2019 में इसे रोक दिया गया था। पीएम मोदी भारत के लिए रवाना होने से पहले उज्बेकिस्तान के पहले राष्ट्रपति इस्लाम कारिमोव के मकबरे पर भी पहुंचेंगे।
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