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दुनिया में 800 करोड़वें बच्चे का जन्म: ईसा के समय धरती पर 20 करोड़ लोग थे, पिछले 24 साल में 200 करोड़ बढ़ी आबादी

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न्यूयॉर्क/नई दिल्ली। दुनिया में 800 करोड़वें बच्चे ने जन्म ले लिया है। जनसंख्या को रियल टाइम ट्रैक करने वाली साइट https://www.worldometers.info/ के मुताबिक, मंगलवार दोपहर करीब 1 बजकर 30 मिनट पर इस बच्चे ने जन्म लिया। इसके साथ ही दुनिया की आबादी भी 8 अरब (800 करोड़) हो गई है। जनसंख्या पर संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट यानी UN Report on Population में भी अनुमान लगाया गया था कि 15 नवंबर 2022 को दुनिया की आबादी 800 करोड़ हो जाएगी।
200 करोड़ की बढ़ोतरी पिछले 24 साल में ही
आबादी में बढ़ोतरी के इस आंकड़े में जो खास बात है, वो ये कि दुनिया की आबादी में 200 करोड़ की बढ़ोतरी पिछले 24 साल में ही हो गई है। 1998 में दुनिया की आबादी 600 करोड़ थी, जो 2010 में बढ़कर 700 करोड़ हो गई। अगले 12 साल यानी 2022 में आबादी में फिर 100 करोड़ का इजाफा हुआ और 15 नवंबर 2022 को दुनिया में 800 करोड़वें बच्चे का जन्म हुआ। दुनिया की आबादी को लेकर ईसा के जन्म के समय के बाद से डेटा उपलब्ध है। यानी दो हजार साल से ज्यादा के समय में आबादी की बढ़ोतरी को हम देख सकते हैं।
आबादी को 100 करोड़ तक पहुंचने में 1800 साल लगे
ये आंकड़े साफ करते हैं कि ईसा के जन्म के समय दुनिया की आबादी 20 करोड़ के करीब थी। इसे 100 करोड़ तक पहुंचने में करीब 1800 साल लगे। इसके बाद यानी 100 करोड़ से 200 करोड़ तक पहुचने में दुनिया को 130 साल ही लगे।
स्वास्थ्य सेवाएं सुधरीं तो 14 साल में 100 करोड़ लोग बढ़े
ओद्यौगिक क्रांति के साथ स्वास्थ्य सेवाओं में तेजी से सुधार हुआ। नतीजे के तौर पर जन्म लेने वाले बच्चों और डिलीवरी के समय मरने वाली महिलाओं की संख्या में कमी आई। इसके साथ ही आबादी में बढ़ोतरी तेज होती गई। अगले 30 साल में दुनिया की आबादी 200 करोड़ से 300 करोड़ हो गई, तो वहीं केवल 14 साल में आबादी 300 करोड़ से 400 करोड़ पहुंच गई।
धरती पर अगले 18 साल में 850 करोड़ इंसान होंगे
ताजा ट्रेंड देखें तो केवल 12 साल में धरती पर मौजूद इंसानों की संख्या 700 करोड़ से बढ़कर 800 करोड़ हो गई। UN के अनुमान के मुताबिक, 2030 तक दुनिया की आबादी बढ़कर 850 करोड़ तक पहुंच सकती है। हालांकि, UN ने यह भी कहा है कि 1950 के बाद से पहली बार 2020 में जनसंख्या बढ़ोतरी की दर में एक फीसदी की गिरावट दर्ज हुई है।
28 साल बाद दुनिया की 50% आबादी 8 देशों में होगी
आबादी पर UN की रिपोर्ट में कहा गया है कि 2050 तक आबादी में से आधे से ज्यादा हिस्सा केवल आठ देशों में होगा। इनमें भारत समेत पाकिस्तान, फिलीपींस, मिस्र, कांगो, नाइजीरिया, तंजानिया​ और ​​​​​​इथियोपिया शामिल हैं। UN ने 61 ऐसे देशों का अनुमान भी लगाया है जिनकी आबादी 2022 से 2050 के बीच घट जाएगी। इनमें सबसे ज्यादा देश यूरोप के होंगे। फिलहाल 46 देशों की आबादी सबसे ज्यादा तेजी से बढ़ रही है, जिनमें से 32 देश सब सहारा अफ्रीका के हैं।
भारत की आबादी चीन से ज्यादा हो सकती है
विश्व जनसंख्या दिवस पर UN ने 11 जुलाई 2022 को आबादी का जो अनुमान जारी किया था, उसमें कहा गया था कि कि 2023 तक भारत की जनसंख्या चीन की आबादी से ज्यादा हो सकती है। इसके साथ ही भारत दुनिया में सबसे ज्यादा पॉपुलेशन वाला देश बन जाएगा। फिलहाल चीन की आबादी 1.426 अरब है और भारत की आबादी 1.412 अरब है। माना जा रहा है कि 2023 में भारत की जनसंख्या बढ़कर 1.429 अरब होने वाली है। साथ ही 2050 तक यह आंकड़ा 1.668 अरब तक पहुंच जाएगा। सदी के मध्य में चीन की आबादी घटकर 1.317 अरब होने का अनुमान है।
दुनिया में युवाओं के मुकाबले महिलाएं-बुजुर्ग बढ़ेंगे
UN की रिपोर्ट के मुताबिक फिलहाल दुनिया में 50.3% पुरुष और 49.7% महिलाएं हैं, लेकिन 2050 तक दोनों की ही संख्या बराबर हो जाएगी। इसके अलावा, अभी वैश्विक जनसंख्या में 65 की उम्र या उससे ज्यादा के लोगों की हिस्सेदारी 10% है। यह 2022 से 2030 के बीच बढ़कर 12% और 2050 तक 16% हो जाएगी। इस दौरान यूरोप और नॉर्थ अमेरिका में हर 4 में से एक व्यक्ति की उम्र 65 साल से ज्यादा होगी।


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