नई नीतीश सरकार में ऐसे बंटेंगे विभाग: जिस पार्टी के पास जितने विधायक, उसे उतना हिस्सा ; सबसे ज्यादा 21 विभाग आरजेडी को, जेडीयू को 12 मिलेंगे
पटना। बिहार में अब नई महागठबंधन सरकार की हिस्सेदारी पर चर्चा शुरू हो गई है। मंत्रिमंडल में उस पार्टी को ज्यादा हिस्सा मिलेगा, जिसके ज्यादा एमएलए होंगे। बुधवार को मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री की शपथ होना है। इसके बाद मंत्रिमंडल में कौन, किसको कौन सा विभाग, किस दल को कितने मंत्री पद और किस दल को कितना वजनदार विभाग दिया जाएगा, इस पर मंथन शुरू हो जाएगा।
अभी तक एनडीए सरकार में भाजपा का बड़ा रोल था। दूसरा नंबर जेडीयू और तीसरा नंबर हम का था। लिहाजा तीन पार्टियां होने की वजह से ज्यादा परेशानी नहीं थी, लेकिन अब सत्ता में आधा दर्जन पार्टियां भागीदारी कर रही हैं। इसलिए विभागों के बंटवारे में थोड़ी मुश्किल आएगी। कांग्रेस ने विधानसभा अध्यक्ष का पद भी मांगा है।
बिहार में 44 विभाग हैं। इन विभागों में संख्या के आधार पर हिस्सेदारी होती है तो ,सबसे ज्यादा मंत्री पद आरजेडी के खाते में जाएंगे। ये तेजस्वी पर निर्भर करता है कि वे जितने विभाग हैं उतने मंत्री रखेंगे या किसी एक मंत्री को अतिरिक्त विभाग देंगे।
ऐसे हो सकता है बंटवारा
हिसाब के मुताबिक,164 विधायकों का समर्थन नीतीश कुमार ने राज्यपाल को सौंपा है। इसमें RJD के 79, JDU के 45, लेफ्ट के 16, कांग्रेस के 19, हम के 4 और एक निर्दलीय की हिस्सेदारी है। 44 विभागों का बंटवारा किया जाएगा तो 3.72 विधायक पर एक विभाग का हिस्सा पड़ता है। संख्या के मुताबिक, आजेडी को 21 विभाग मिलेंगे। वहीं, जदयू को 12 से संतोष करना पड़ेगा। लेफ्ट के 4 विधायकों का समर्थन रहेगा। हम और निर्दलीय को एक-एक मंत्री पद से ही संतोष करना पड़ सकता है। अब ऐसे में महागठबंधन के दलों को तय करना है कि वो संख्या के आधार पर विभागों का बंटवारा करते हैं या फिर सिम्बॉलिक व्यवस्था लाते हैं।
हम और निर्दलीय विधायकों को पुराने विभाग मिल सकते हैं
जेडीयू को शिक्षा, जल संसाधन विभाग, योजना एवं विकास विभाग, ऊर्जा विभाग, कल्याण विभाग, सहकारिता विभाग, आपदा और जनसंपर्क विभाग दिए जा सकते हैं। इसके अलावा, कांग्रेस को राजस्व एवं भूमि सुधार, लोक अभियंत्रण विभाग, मद्य निषेध विभाग, पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग भी दिया जा सकता है। हम और निर्दलीय को उनके पुराने विभाग फिर से सौंपे जा सकते हैं।
अब तक 5 विभाग नीतीश के पास होते हैं
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पास 5 विभाग होते ही हैं। अब सवाल है कि क्या वे अपने इन विभागों को दूसरों को देंगे या नहीं। ऐसा कहा जा रहा है कि सामान्य प्रशासन, गृह, मंत्रिमंडल सचिवालय, निगरानी, निर्वाचन विभाग नीतीश अपने पास ही रखेंगे।
राजद की तरफ से उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव बनते हैं, तो वे पथ निर्माण विभाग और नगर विकास अपने पास रख सकते हैं। वहीं, राजद के पास दूसरे बड़े विभागों में स्वास्थ्य, नगर विकास विभाग, वित्त, वाणिज्य कर, उद्योग, कृषि, श्रम संसाधन आदि हो सकते हैं।
नई कैबिनेट के संभावित चेहरे
राजद : तेजप्रताप यादव, आलोक कुमार मेहता, अनिता देवी, जितेन्द्र कुमार राय, चन्द्रशेखर, कुमार सर्वजीत, बच्चा पांडेय, भारत भूषण मंडल, अनिल सहनी, शाहनवाज/शमीम अहमद, अख्तरुल इस्लाम शाहीन/मो. नेहालुद्दीन, रामचंद्र पूर्वे/समीर महासेठ, भाई वीरेन्द्र/सुरेन्द्र यादव/ललित यादव, कार्तिक सिंह/सौरभ कुमार, वीणा सिंह/सुनील सिंह, रणविजय साहू/मंजू अग्रवाल, संगीता कुमारी/सुरेन्द्र राम
जदयू : विजय कुमार चौधरी, विजेन्द्र प्रसाद यादव, अशोक चौधरी, उपेन्द्र कुशवाहा, शीला कुमारी, श्रवण कुमार, मदन सहनी, संजय कुमार झा, लेशी सिंह, सुनील कुमार, जयंत राज, जमां खान
कांग्रेस : मदन मोहन झा/अजीत शर्मा, शकील अहमद खान, राजेश कुमार
हम : संतोष कुमार सुमन
निर्दलीय : सुमित कुमार सिंह
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