कोलकता। पश्चिम बंगाल दुर्गा पूजा के दौरान राज्य के दुर्गा पूजा कमेटियों को राज्य सरकार की ओर से प्रत्येक को 60-60 हजार रुपये देने की पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की घोषणा का विरोध शुरू हो गया है। पश्चिम बंगाल की विरोधी पार्टी बीजेपी ने पहले ही कहा है कि राज्य में भ्रष्टाचार से लोगों का ध्यान हटाने के लिए ममता बनर्जी ने यह घोषणा की है और अब इसके खिलाफ कलकत्ता हाई कोर्ट में मामला दायर किया गया है।कलकत्ता हाई कोर्ट ने बुधवार को मुख्य न्यायाधीश प्रकाश श्रीवास्तव का अदालत में इस बाबत ध्यान आकर्षित किया गया और जनहित याचिका दायर करने की अनुमति मांगी गई।
कलकत्ता हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने वकील के आवेदन पर मामला दायर करने की अनुमति दी। मुख्य न्यायाधीश ने शीघ्र सुनवाई का भी आश्वासन दिया।प्राप्त जानकारी के अनुसार शुक्रवार को इस मामले की सुनवाई होने की संभावना है।
भ्रष्टाचार पर ध्यान हटाना चाहती है ममता-बोली बीजेपी
बता दें कि ममता बनर्जी ने पूजा कमेटियों को अनुदान देने की घोषणा कर रही है। उसके बाद से बीजेपी लगातार सवाल उठा रही है। बीजेपी का दावा है कि उस पैसे से राज्य में कई विकास किए जा सकते थे। राज्य की पहल को ‘निर्देश की कमी’ बताते हुए बंगाल बीजेपी के प्रवक्ता शमिक भट्टाचार्य ने कहा, “राज्य सरकार सरकारी कर्मचारियों को महंगाई भत्ता देने में सक्षम नहीं है। किसी भी हाल में विकास नहीं हुआय अस्पताल में दवा खरीदने के लिए पैसे नहीं हैं। इस स्थिति में दिशाहीन सरकार पैसा बर्बाद कर रही है.” शमिक ने यह भी दावा किया कि ‘दान’ राज्य की मौजूदा स्थिति और भ्रष्टाचार के आरोपों में विभिन्न जांचों से ध्यान हटाने का एक प्रयास है। उन्होंने कहा, “दरअसल ममता बनर्जी क्लब खरीदकर ‘चोरों’ के शोर को रोकना चाहती हैं।लेकिन क्या यह काम करेगा? बल्कि अगर वह उस पैसे को राज्य के विकास पर खर्च करते तो बंगाल को फायदा होता।”
पूजा पर राज्य सरकार के खर्च होंगे 258 करोड़ रुपये
शमिक ने कहा, “यह देखना आम बात है कि उस पैसे का क्या किया जा सकता था।” मुख्यमंत्री द्वारा दी गई गणना के अनुसार कुल 43 हजार पूजा समितियों को 60 हजार रुपये दिए जाएंगे। इस पर सरकार को कुल 258 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। इसके बाद 1 सितंबर को कोलकाता में जुलूस और राज्य भर के जिलों, पूजा कार्निवल में भी सरकारी खर्च पर अरबों रुपये खर्च होंगे। लेकिन अगर 258 करोड़ का हिसाब लगाया जाए तो बंगाल में बहुत कुछ संभव हो सकता था।” हालांकि तृणमूल के प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा, ”राज्य की अर्थव्यवस्था भी दुर्गा पूजा से जुड़ी है। असंगठित श्रमिकों को पैसा पहुंचाने के लिए राज्य सरकार साल में एक बार यह पहल करती है।”