पटना। बिहार के सासाराम और नालंदा हिंसा को लेकर बुधवार को विधानसभा के बाहर भाजपा ने जमकर बवाल काटा। विधानसभा के अंतिम दिन भाजपा के विधायक हिंसा को लेकर वेल में पहुंचे और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। इसके बाद मार्शल के जरिए भाजपा विधायकों को बाहर कराया गया। इसके बाद भाजपा विधायकों ने विधानसभा के बाहर जमकर बवाल किया।
भाजपा का आरोप है कि सरकार दंगाईयों के खिलाफ सख्ती नहीं कर रही है, बल्कि हिंदुओं के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। बता दें कि आज बिहार विधानसभा का अंतिम दिन है। सुबह 11 बजे जैसे ही विधानसभा की कार्यवाही शुरू हुई, बिहार के सासाराम और नालंदा में हुए दंगों को लेकर बीजेपी के विधायकों ने हंगामा शुरू कर दिया। सदन के अंदर बीजेपी विधायक की ओर से किए जा रहे हंगामे को लेकर भाजपा विधायक जीवेश मिश्रा को मार्शल के जरिए बाहर निकलवा दिया गया।
नीतीश कुमार बोले- जानबूझकर गड़बड़ी की गई, इसलिए ऐसे हालात बने
विधानसभा के बाहर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार में रामनवमी पर दो जगह दंगे पर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि दोनों जगह कुछ लोगों ने जानबूझ कर गड़बड़ी की, जिसके बाद ऐसे हालात बने। उन्होंने कहा कि बिहार में पहले बहुत ही झंझट होता था, लेकिन हमारे आने के बाद यह सब खत्म हुआ। उन्होंने कहा कि हमने इस हालात को काबू करने के लिए मुस्तैदी से काम किया है।
नीतीश कुमार ने कहा कि हर घर में जाकर जानकारी ली जा रही है। कुछ दिन बाद घटना का कारण पता चलेगा। उन्होंने ये भी दावा किया कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को सासाराम में जाना था, इसलिए घटना करवाया गया। नीतीश ने कहा कि जानबूझकर बिहार में यह घटनाएं कराई गई हैं। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया के माध्यम से दुष्प्रचार किया जा रहा है।
भाजपा सिर्फ बातें करती है
नीतीश कुमार ने कहा कि बीजेपी सिर्फ बातें करती है। हम घटनाओं के दोषियों पर कार्रवाई करवाते हैं, फिर चाहे वह कोई भी हो। उन्होंने कहा कि भाजपा को हमारे बारे में कुछ पता नहीं है। उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल जी भी इन लोगों से काफी नाराज थे। उन्होंने ये भी कहा कि सासाराम और बिहार शरीफ की घटना प्रशासनिक लापरवाही नहीं हुई है, बल्कि जानबूझकर घटनाओं को अंजाम दिलाया गया है और जिन्होंने गड़बड़ी की है उसके बारे में जल्द पता चल जाएगा।
अमित शाह का दरवाजा कौन सा है?
अमित शाह के की ओर से बार-बार ये बयान देना कि नीतीश कुमार के लिए बीजेपी के रास्ते बंद हो गए हैं, पर बिहार के मुख्यमंत्री ने पूछा कि अमित शाह का कौन दरवाजा है? उन्होंने कहा कि बीजेपी को याद रखना चाहिए कि मेरे साथ रहकर उनको राजनीति में कितना फायदा मिला, ये उन्हें भूलना नहीं चाहिए। ओवैसी को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा कि वे केंद्र सरकार के एजेंट हैं। वे भाजपा के खास हैं, इसलिए वे हमलोगों के खिलाफ जानबूझकर बोलते रहते हैं। नीतीश ने ये भी कहा कि जब ओवैसी बिहार आए थे तब वो मुझसे मिलना चाहते थे, लेकिन मैंने उन्हें मना कर दिया।
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