लद्दाख में में भारत से जारी तनाव को लेकर चीनी रक्षा मंत्रालय का अहम बयान, विवाद सुलझाने पर कही ये बात
बीजिंग। भारत और चीन ने पूर्वी लद्दाख से संबंधित शेष मुद्दों के समाधान को लेकर सैन्य स्तर की वार्ता के दौरान गहन चर्चा हुई। इस दौरान दोनों पक्ष अहम मुद्दों पर मिलकर काम करने को लेकर सहमत हो गए हैं। चीन के रक्षा मंत्रालय द्वारा मंगलवार को जारी बयान में कहा गया है कि भारत और चीन के शीर्ष सैन्य अधिकारियों के बीच हाल ही में बातचीत हुई। इस दौरान पूर्वी लद्दाख में लंबे समय से जारी गतिरोध से जुड़े मुद्दों के समाधान को तेज पर सहमति जताई है। साथ ही वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर शांति बनाए रखने के लिए कहा है।
रविवार को भी हुई थी बैठक
पूर्वी लद्दाख के शेष विवादित मुद्दों को हल करने के लिए भारत और चीन के बीच रविवार को कोर कमांडर स्तर की 18वें दौर की वार्ता हुई थी। यह बैठक पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीनी क्षेत्र की ओर स्थित चुशुल-मोल्डो सीमा केंद्र पर हुई। चीन के रक्षा मंत्री ली शांगफू की प्रस्तावित भारत यात्रा से पहले यह बैठक हुई है जो शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की रक्षा मंत्री स्तर की एक महत्वपूर्ण बैठक में भाग लेने यहां आएंगे। यह बैठक भारत की अध्यक्षता में हो रही है।
दोनों पक्ष अपने-अपने विचारों पर स्पष्ट
पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने बयान जारी किया है। उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों के बीच प्रासंगिक मुद्दों पर विचारों का स्पष्ट आदान-प्रदान हुआ है। दोनों पक्षों ने सैन्य एवं राजनयिक चैनलों के माध्यम से निकट संपर्क और संवाद बनाए रखने और शेष मुद्दों के परस्पर स्वीकार्य समाधान पर काम करने को लेकर सहमत जताई है।
सुरक्षा और स्थिरता बनाए रखने पर भी सहमत
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माओ निंग ने सोमवार को बीजिंग में मीडिया को बताया था कि दोनों पक्ष पश्चिमी सेक्टर में जमीनी स्तर पर सुरक्षा और स्थिरता बनाए रखने पर भी सहमत हुए हैं। दोनों पक्षों ने पश्चिमी सेक्टर में एलएसी से संबंधित प्रासंगिक मुद्दों के समाधान पर खुलकर और गहन चर्चा की ताकि सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति एवं स्थिरता कायम रखी जा सके जिससे द्विपक्षीय संबंधों में प्रगति सुगम हो सके।
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