विक्टोरिया गौरी ने मद्रास हाईकोर्ट जज के रूप में ली शपथ, सुप्रीम कोर्ट ने नियुक्ति के खिलाफ याचिका खारिज की
मद्रास। वकील लक्ष्मण चंद्र विक्टोरिया गौरी ने मंगलवार को मद्रास हाईकोर्ट में अतिरिक्त जज के तौर पर शपथ ली। उधर, सुप्रीम कोर्ट ने उनकी नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया। मद्रास उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश टी राजा ने राष्ट्रपति द्वारा जारी नियुक्ति आदेश पढ़ने सहित अन्य परंपराओं के बाद गौरी को अतिरिक्त न्यायाधीश पद की शपथ दिलाई। गौरी के अलावा चार अन्य लोगों ने भी मद्रास उच्च न्यायालय के अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में शपथ ग्रहण की।
इससे पहले, शीर्ष अदालत ने न्यायाधीश के रूप में गौरी की नियुक्ति को चुनौती देने वाली एक याचिका पर सुनवााई करने से इनकार कर दिया। न्यायमूर्ति संजय खन्ना और न्यायमूर्ति बी आर गवई की विशेष पीठ ने कहा, “हम रिट याचिका पर विचार नहीं कर रहे हैं। वजहें बताई जाएंगी।” उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को गौरी की मद्रास उच्च न्यायालय में न्यायाधीश के तौर पर नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका पर सात फरवरी को सुनवाई करने का फैसला किया था। शीर्ष अदालत के फैसले के ठीक पहले केंद्र ने न्यायाधीश के रूप में गौरी की नियुक्ति को अधिसूचित किया था।
याचिकाकर्ता वकीलों-अन्ना मैथ्यू, सुधा रामलिंगम और डी नागसैला ने अपनी याचिका में गौरी द्वारा मुसलमानों और ईसाइयों के खिलाफ की गई कथित घृणास्पद टिप्पणियों का उल्लेख किया था। याचिका में कहा गया था, “याचिकाकर्ता न्यायपालिका की स्वतंत्रता के लिए ‘गंभीर खतरे’ को देखते हुए चौथे प्रतिवादी (गौरी) को उच्च न्यायालय की न्यायाधीश के रूप में शपथ लेने से रोकने के वास्ते उचित अंतरिम आदेश जारी करने की मांग कर रहे हैं।”
सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने 17 जनवरी को मद्रास उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में अधिवक्ता गौरी की पदोन्नति का प्रस्ताव दिया था।मद्रास हाईकोर्ट के वकीलों के एक समूह ने गौरी की प्रस्तावित नियुक्ति का विरोध किया, जब गौरी के भाजपा से जुड़े होने और ‘लव जिहाद’ व अवैध धर्मातरण सहित मुसलमानों और ईसाइयों के बारे में उनके कुछ बयान सामने आए।
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