साउथ की राह पर सारी फिल्म इंडस्ट्रीज ! पैन इंडिया फिल्में बनाने में जुटे फिल्ममेकर्स, उधर शिफ्ट हो रहे एक्टर्स
मुंबई। एक वक्त था जब साउथ की फिल्मों को टीवी पर आने वाली डब रीजनल फिल्मों की तरह देखा जाता था, लेकिन आज वही इंडस्ट्री बड़े स्तर पर इंटरनेशनल स्तर की फिल्में बना रही है। इसका असर अब बाकी रीजनल फिल्म इंडस्ट्री पर देखने को मिल रहा है। इसी को लेकर हमने पंजाबी, भोजपुरी, हरियाणवी फिल्म और म्यूजिक इंडस्ट्री के जाने-माने कलाकारों से बात की।
रीजनल्स इंडस्ट्रीज पैन इंडिया प्रोजेक्ट पर कर रहीं काम
साउथ फिल्मों के पैन इंडिया स्तर पर बनाए जाने के बाद अब बाकी रीजनल इंडस्ट्रीज भी इस दिशा में आगे बढ़ रही हैं। भारत में भोजपुरी, पंजाबी, हरियाणवी जैसी तमाम रीजनल फिल्म इंडस्ट्रीज हैं, जो अब रीजनल फिल्मों को पैन इंडिया की तर्ज पर बनाने को लेकर काम कर रही हैं। पंजाबी फिल्म इंडस्ट्री के फेमस ऐक्टर और कॉमिडियन गुरप्रीत घुग्गी कहते हैं, ‘पंजाबी इंडस्ट्री में अब एक बड़ा रेव्यूलेशन आ रहा है। पैन इंडिया को लेकर अब इंडस्ट्री ऐक्टिव नजर आ रही है। हमारी फिल्म मस्ताने पांच भाषाओं में रिलीज हो रही है, जिसमें पंजाबी के अलावा हिंदी, तमिल, तेलुगू और मराठी में फिल्म डब की गई है। ये पहली पंजाबी फिल्म है जो पांच भाषाओं में आ रही है। दूसरी तरफ पंजाबी फिल्म कैरी ऑन जट्टा को ही ले लें। फिल्म 100 करोड़ के क्लब में शामिल हो गई है। फिल्म पंजाब में ही नहीं बल्कि साउथ में भी दर्शकों ने सबटाइटल्स के साथ देखी।’ वहीं इस बारे में ऐक्टर रवि किशन कहते हैं, ‘भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री में तो हमने पैन इंडिया फिल्म बनाना शुरू कर दिया है। मैंने हाल ही में फिल्म महादेव का गोरखपुर नाम से फिल्म बनाई है, जिसे हमने पैन इंडिया लेवल पर बनाया है। इतना ही नहीं इस फिल्म को साउथ के फिल्ममेकर बना रहे हैं।’
एक-दूसरे के प्रोजेक्ट्स में भी कर रहे काम
आजकल बॉलिवुड और साउथ के स्टार्स एक-दूसरे के प्रोजेक्ट्स में काम भी कर रहे हैं। ऐसा ही कुछ रीजनल इंडस्ट्री में देखने को भी मिल रहा है। हरियाणा की फेमस डांसर सपना चौधरी ना सिर्फ हरियाणा में बल्कि दूसरी रीजनल इंडस्ट्री में भी काम कर चुकी हैं। सपना चौधरी कहती हैं, ‘मैंने तो बिग बॉस से पहले ही भोजपुरी के लिए पहली बार काम किया था। जब एक गाना तैयार होता है, तब उसमें एक ऐसे आर्टिस्ट के आने से जो लोगों के बीच फेमस होता है, उसका बड़ा फर्क पड़ता है। ना सिर्फ दूसरी भाषा के दर्शक आपको देखते हैं बल्कि आप जिस रीजनल इंडस्ट्री से आते हैं वहां के दर्शक भी आपको देखते हैं, तो ये इंडस्ट्री के लिए अच्छा है।’ हरियाणवी सिंगर विश्वजीत चौधरी के गाने मटक मटक में भोजपुरी इंडस्ट्री के स्टार खेसारी लाल यादव ने काम किया था। विश्वजीत चौधरी कहते हैं, ‘हमने अपने गाने में खेसारी लाल यादव को लिया था जो उत्तर प्रदेश और बिहार का बड़ा नाम है। वो गाना ऑल इंडिया में ट्रेंड किया था। हमें लगता है इसका रीजनल इंडस्ट्री पर काफी पॉजिटिव असर पड़ता है।’ जहां एक तरफ रीजनल इंडस्ट्री के कलाकार एक-दूसरे के प्रोजेक्ट्स में काम कर रहे हैं, वहीं पंजाबी फिल्म इंडस्ट्री में बॉलिवुड स्टार्स की रुचि बढ़ रही है। हाल ही में खबर आई थी कि संजय दत्त गिप्पी ग्रेवाल के साथ उनकी फिल्म ‘शेरां दी कौम पंजाबी’ से पंजाबी फिल्म इंडस्ट्री में डेब्यू करने जा रहे हैं। वहीं फिल्म मस्ताने में भी बॉलिवुड ऐक्टर राहुल देव अहम रोल में हैं।’
फाइनेंसर पैसा लगाने से नहीं घबराता
साउथ फिल्म इंडस्ट्री का नैशनल सिनेमा बनकर सामने आना, पैन इंडिया फिल्में बनाना और एक-दूसरे की इंडस्ट्री में कलाकारों का काम करना कहीं ना कहीं रीजनल फिल्म और म्यूजिक इंडस्ट्रीज के लिए सकारात्मक बदलाव लेकर आया है। इस बारे में ऐक्टर रवि किशन बताते हैं, ‘जब रीजनल फिल्म इंडस्ट्री में कोई पैन इंडिया फिल्म बनाता है या एक-दूसरे की इंडस्ट्री से कलाकार आकर काम करते हैं तो मैं इसको बहुत अच्छा समझता हूं। तब लोगों का विश्वास तो बढ़ता ही है साथ ही फाइनेंसर भी प्रोजेक्ट में पैसा लगाने से हिचकते नहीं हैं।’ टीवी ऐक्टर और हरियाणवी फिल्ममेकर संदीप बासवान बताते हैं, ‘ऐक्टर का कोई धर्म या कास्ट नहीं होती है। अगर उन्हें अच्छा काम और पैसे मिलें तो वह दूसरी रीजनल इंडस्ट्री में काम क्यों ना करें। लेकिन अपनी फिल्मों को उससे भी आगे ले जाने के लिए आपको रीजनल फिल्म को भी अलग-अलग भाषा में डब करना पड़ेगा।’ बकौल गुरप्रीत घुग्गी, ‘देखिए साउथ के नैशनल सिनेमा बनकर उभरने से पंजाबी फिल्म इंडस्ट्री को भी काफी कुछ सीखने को मिला है। हमने सीखा है टैक्निकली साउंड हाेकर कैसे काम किया जाता है। कुछ चीजों को कितनी मेहनत से फिल्माया जाता है, ये नहीं सोचा जाता कि हीरो है तो लोग फिल्म को पसंद कर ही लेंगे।’
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