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हिमाचल में बस पर पहाड़ी से मलबा गिरा: 15 लोगों की मौत, 2 बच्चे बचाए, छत उखड़कर खाई में गिरी, पीएम, राष्ट्रपति, गृह मंत्री और सीएम ने जताया दुख

बिलासपुर। हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश के बीच बिलासपुर के मरोतन से घुमारवीं जा रही 32 सीटर निजी बस पर पहाड़ से भारी भरकम चट्टानों के साथ मलबा आ गिरा। मंगलवार शाम को हुए इस हादसे में 15 लोगों की. . .

बिलासपुर। हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश के बीच बिलासपुर के मरोतन से घुमारवीं जा रही 32 सीटर निजी बस पर पहाड़ से भारी भरकम चट्टानों के साथ मलबा आ गिरा। मंगलवार शाम को हुए इस हादसे में 15 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। भाई-बहन दो बच्चों को सुरक्षित निकाल लिया गया है। इन्हीं बच्चों के परिवार के चार सदस्यों की हादसे में मौत हो गई है। बस में कुल 18 लोग सवार थे। स्थानीय निवासी आठ वर्षीय राहुल लापता है। राहुल की मां बिमला का शव बरामद हो गया है।
हादसा बरठीं में भल्लू पुल के पास शुक्र खड्ड किनारे हुआ। पहाड़ी से मलबा गिरने से निजी बस की छत उखड़कर खड्ड के किनारे जा गिरी, जबकि सारा मलबा बस में बैठी सवारियों पर आ गिरा।
पुलिस के अनुसार, मंगलवार शाम 6:30 बजे मरोतन से घुमारवीं जा रही बस पर अचानक पहाड़ी से मलबा गिर गया। हादसे के बाद चीख पुकार मच गई। पीछे से आ रहे गाड़ी चालकों ने इसकी सूचना पुलिस प्रशासन को दी। मौके पर राहत और बचाव कार्य जारी है।

मरोतन, बरठीं और बीच के स्टैंड से सवार हुए थे लोग

पुलिस और स्थानीय लोगों ने सबसे पहले मलबे से आरुषि (10) और शौर्य (8) को निकालकर उपचार के लिए बरठीं अस्पताल में भर्ती कराया गया। यहां से उन्हें एम्स बिलासपुर रेफर कर दिया गया है। बस में मरोतन, बरठीं और बीच के स्टेशनों से लोग सवार हुए थे।
ज्यादातर नौकरी और काम से लौटने वाले लोग हैं। पुलिस प्रशासन ने अभी रेस्क्यू अभियान बंद नहीं किया है। एनडीआरएफ भी मौके पर डटी रही। एसपी संदीप धवल, एसडीएम गौरव चौधरी, झंडूता विधायक जीत राम कटवाल ने भी मौके पर दौरा किया। हादसे की सूचना मिलने के बाद कुल्लू दशहरा के समापन को लिए पहुंचे उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री कार्यक्रम को छोड़ हादसा स्थल के लिए निकले।

घायल भाई-बहन की मां, दो चचेरे भाइयों और चाची की गई जान

फगोग गांव की घायल आरुषि (10) और शौर्य (8) की मां कमलेश कुमारी की भी मौत हो गई है। उनके साथ बस में जा रहे दो चचेरे भाई नक्श और आरव और उनकी मां अंजना कुमारी की भी जान चली गई। एक ही परिवार के चार लोगों की मौत से हर कोई सन्न है। अंजना कुमारी और कमलेश कुमारी का मायका गंगलोह थेह गांव में है।

मायके से अपने ससुराल फगोग जा रही थी देवरानी और जेठानी

बताया जा रहा है कि दोनों देवरानी और जेठानी मायके से अपने ससुराल फगोग जा रही थी कि हादसे का शिकार हो गई। शवों को पहचान के लिए बरठीं अस्पताल रखा गया है। यहां चीख-पुकार से माहौल गमगीन हो गया। हादसे की खबर फैलते ही परिजन अस्पताल पहुंचे। अस्पताल में पीड़ित परिवार के सदस्यों को लोग सांत्वना दे रहे थे। कोई उन्हें पानी पिला रहा था तो कोई आंसू पोंछ रहा था।

चालक-परिचालक की मौत कंडक्टरी कर रहा मालिक पहले उतर गया था बरठीं में

पुलिस के अनुसार, हादसे में चालक और परिचालक की भी मौत हो गई है। बस का मालिक राजकुमार पहले खुद कंडक्टरी कर रहा था। बस का नाम मां पर संतोषी रखा है। हादसे से पहले वह बरठीं में उतर गया। उसने वहां दूसरे परिचालक को आगे जाने के लिए कहा और कुछ ही दूरी पर हादसा हो गया। इसमें नए परिचालक की मौत हो गई। बताया जा रहा है कि वाल्मीकि जयंती की छुट्टी होने के चलते रोजाना की तरह बहुत ज्यादा सवारियां नहीं थीं।

हादसे में इन 15 लोगों की गई जान

बख्शी राम (भल्लू), नरेंद्र (छत), कृष्णलाल (थापना नरली), रजनीश, चुन्नी (बरड़), सोनू (कच्युत), शरीफ खान (मलांगण), बिमला (देण), आरव, कमलेश, अंजना, नक्श (फगोग), प्रवीण (डोहग), कांता देवी (सियोथा), संजीव (मैड) की मौत हुई है।

पीएम, राष्ट्रपति, गृह मंत्री और सीएम ने जताया दुख

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बरठीं में हुए बस हादसे पर दुख व्यक्त किया है। पीएमओ की ओर से जारी बयान के अनुसार पीएम ने प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख और घायलों को 50-50 हजार रुपये देने की घोषणा की है। उधर, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, गृह मंत्री अमित शाह, सीएम सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने भी बिलासपुर हादसे पर गहरा शोक व्यक्त किया है। सीएम सुक्खू ने कहा कि सरकार कठिन समय में प्रभावित परिवारों के साथ मजबूती से खड़ी है।

साढ़े तीन घंटे की मशक्कत के बाद मलबे से निकाले 15 शव

बिलासपुर के बरठीं के भल्लू में हुए हादसे में मलबे में दबे 15 शवों निकालने के लिए करीब साढ़े तीन घंटे का समय लगा। करीब साढ़े छह बजे हादसा हुआ। इसके तुरंत बाद रेस्क्यू अभियान शुरू हुआ। रात 10 बजे तक 15 शव और दो बच्चों को सुरक्षित निकाला गया।
बारिश थमते ही भल्लू पुल की पहाड़ी बस पर आ गिरी और पूरी बस मलबे में दब गई। हादसे की आवाज सुनते ही आसपास के लोग मौके पर पहुंचे। इस दौरान बस पूरी तरह मलबे में दब चुकी थी। बस की छत उखड़कर नीचे जा गिरी। सूचना मिलते ही पुलिस, प्रशासन और दमकल विभाग की टीमें मौके पर पहुंचीं।

कुत्तों की सहायता से शवों को ढूंढा

अंधेरा और लगातार मिट्टी गिरने से रेस्क्यू कार्य में भारी परेशानी हुई। साढ़े तीन घंटे तक चले राहत कार्य में एनडीआरएफ की टीम ने कुत्तों की सहायता से शवों को ढूंढ निकाला। देर रात तक जेसीबी और अन्य मशीनों की मदद से मलबा हटाने का काम चलता रहा।

इलाके में शोक की लहर

हादसे के बाद पूरे इलाके में शोक की लहर है। बस के मलबे से शव निकलते ही लोगों की आंखें नम हो गईं। प्रशासन ने घटनास्थल के आसपास वाहनों की आवाजाही रोक दी है। अधिकारियों ने बताया कि राहत और बचाव दल पूरी रात घटनास्थल पर तैनात रहेगा ताकि कोई लापता व्यक्ति पीछे न छूट जाए।