Home » खेल » भारतीय क्रिकेट इतिहास की सबसे बड़ी शर्मनाक हार : न बैटिंग में दम, न बॉलिंग में धार, इन 5 कारणों के चलते टीम इंडिया का बंटाधार

भारतीय क्रिकेट इतिहास की सबसे बड़ी शर्मनाक हार : न बैटिंग में दम, न बॉलिंग में धार, इन 5 कारणों के चलते टीम इंडिया का बंटाधार

गुवाहाटी। भारत को दूसरे टेस्ट मैच में 408 रनों से हार का सामना करना पड़ा। भारत को साउथ अफ्रीका ने 549 रन का टारगेट दिया था, भारतीय टीम लक्ष्य का पीछा करते हुए 140 रन ही बना सकी। इस हार. . .

गुवाहाटी। भारत को दूसरे टेस्ट मैच में 408 रनों से हार का सामना करना पड़ा। भारत को साउथ अफ्रीका ने 549 रन का टारगेट दिया था, भारतीय टीम लक्ष्य का पीछा करते हुए 140 रन ही बना सकी। इस हार के साथ ही सीरीज भी भारतीय टीम 2-0 से हार गई।भारतीय टीम को टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में यह सबसे बड़ी बार नसीब हुई है।इस हार के पांच गुनाहगार कौन-कौन है, जानते हैं।

स्पिन न खेल पाने की वजह

दुर्भाग्य है टीम इंडिया का जिस भारतीय टीम के बल्लेबाजों को स्पिनर्स के खिलाफ बेहतरीन बल्लेबाज माना जाता था, अब वही टीम के बल्लेबाज स्पिनर्स के खिलाफ बेबस नजर आ रहे हैं। स्पिन खेलने में महारत भारतीय बल्लेबाजों का इस तरह से बल्लेबाजी करना, किसी दुर्भाग्य से कम नहीं है। अब भारत के बल्लेबाजों से बेहतर स्पिन विरोधी टीम के बल्लेबाज खेल रहे हैं। सेनुरन मुथुसामी और ट्रिस्टन स्टब्स की बल्लेबाजी इस बात पुख्ता सबूत है।

कोच गौतम गंभीर की रणनीति

भारत की सीरीज में मिली हार ने सबसे बड़ा जख्म दे दिया है। भारत की हार पर सबसे ज्यादा आलोचना गौतम गंभीर की होगी। बतौर कोच गंभीर अपने घर में विफल हो गए हैं। भारत को न्यूजीलैंड के बाद अब साउथ अफ्रीका से घरेलू सीरीज में सीरीज हार का जख्म झेलना पड़ा है। गंभीर की कोचिंग में भारत के टेस्ट परफॉर्मेंस में गिरावट आई है। गंभीर की कोचिंग में टीम को जीत से ज़्यादा हार मिली है, भारत बार-बार 300 से ज़्यादा का स्कोर बनाने में नाकाम रहा है। यह गिरावट विराट कोहली और रोहित शर्मा के टेस्ट क्रिकेट से हाल ही में रिटायरमेंट के बाद आई है।ये दो दिग्गज खिलाड़ी हैं, जिन्होंने एक दशक से ज़्यादा समय तक भारत की बैटिंग लाइनअप को संभाला था।

न्यूज़ीलैंड से 3-0 से वाइटवॉश

भारत को पिछले साल न्यूज़ीलैंड के खिलाफ़ घरेलू सीरीज़ में 3-0 से वाइटवॉश का सामना करना पड़ा, इसके बाद बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में ऑस्ट्रेलिया से 3-1 से हार मिली, जिसके दौरान वे वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल के लिए क्वालीफाई करने से भी चूक गए थे।

प्लेइंग इलेवन को लेकर कंफ्यूजन

भारतीय टीम टेस्ट टीम में एक परफेक्ट इलेवन का चुनाव करने में विफल हो गई है। लगातार दूसरे टेस्ट में भारतीय टीम की इलेवन पर सवाल खड़े हो गए हैं। खासकर बल्लेबाजों को लेकर, ओपनर के तौर पर केएल राहुल और जायसवाल दोनों टेस्ट मैच में विफल रहे हैं। टेस्ट स्पेशलिस्ट की कमी भारतीय बल्लेबाजी क्रम में साफ झलक रही है. कोच गंभीर ने इस सीरीज के दोनों टेस्ट में चार-चार स्पेशलिस्ट बल्लेबाज खिलाए लेकिन एक भी बल्लेबाज ने शतक नहीं बनाया। ध्रुव जुरैल और नीतीश कुमार रेड्डी का अच्छी तरह से उपयोग भारतीय टीम नहीं कर पा रही है। टीम कॉम्बिनेशन का चयन करने में टीम मैनेजमेंट पूरी तरह से विफल रही है।

नंबर 3 का प्रयोग, बल्लेबाजी क्रम का अता-पता नहीं

ये क्या हो रहा है. नंबर 3 पर अबतक एक भी ऐसा बल्लेबाज भारत को नहीं मिल पाया है जो चेतेश्वर पुजारा की जगह ले सके, जो मिस्टर डिपेंडेबल हो.नंबर 3 का ज्यादा से ज्यादा प्रयोग करके इस क्रम पर बल्लेबाजी करने वाले बल्लेबाजों को अंदर टीम से बाहर होने का भय सताने लगा है। इसका उदाहरण इस टेस्ट मैच में बखूबी दिखा। पहले टेस्ट में वाशिंगटन सुंदर को नंबर 3 पर भेजा गया था और साई सुदर्शन को इलेवन से बाहर रखा गया था। वहीं, अब दूसरे टेस्ट में सुंदर को नंबर 8 पर बैटिंग के लिए भेजा गया और सुदर्शन को नंबर 3 पर लाया गया।
भारतीय टीम प्रबंधन स्थायी बल्लेबाज नहीं खोज पा रहा है जो यकीनन एक चिंता का विषय है। शुभमन गिल, केएल राहुल, करुण नायर , साई सुदर्शन और वॉशिंगटन को इस क्रम पर आजमाया जा चुका है और किसी ने भी शुभ संकेत नहीं दिए हैं। यही नहीं, पांचवें नंबर पर कौन बल्लेबाज बैटिंग करेगा यह भी तय नहीं है। कभी ऋषभ पंत तो कभी ध्रुव जुरैल तो कभी जडेजा इस क्रम पर बल्लेबाजी कर रहे हैं, वीवीएस लक्ष्मण और अजिंक्य रहाणे जैसे बल्लेबाज कभी इस नंबर पर स्थायी रूप से बल्लेबाजी करते थे और टीम इंडिया के लिए बड़ी से बड़ी पारी खेलते थे।

घरेलू परिस्थितियों और मनचाही पिच पर भी विफल टीम इंडिया

क्या भारतीय टीम मैनेजमेंट घरेलू परिस्थितियों और मनचाही पिच का लाभ नहीं उठा पा रही है। इसका कारण भारत को अपने घर पर हार मिलना है। न्यूजीलैंड के खिलाफ सीरीज हार और अब साउथ अफ्रीका से सीरीज हारना, इस जख्म को और भी गहरा बना रहा है। गौतम गंभीर जबसे कोच बने हैं तब से भारत को घर में खेले 9 टेस्ट में से चार में हार मिली है।भारतीय टीम अपने घर पर खेल रहे मैचों का फायदा नहीं उठा पा रही है।

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