Headlines

सुवेंदु अधिकारी के काफिले पर हमला, वाहन क्षतिग्रस्तHrithik Roshan : ऋतिक रोशन ने इसके लिए दोबारा इंस्टॉल किया इंस्टाग्राम, बताया ‘अब तक का सबसे बेहतरीन शो’Bihar Traffic Rules : बिहार में ट्रैफिक रूल्स पर सख्ती: ये डॉक्यूमेंट साथ न हों तो फंस सकते हैं भारी जुर्माने मेंसुवेंदु अधिकारी के काफिले पर हमला, वाहन क्षतिग्रस्तHrithik Roshan : ऋतिक रोशन ने इसके लिए दोबारा इंस्टॉल किया इंस्टाग्राम, बताया ‘अब तक का सबसे बेहतरीन शो’Bihar Traffic Rules : बिहार में ट्रैफिक रूल्स पर सख्ती: ये डॉक्यूमेंट साथ न हों तो फंस सकते हैं भारी जुर्माने में
Home » कुछ हटकर » रकून कुत्तों : ये किस तरह के कुत्ते हैं जिनसे कोरोना फैलने का दावा किया जा रहा है?

रकून कुत्तों : ये किस तरह के कुत्ते हैं जिनसे कोरोना फैलने का दावा किया जा रहा है?

यूनिवर्स टीवी डेस्क। कोरोना वायरस पर एक नई स्टडी सामने आई है। चीन की वुहान मार्केट के बारे में पहले कहा जा रहा था कि यहां चमगादड़ों की वजह से कोरोना वायरस फैला। अब नई स्टडी में कहा गया है. . .

यूनिवर्स टीवी डेस्क। कोरोना वायरस पर एक नई स्टडी सामने आई है। चीन की वुहान मार्केट के बारे में पहले कहा जा रहा था कि यहां चमगादड़ों की वजह से कोरोना वायरस फैला। अब नई स्टडी में कहा गया है कि रकून कुत्तों (Raccoon Dogs) में कोरोना वायरस पाया गया। स्टडी में कहा गया है कि वुहान मार्केट से लिए गए सैंपल में रकून कुत्तों के जेनेटिक मटीरियल पाए गए हैंरकून कुत्तों इसी के आधार पर कहा जा रहा है कि इंसानों में कोरोना वायरस इन कुत्तों के जरिए ही फैलार।
ये कुत्ते देखने में भी काफी खूंखार लगते हैं क्योंकि इनकी शक्ल भेड़िए और लोमड़ी के जैसे होती है। दरअसल, चीन की वुहान मार्केट में इन कुत्तों को बेचा जा रहा था। आपको बता दें कि पूर्वी साइबेरिया, चीन, कोरिया, वियतनाम और जापान में ये रकून कुत्ते पाए जाते हैं। पिछले कुछ दशकों में ये कुत्ते यूरोप के देशों में भी पहुंच गए है।
Raccoon Dogs क्यों हैं खास?
ये कुत्ते काफी समय तक हाइबरनेट मोड पर होते हैं यानी देर तक सोते रहते हैं। ये कुत्ते एक ही मादा से संबंध बनाते हैं. इनके फर और मांस की बिक्री होती है और काफी अच्छा दाम भी मिलता है। अभी यह पुष्टि नहीं हुई है कि इन कुत्तों के कारण ही कोरोना फैला लेकिन रिसर्चर्स का मानना है कि संक्रमण की कड़ी में ये कहीं न कहीं शामिल जरूर थे।
लोमड़ी और भेड़िए के जैसे दिखने वाले ये कुत्ते कैनिड फैमिली से ताल्लुक रखते हैं। सर्दियों में ये हाइबरनेट मोड में होते हैं,यानी एक बार शिकार करते हैं और फिर लंबी नींद लेते हैं। चीन, कोरिया और जापान में इन कुत्तों को तानुकी भी कहा जाता है। इन देशों में ये सामान्य तौर पर अच्छी संख्या में पाए जाते हैं। अब धीरे-धीरे यूरोपीय देशों में भी इनकी संख्या बढ़ती जा रही है।
चीन में अच्छा-खासा है रकून कुत्तों का कारोबार
चीन में इन कुत्तों के मांस और फर की मांग काफी ज्यादा है।साल 2014 में चीन ने 1.40 करोड़ रकून कुत्तों का उत्पादन किया था। हालांकि, इन कुत्तों के स्वभाव को देखते हुए सलाह दी जाती है कि इन्हें आम लोग अपने घरों में न पालें क्योंकि ये काफी खतरनाक हो सकते हैं और लोगों को नुकसान भी पहुंचा सकते हैं. इसके अलावा, ये कई तरह की बीमारियां भी फैला सकते हैं।

Trending Now

रकून कुत्तों : ये किस तरह के कुत्ते हैं जिनसे कोरोना फैलने का दावा किया जा रहा है? में पॉपुलर

पॉपुलर न्यूज़

एक्सक्लूसिव न्यूज़