नई दिल्ली। यूक्रेन गंभीर संकट से जूझ रहा है। रूसी हमलों ने वहां पर भीषण तबाही मचा रखी है। लोग जान बचाने के लिए इधर-उधर भाग रहे हैं। ऐसे में यूक्रेन में फंसे हुए भारतीय नागरिक भी इन सब में उलझ गए हैं। भारत की ओर से इन छात्रों की निकासी की व्यवस्था की जा रही है, लेकिन युद्ध के बीच बंद हो चुकी हवाई उड़ानों के कारण समस्या आ रही है।
ऐसे में भारत ने छात्रों की निकासी के लिए ऑपरेशन गंगा शुरू किया है। इसके तहत यूक्रेन के पड़ोसी देशों की मदद से भारतीय छात्रों को वापस बुलाया जा रहा है। भारतीय दूतावास की ओर से कहा गया है कि, भारतीय छात्र जब भी बाहर निकलें, वे तिरंगा लगाकर रखें।
तिरंगा बचा रहा जान, मिल रहा मान
भारत से हजारों किलोमीटर दूर युद्धग्रस्त देश में भी तिरंगे को सम्मान मिल रहा है। ऐसी कई वीडियो सामने आ रही हैं, जिसमें तिरंगा लगी गाड़ी देख यूक्रेनी व रूसी सैनिक गोलीबारी रोक दे रहे हैं। इतना ही नहीं भारतीय छात्रों को रास्ता भी दिखाया जा रहा है। भारत लौटे छात्रों का भी कहना है कि, तिरंगे की वजह से वे सुरक्षित वापस लौट सके हैं।
सैनिकों ने रोमानिया तक पहुंचाया
आगरा के आदित्य सिंह यूक्रेन में थे। उन्होंने फोन पर अपने परिजनों को बताया कि, यहां खाने-पीने की दिक्कत है, पहले भारतीय दूतावास से संपर्क नहीं हो रहा था। संपर्क होने के बाद तीन बसों में करीब 150 छात्रों को लेकर रोमानिया के लिए निकले हैं। बेटे ने बताया कि तिरंगा देखकर रूसी सैनिकों ने भी मदद की और रोमानिया तक पहुंचाया है।
तिरंगा बना ढाल
यूक्रेन से वापस लौटी छात्रा साक्षी ने बताया कि हमें यूक्रेन में पता चला कि तिरंगे का क्या महत्व है। हमें पहले ही निर्देश मिले थे कि तिरंगा साथ नहीं होगा तो किसी भी पल आप पर भी हमला हो सकता है। मैं भी तिरंगा लगाकर निकली थी। इसलिए सुरक्षित वापसी हो सकी।
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पोलैंड ने बिना वीजा दी एंट्री
यूक्रेन से भारतीय छात्रों को बाहर निकालने के लिए पोलैंड ने भी भारत की मदद की है। पोलैंड बिना वीजा ही भारतीय छात्रों को अपनी सीमा में प्रवेश देने के लिए राजी हो गया है। इससे भारतीय छात्रों को बड़ी राहत मिली है।
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