मालदा में बाढ़ से मची हुई है त्राहि -त्राहि, डीएम व प्रशानिक अधिकारियों ने प्रभावित इलाके का लिया जायजा
मालदा। भारी बारिश से मालदा में त्राहि -त्राहि मची हुई है। बारिश के कारण नदियां उफान पर है और नदियों के द्वारा कटाव जारी है। मालदा में गंगा और फुलहर नदी के कटाव से रतुआ प्रखंड क्रमांक 1 के महानंदटोला, बिलाईमारी ग्राम पंचायत क्षेत्र के कई गांवों में पानी घुस गया है। लगभग 10,000 परिवार प्रभावित हुए हैं। गंगा का जल स्तर रेड अलर्ट पर है।फुलहर का जलस्तर भी खतरे के चरम स्तर के करीब है। रतुआ-1 प्रखंड के महानंदटोला व बिलाईमारी पंचायत के कम से कम 20 गांव से संचार व्यवस्था पूरी तरह से कट चुकी है।
इधर नदी तट पर बसे गावों के लोगों का घर नदी में समां रहा है। लोग दूसरी जगह आश्रय लेने को मजबूर हैं। जिले का विस्तृत इलाका जलमग्न हैं।
इस बीच बुधवार सुबह मालदा के जिलाधिकारी नितिन सिंघानिया, पुलिस अधीक्षक प्रदीप कुमार यादव और प्रशासन के अन्य अधिकारियों ने रतुआ की फुलहार नदी में कटाव का जायजा लिया। रतुआ के तृणमूल विधायक समर मुखर्जी ने भी बुधवार सुबह जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक के साथ बाढ़ प्रभावित इलाके का दौरा किया। सभी ने रतुआ विधानसभा क्षेत्र के बिलाईमारी क्षेत्र के महानंदोला में फुलहर नदी के कटाव की स्थिति का निरीक्षण दिया।
जिला प्रशासन के अधिकारियों ने बताया कि जिन इलाकों में कटाव हो रहा है, वहां कटाव को रोकने के लिए सिंचाई विभाग के इंजीनियरों ने आपात स्थिति में काम करना शुरू कर दिया है। इस बीच रतुआ में बाढ़ की स्थिति का जायजा लेने के बाद जिलाधिकारी नितिन सिंघानिया ने संबंधित क्षेत्रों के विधायकों और पंचायत व प्रखंड प्रशासन के अधिकारियों से इस बारे में चर्चा की। जिला पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों ने नदी कटाव से प्रभावित लोगों को बचाने और उन्हें नया आश्रय और राहत मुहैया कराने की स्थिति से भी अवगत कराया है।
रतुआ के विधायक समर मुखर्जी ने बताया कि आज सुबह जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक ने ग्रामीणों के साथ फुलहर नदी व बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का जायजा लिया। इस दौरान जिला पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों ने घुटने भर पानी में चलकर अलग-अलग इलाकों का दौरा किया। जिलाधिकारी नितिन सिंघानिया ने बताया कि बाढ़ की पूरी स्थिति की समीक्षा की गई है। कुछ असुरक्षित स्थानों पर फुलहर और गंगा नदियों का पानी प्रवेश कर रहा है। लेकिन इसमें घबराने की कोई बात नहीं है। सिंचाई विभाग के इंजीनियर उन इलाकों में दिन-रात काम कर रहे हैं। इसके अलावा, संबंधित क्षेत्र के प्रखंड प्रशासन द्वारा बाढ़ और बाढ़ से प्रभावित लोगों को आवश्यक राहत सामग्री उपलब्ध कराने की व्यवस्था की गई है।
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