Universe TV
हर खबर पर पैनी नजर

हरियाणा के लाल मेजर आशीष ने देश के लिए दिया सर्वोच्च बलिदान, बहनों से किया था जल्द लौटने का वादा, कहानी सुन हो जाएंगे भावुक

- Sponsored -

- Sponsored -


नई दिल्ली। जम्मू कश्मीर के अंनतनाग में बुधवार को सेना और आतंकियों के बीच हुई मुठभेड़ में 3 जवान शहीद हो गए। इनमें राष्ट्रीय राइफल के कर्नल मनप्रीत सिंह, मेजर आशीष धनोच और जम्मू-कश्मीर पुलिस के डीएसपी हूमायूं भट्ट ने मातृभूमि की रक्षा में अपना सर्वोच्च बलिदान दे दिया।
6 महीने पहले आए थे घर
इस एनकाउंटर में शहीद हुए हरियाणा के पानीपत जिले के रहने वाले मेजर आशीष धौंचक तीन बहनों एकलौत भाई थे। इस खबर के पता चलने के बाद गांव वालों और परिजनों में मातम पसर गया। मेजर आशीष लगभग 6 महीने पहले अपने घर आए थे। उनके परिजन पानीपत में किराए के मकान में रहते हैं।
4 साल बेटी के सर से उठा पिता का साया
मालूम हो कि मेजर आशीष को सेना मेडल से सम्मानित करने के लिए नामित किया गया था। मेजर अपने पीछे मां- बाप, तीन बहनें, पत्नी और एक चार साल की बेटी को छोड़ दुश्मनों का सामने करते हुए स्वर्ग की सैर पर चले गए। उन्होंने अपने नए मकान के गृह प्रवेश में घर आने का वादा किया था, लेकिन नियती को कुछ और ही मंजूर था। मेजर आशीष राष्ट्रीय राइफल में लेफ्टिनेंट पद पर भर्ती हुए थे। मेजर शुरू से ही पढ़ाई- लिखाई में अच्छे थे। और इसी के बदौलत उन्हें प्रमोशन मिला था।
सेना से जुड़ा है परिवार
खबरों की मानें तो, मेजर आशीष के पिता लालचंद सिंह एनएफएल से रिटायर हुए हैं। वहीं इनके चाचा भारतीय वायु सेना से रिटायर हुए है, जिनका एक बेटा मां भारतीय की सेवा में तैनात है। देश के लिए कुर्बान पानीपत का लाल मेजर आशीष, 11 साल पहले जहां हुई थी पहली पोस्टिंग वहीं ली आखिरी सांस।


- Sponsored -

- Sponsored -

- Sponsored -

- Sponsored -

Comments are closed.