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सिर्फ नौ सेकेंड में मलबे में तब्दील हो जाएंगे 40 मंजिला ट्विन टावर, आस-पास नहीं उड़ेंगे ड्रोन, नोएडा पुलिस ने 26 अगस्त से 31 अगस्त तक लगाया बैन

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नोएडा। नोएडा पुलिस ने 26 अगस्त से 31 अगस्त तक सुपरटेक ट्विन टावर डिमोलिशन के चलते ड्रोन पर बैन लगा दिया है। पुलिस ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए यह फैसला लिया। गौरतलब है कि 32 मंजिला एपेक्स और 29 मंजिल सियेन को 28 अगस्त को दोपहर 2.30 बजे 3700 किलो विस्फोटक के जरिए ध्वस्त कर दिया जाएगा।
जम्मू-कश्मीर में गुरुवार रात करीब 3:28 बजे भूकंप के झटके महसूस किए गए। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 4.3 मापी गई। भूकंप का केंद्र जम्मू क्षेत्र के कटरा इलाके से 62 किलोमीटर उत्तर पूर्व में 5 किलोमीटर की गहराई में था।इसके अलावा, महाराष्ट्र के कोल्हापुर में भी 2:21 बजे भूकंप के झटके महसूस किए गए। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 3.9 मापी गई। इसका केंद्र कोल्हापुर से 171 किमी पूर्व में 10 किलोमीटर की गहराई में था। दोनों ही राज्यों में आए भूकंपों में किसी के हताहत होने की जानकारी नहीं मिली है।
दिल्ली से सटे नोएडा सेक्टर-93 में स्थित सुपरटेक एमराल्ड कोर्ट में बने एपेक्स और सियान टावर को ध्वस्त करने के लिए विस्फोटक लगाने का कार्य पूरा हो गया है। विस्फोट के लिए ट्रिगर दबाने का जिम्मा एडफिस के इंडियन ब्लास्टर चेतन दत्ता के हवाले किया गया है।
एडफिस कंपनी के इंडियन ब्लास्टर चेतन दत्ता द्वारा बजन दबाते ही दोनों ट्वावर 9 सेकेंड के भीतर जमीन पर गिर जाएंगे, हालांकि इस दौरान धूल का गुबार भी लोगों को परेशान करेगा।
चेतन दत्ता के साथ आधा दर्जन सहयोगी भी रहेंगे मौजूद
बताया जा रहा है कि एडफिस कंपनी के इंडियन ब्लास्टर चेतन दत्ता जब सुपरटेक के दोनों टावर को ध्वस्त करने के लिए ट्रिगर दबाएंगे तो उनके साथ जेट डिमोलिशन कंपनी के जो ब्रिंकमैन और चार लोग भी 100 मीटर के दायरे में मौजूद रहेंगे।
करंट के साथ होगा विस्फोट
दोनों इमारतों को गिराने के बारे में पूरी जानकारी देते हुए चेतन दत्ता ने बताया कि पहले बाक्स को चार्ज किया जाएगा और उसके बाद बटन (ट्रिगर) दबाया जाएगा। इसके बाद करीब 9640 डी लेयर्स लगी हैं, उनमें करंट पहुंच जाएगा और विस्फोट होना शुरू हो जाएगा।
9 सेकेंड के दौरान अलग-अलग फ्लोर पर होंगे विस्फोट
चेतन दत्ता के मुताबिक, सियार और एपेक्स टावरों को गिराने की कड़ी में विस्फोटक लगा दिए गए हैं। उन्होंने यह भी जानकारी दी है कि 9 सेकेंड के दौरान दोनों टावरों के अलग-अलग तल पर विस्फोट होंगे। नौ सेकेंड में होने वाले विस्फोटों में 200 से 700 मिनी सेकेंड का अंतर होगा।
15 सेकेंड में मलबे में तब्दील हो जाएगी बिल्डिंग
करीब 13 से 15 सेकंड में दोनों टावर मलबे के ढेर में बदल जाएंगे। ब्लास्ट डी लेयर्स के मुताबिक होगा, लेकिन देखने में लगेगा कि ब्लास्ट एक साथ दोनों टावर में हो रहा है। टीम ने दोनों टावरों में विस्फोटक लगाने के साथ ही उसकी वायरिंग का कार्य भी किया है। तीन लेयर की जांच प्रतिदिन की जा रही है। विस्फोटक के सही तरह से लगे होने, वायरिंग सही होने और सही कटे होने की जांच हो रही है। विस्फोटक लगाने का कोई शुल्क नहीं लिया है, वह इस कार्य का हिस्सा बनना चाहते थे और खुश हैं कि समय से पहले और सकी तरीके से पूरा कर लिया गया।
ब्रिंकमैन ने तैयार किया ब्लास्ट डिजाइन
दोनों टावरों को ध्वस्त करने के लिए दक्षिण अफ्रीका कंपनी जेट डिमोलिशन के निदेशक जो ब्रिंकमैन ने ही इस इमारत का ब्लास्ट डिजाइन तैयार किया है। उन्हें इस क्षेत्र में करीब 40 वर्षों का अनुभव है। ब्रिंकमैन दूसरे व्यक्ति होंगे जो ट्रिगर प्वाइंट पर मौजूद रहेंगे। ब्रिंकमैन को पूरा भरोसा है कि रविवार को दोपहर ढाई बजे 32 मंजिला और 103 मीटर ऊंचे दोनों टावरों को जमीन पर गिराए जाने से कोई नुकसान नहीं होगा। चेतन दत्ता ने बताया कि ये इमारतें हाई सिसमिक जोन में हैं।
लंदन की कंपनी से पूरा सर्वे भी कराया गया है। विस्फोट का प्रभाव यहां एक सामान्य भूकंप का एक तिहाई होगा। विस्फोटकों के शौकीन ब्रिंकमैन के पास माइनिंग इंजीनियरिंग की डिग्री है। पहला मौका 1991 में दक्षिण अफ्रीका में कोयला खदान पर पानी के टावर को गिराने के रूप में मिला। फ्री स्टेट में वेलकम में एक गोल्ड और यूरेनियम प्लांट में उनका पहला बड़ा प्रोजेक्ट 1993 में आया।


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