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दिल्ली विधानसभा में ड्रामा: आप विधायक ने दिखाए झोलाभर नोट, दावा किया उन्हें खरीदने की कोशिश की गई

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नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा के सत्र में बुधवार को ड्रामा हो गया। आम आदमी पार्टी के विधायक महेंद्र गोयल ने सदन में झोलाभर कर लाए नोट लहराए। उन्होंने आरोप लगाया कि उन्हें खरीदने की कोशिश हो रही है। गोयल ने दावा किया इसकी जानकारी उपराज्यपाल को है। गोयल ने आरोप लगाया कि अस्पताल में कर्मचारी भर्ती में रिश्वत की पेशकश हो रही है। झोले में नोटों की गड्डियां लेकर विधानसभा में पहुंचे गोयल ने कहा कि उन्होंने इस मामले की शिकायत एलजी से की, तो उन्होंने अनसुना कर दिया गया। गोयल अपने साथ 15 लाख के नोटों की गड्‍डियां लेकर आए थे।
जानिए क्यों बरपा सदन में हंगामा?
रिठाला से आप विधायक महेंद्र गोयल विधानसभा सत्र के तीसरे दिन हंगामे की वजह बन गए। महेंद्र गोयल ने बुधवार को सदन के अंदर नकदी की गड्डी दिखाईं और दावा किया कि शहर के एक सरकारी अस्पताल में एक निजी ठेकेदार ने उन्हें रिश्वत देने की कोशिश की। रोहिणी के बाबासाहेब अंबेडकर अस्पताल में अस्थायी कर्मचारियों की भर्ती में अनियमितताओं की शिकायत करते हुए गोयल ने दावा किया कि उन्हें चुप कराने की कोशिश कर रहे शक्तिशाली लोगों से उनकी जान को खतरा है। विधायक ने आगे कहा कि वह धमकियों से विचलित नहीं हुए और निजी ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। रिठाला विधायक ने सदन को बताया, “मुझे सुरक्षा की जरूरत है। मेरी जान को खतरा है।” अध्यक्ष रामनिवास गोयल ने मामले को गंभीर बताते हुए सदन की याचिका समिति को रेफर कर दिया।
विरोध कर रहे बीजेपी विधायकों को मार्शल कर दिया गया
दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल ने बुधवार को भाजपा के चार विधायकों को यमुना नदी में प्रदूषण के मुद्दे पर सदन में विरोध प्रदर्शन के बाद मार्शल से बाहर निकालने का आदेश दिया। भाजपा विधायकों ने प्रदूषण के मुद्दे पर बहस की मांग की, लेकिन अध्यक्ष ने यह कहते हुए उनकी मांग ठुकरा दी कि वह किसी भी नियम के तहत बहस की अनुमति नहीं देंगे। विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष को दो बोतलों में यमुना के पानी के नमूने भी सौंपे, जिन्होंने धमकी दी कि अगर पानी तेजाब से दूषित पाया गया, तो वे भाजपा विधायकों की सदस्यता समाप्त कर देंगे।
जहां भाजपा विधायक अजय महावर, अनिल बाजपेयी, मोहन सिंह बिष्ट और ओपी शर्मा को गोयल ने मार्शल से बाहर निकालने का आदेश दिया, वहीं भाजपा के बाकी विधायकों ने विरोध में सदन की कार्यवाही का बहिष्कार करने का फैसला किया। इससे पहले बीजेपी विधायकों ने यमुना नदी में प्रदूषण के मुद्दे को लेकर दिल्ली विधानसभा के बाहर धरना दिया। दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा कि यमुना के गंदे पानी की आपूर्ति लोगों के स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा रही है।
दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (DPCC) के आंकड़ों का हवाला देते हुए, उपराज्यपाल कार्यालय ने सोमवार को कहा था कि अरविंद केजरीवाल सरकार के पिछले आठ वर्षों में यमुना नदी में प्रदूषण दोगुना हो गया है। दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) ने कहा कि वह पुरानी समस्याओं को हल करने के लिए पहले से ही काम कर रहा है और लगभग सभी प्रमुख सीवेज उपचार संयंत्रों (एसटीपी) का उन्नयन दिसंबर के अंत तक पूरा होने की उम्मीद है। अनधिकृत कॉलोनियों और झुग्गी बस्तियों से निकलने वाला अपशिष्ट जल, एसटीपी और सामान्य अपशिष्ट उपचार संयंत्रों से छोड़े गए उपचारित अपशिष्ट जल की खराब गुणवत्ता नदी में प्रदूषण के उच्च स्तर के पीछे मुख्य कारण हैं।
डीपीसीसी के आंकड़ों से पता चलता है कि जैविक ऑक्सीजन मांग (बीओडी) का स्तर 2014 से पल्ला में अनुमेय सीमा (2 मिलीग्राम प्रति लीटर) के भीतर बना हुआ है, जहां नदी दिल्ली में प्रवेश करती है। बीओडी, पानी की गुणवत्ता का आकलन करने के लिए एक महत्वपूर्ण पैरामीटर है, एरोबिक सूक्ष्मजीवों द्वारा जल निकाय में मौजूद कार्बनिक पदार्थों को विघटित करने के लिए आवश्यक ऑक्सीजन की मात्रा है। बीओडी स्तर 3 मिलीग्राम प्रति लीटर (मिलीग्राम/ली) से कम अच्छा माना जाता है।


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