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बांग्लादेश के नुरूल ने कोहली पर लगाया ‘फर्जी फील्डिंग’ का आरोप तो भड़क गए हर्षा भोगले, दिया ऐसा मुंहतोड़ जवाब

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नई दिल्ली। बांग्लादेश के विकेटकीपर बल्लेबाज नुरूल हसन ने भारत के चैम्पियन बल्लेबाज विराट कोहली पर ‘फर्जी फील्डिंग’ का आरोप लगाया है जिस मैदानी अंपायरों ने नहीं देखा और उनकी टीम को टी20 वर्ल्ड कप के अहम मुकाबले में 5 संभावित पेनल्टी रनों से महरूम रहना पड़ा। बारिश के कारण जीत के लिये 16 ओवर में 151 रन के संशोधित लक्ष्य का पीछा करते हुए बांग्लादेश टीम पांच रन से हार गई। नुरूल हसन के इस आरोप के बाद हर्षा भोगले ने ट्वीट कर अपनी राय दी है। हर्षा ने ट्वीट कर लिखा है कि, कोहली को ऐसा करते हुए किसी ने नहीं देखा है और ना ही अंपायर ने देखा, ऐसे में कैसे कोई इस पर एक्शन ले सकता है।
हर्षा ने अपने ट्वीट में लिखा, ‘फर्जी फील्डिंग की घटना पर सच तो यह है कि किसी ने नहीं देखा, अंपायर और ना बल्लेबाजों ने भी और हमने भी नहीं देखा, आईसीसी के नियम 41.5 के अनुसार फर्जी फील्डिंग को देखते हुए दंडित करने का प्रावधान है (अंपायर को इससे सहमत होना होता है) लेकिन किसी ने इसे नहीं देखा, तो ऐसे में क्या हो सकता था।’
इसके साथ-साथ हर्षा ने अपने ट्वीट में आगे लिखा, ‘मुझे नहीं लगता कि किसी ने मैदान गीली होने की शिकायत की है। शाकिब सही थे जब उन्होंने कहा कि उसे बल्लेबाजी पक्ष को इसका फायदा मिलेगा। अंपायरों और क्यूरेटरों को खेल को तब तक जारी रखना चाहिए जब तक कि ऐसा करना संभव ने हो सके और उन्होंने इसे बहुत अच्छी तरह से संभाला ताकि कम से कम समय बर्बाद हो। इसलिए, बांग्लादेश में मेरे दोस्तों के लिए, कृपया फर्जी फील्डिंग या गीली परिस्थितियों को लक्ष्य तक न पहुंचने के कारण के रूप में न देखें। अगर कोई बल्लेबाज अंत तक टिका रहता तो बांग्लादेश जीत सकता था। हम सब इसके दोषी हैं….जब हम बहाने खोजते हैं, तो हम इससे आगे नहीं बढ़ सकते हैं’।
दरअसल, नुरूल सातवें ओवर की घटना का जिक्र कर रहे थे। वीडियो रिकॉर्डिंग में दिखाया गया कि अर्शदीप ने डीप से गेंद फेंकी और नुरूल का कहना है कि प्वाइंट पर खड़े कोहली ने उसे पकड़कर रिले थ्रो से दूसरे छोर पर फेंकने का एक्शन किया। दोनों बल्लेबाजों लिटन दास और नजमुल हुसैन शांतो ने कोहली की तरफ देखा भी नहीं जिससे नुरूल के इस तर्क पर सवाल उठते हैं।
आईसीसी की खेलने की शर्तों के नियम 41 . 5 के अनुसार फील्डिंग करने वाली टीम बल्लेबाज को जान बूझकर बाधा नहीं पहुंचा सकती या उसका ध्यान नहीं भटका सकता। अगर अंपायर को ऐसा लगता है कि किसी खिलाड़ी ने नियम तोड़ा है तो वह डैड बॉल घोषित करके पेनल्टी के पांच रन दे सकते हैं। चूंकि शांतो और लिटन ने कोहली की तरफ देखा भी नहीं तो उनका ध्यान भटकने का सवाल ही नहीं उठता। ऐसी संभावना है कि मैच अधिकारियों की आलोचना के कारण नुरूल को सजा मिल जाये।


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