कोलकता। स्कूल शिक्षक की हत्या मामले में आरोपी को कोर्ट ने मौत की सजा सुनाई है. बहरमपुर की फार्स्ट ट्रैक कोर्ट ने 2019 जियागंज क्रूर हत्याकांड में दोषी को मौत की सजा सुनाई. बहरमपुर के फास्ट ट्रैक कोर्ट के न्यायाधीश ने स्कूल शिक्षक बंधु प्रकाश पाल और उनके पूरे परिवार की हत्या के आरोपी को मौत की सजा सुनाई. फिर कोर्ट ने मौत की सजा का आदेश दिया है.
बता दें कि 8 अक्टूबर, 2019 को विजयादशमी ( दशहरा) के दिन एक स्कूल शिक्षक बंधु प्रकाश पाल की जियागंज में उनके घर पर हत्या कर दी गई थी. क्रूर हत्यारे ने उनकी गर्भवती पत्नी ब्यूटी पाल के साथ सात साल के बेटे को भी नहीं बख्शा था.
पुलिस ने अपने मामले में मुख्य आरोपी के रूप में सागरदिघी निवासी उत्पल बेहरा को गिरफ्तार किया था. जेल हिरासत में उससे पूछताछ की जा रही थी. एक दोस्त के घर दूध पहुंचाते समय गोवाला ने पहली बार उप्पल बेहरा को खून से सने कपड़ों में देखा था.
2019 में विजयदशमी की दिन की गई थी हत्या
मामले में दूध विक्रेता समेत सात लोगों की गवाही हुई. पुलिस ने हत्या में प्रयुक्त हथियार बरामद कर कोर्ट में पेश किया. उन्नत तकनीक के इस्तेमाल से नाव से आरोपियों के भागने की जानकारी सामने आ गई और पुलिस ने निश्चित समय पर आरोप पत्र भी दे दिया.
जांचकर्ताओं द्वारा उपलब्ध कराए गए दस्तावेजों और सीसीटीवी की जांच के बाद आरोपी का पता चला. हत्या के बाद वह बंधु प्रकाश का घर छोड़कर चला गया और सबकी आंखों में धूल झोंकने के लिए अपने कपड़े बदल लिये. बैग, जूते और खून से सनी टी-शर्ट फेंक दी थी. थोड़ी देर की नाव यात्रा के बाद अजीमगंज से एक टी-शर्ट खरीदी थी.
कुछ दिन पहले जज ने आरोपी को दोषी पाया था, लेकिन फैसला लगातार कई दिनों तक टलता रहा. आखिरकार इसी दिन जज ने फांसी की सजा सुनाई. हालांकि, उच्च न्यायालय का दरवाजा खुला है.
तीन साल के सुनवाई बाद कोर्ट ने सुनाई सजा
सजा के ऐलान के बाद भी उप्पल बेहरा ने खुद को निर्दोष बताया. फैसले के बाद कोर्ट में मौजूद शिक्षक बंधु प्रकाश पाल की मां ने कहा कि लंबे समय से प्रतीक्षित न्याय मिला. बेटे, पोते और पत्नी को एक साथ खोने से मां दहल गई थी. फैसला सुनते ही वह अदालत कक्ष में फूट-फूट कर रोने लगी.
मृतक के परिवार ने बार-बार अधिकतम सजा की मांग की है. कोर्ट ने विभिन्न कारणों से लगातार तीन दिन तक फैसला टाल दिया. गुरुवार को सजा का ऐलान किया गया. आरोपी को फांसी की सजा सुनाए जाने से परिवार खुश है.
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