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पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव में युद्ध जैसी स्थिति,  हिंसा को लेकर बीजेपी ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को घेरा

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कोलकाता। कूचबिहार, मालदाह, मुर्शिदाबाद, नादिया शनिवार सुबह मतदान के पहले छह घंटों में नौ हत्याएं हो गईं। दोपहर एक बजते-बजते हिंसा में मरने वालों की संख्या 12 तक पहुंच गई। पंचायत चुनाव में हिंसा को लेकर भाजपा ने ममता बनर्जी की सरकार और राज्य चुनाव आयोग पर हमला बोला है। केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने राज्य सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि बंगाल में चुनाव के नाम पर संविधान की धज्जियां उड़ी हैं। भाजपा नेता अमित मालवीय ने कहा कि बंगाल में युद्ध जैसी स्थिति है।
इस बीच. चुनाव आयुक्त राजीव सिंन्हा सुबह से ही राज्य चुनाव आयोग कार्यालय में नजर नहीं आये। वह सुबह 10 बजे आयोग पहुंचे। पहले तीन घंटों के लिए, आयोग व्यावहारिक रूप से बिना किसी अभिभावक के था।
शनिवार सुबह से हिंसा की जो तस्वीर देखने को मिली है, उसे बंगाल में अभूतपूर्व नहीं कहा जा सकता है। कई लोगों के मुताबिक पंचायत चुनाव में खून और लाशों की परंपरा को इस बार भी निभाया जा रहा है।
इस बार अदालत के आदेश पर केंद्रीय बलों को तैनात किया गया। हालांकि, शुक्रवार रात को यह साफ हो गया कि पूरी 822 कंपनी फोर्स राज्य में नहीं आ रही है। राज्य के कई मतदान केंद्रों पर केंद्रीय वाहिनी नजर नहीं आये।
बंगाल में युद्ध जैसी स्थिति
अमित मालवीय ने हिंसा को लेकर राज्य सरकार पर निशाना साधा है। भाजपा के केंद्रीय प्रभारी अमित मालवीय ने कहा कि यह युद्ध जैसी स्थिति इस बात की गंभीर याद दिलाती है कि ममता बनर्जी के अधीन बंगाल कितना अराजक है। सम्मान और गरिमा के लिए पश्चिम बंगाल में लोगों का संघर्ष वास्तविक है। जब कोई ऐसी बर्बरता का सामना करता है, तब उसे स्वतंत्रता और लोकतंत्र के वास्तविक मूल्य का एहसास होता है।
इस बीच, केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि बंगाल की सरकार राज्यपाल के आदेश का सम्मान करते है न हाई कोर्ट का सम्मान करते है।जब पुलिस और प्रशाशन पक्षपात करे, तो लोकतंत्र नहीं कहलाता है. बंगाल में संविधानिक व्यवस्था भंग हो चुकी है।
राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने उत्तर 24 परगना जिले के विभिन्न इलाकों का दौरा किया और हिंसा में घायल हुए लोगों से मुलाकात की और मतदाताओं से बातचीत की. उन्होंने चुनाव के दौरान शांति पर जोर दिया।
मतदान में हिंसा से दहला बंगाल
इस बीच, कूचबिहार जिले के फलीमारी ग्राम पंचायत में भाजपा के पोलिंग एजेंट माधब विश्वास की कथित तौर पर हत्या कर दी गई। जिस तरह विपक्ष सत्ता पक्ष पर हिंसा का आरोप लगा रहा है। वहीं, तृणमूल नेताओं का कहना है कि एक के बाद एक हो रही उनके कार्यकर्ताओं की मौत से साफ है कि कौन हिंसक चुनाव करा रहा है। लेकिन राजनीतिक हलकों का सवाल है कि प्रशासन कहां है, चुनाव आयोग कहां है, केंद्रीय बल कहां गया? कई बूथों पर केंद्रीय बल नजर नहीं आये।
पहले चार घंटों में डाले गए वोटों की संख्या न तो ज़्यादा है और न ही कम। कई जगहों पर मतपत्र लूटने, आग लगाने, बूथ पर कब्जा करने की घटनाएं हुई हैं। शनिवार को हुई मौतों में मुर्शिदाबाद में दो हत्याएं हुईं। रेजीनगर और खरग्राम में दो तृणमूल कार्यकर्ताओं की हत्या कर दी गयी।
मालदा के मणिकचक में एक और तृणमूल कार्यकर्ता की जान चली गयी। यह विस्फोट और गोलीबारी कूचबिहार दक्षिण विधानसभा के फोलिमारी ग्राम पंचायत के वोटरहाट 38 बूथ के अंदर हुई. इस घटना में माधव विश्वास नाम के बीजेपी एजेंट की मौत हो गई।


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