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अंधे और आंखों के रोगी काला चश्मा ही क्यों पहनते है, दूसरे कलर का क्यों नहीं

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यूनिवर्स टीवी डेस्क। हमारे शरीर में ऐसे कई अंग हैं जो काफी नाजुक होते है। जैसे की आंखों को ही देख लो। हमारी आंखे अनमोल होने के अलावा काफी नाजुक होती है। भले ही आंखे नाजुक अंग हो लेकिन दुनिया की खूबसूरती इन्ही से ​देखाई देती है। इसलिए आंखों की कीमत अनमोल है, लेकिन जिनकी आंखे नहीं है। जो नेत्रहीन है उनसे पूछो उन्हें कैसा लगता होगा। आपने एक बात पर गौर जरूर किया होगा कि नेत्रहीन जिन्हें आंखों से दिखाई नही देता है ऐसे लोग काला चस्मा ही क्यों पहनते हैं। आखिर काले चश्मे से क्या लेना देना होता है।
कौन पहनता है काला चश्मा
जिन लोगों केा आंखों से दिखाई नहीं देता है या​ फिर जिनकी आंखों में कोई परेशानी है, जिनको मोतियांबिंद है या जिनका ऑपरेशन हुआ हो ऐसे लोगों को काला चश्मा पहनने की सलाह दी जाती है। हालांकि कई लोग शौकिया तौर पर भी काला चश्मा पहनते है। ऐसे लोग धूप से बचने के लिए काला चश्मा पहनते है
इसलिए पहनते हैं काला चश्मा
अब हम बात करते है कि आखिर अंधे लोग काला चश्मा ही क्यों पहनते है। दरअसल, जिन लोगों को आंखों से दिखाई नहीं देता है ऐसे व्यक्ति जब सूर्य की रोशनी में जाता है तो उसकी आंखों को रोशनी से तकलीफ होती है। उनकी आंखों में जलन होने लगती है। कई बार तो दर्द की शिकायत भी होने लगती है। ऐसे में पीड़ित चल भी नहीं पाता, क्योंकि उनकी आंखों के आगे पीला—पीला सा कलर दिखाई देने लगता है। ऐसे में काला चश्मा सूर्य की किरणों को उनकी आंखों तक पहुंचने से रोकता है। काले चश्मे से ऐसे लोगों को आराम मिलता है। इसीलिए डॉक्टर नेत्रहीन और आंखों के रोगी व्यक्ति को काले रंग का चश्मा पहनने की सलाह देते हे।आपको बता दें कि नेत्रहीन लोगों का चश्मा आम लोगों के चश्मे से अलग होता है।


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