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मणिपुर में हिंसा जारी : भीड़ ने 4 लोगों को अगवा किया, इनमें से 3 आर्मी फैमिली से; कांग्चुप में फायरिंग, 2 पुलिसकर्मी समेत 9 घायल

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इंफाल। मणिपुर में जातीय आरक्षण को लेकर कुकी और मैतेई समुदायों के बीच 3 मई से हिंसा जारी है। इसमें अब तक 187 लोग जान गंवा चुके हैं। वहीं, 1100 से ज्यादा लोग घायल हो चुके हैं।
मणिपुर के कांगपोकपी जिले में कांग्चुप चिंगखोंग गांव के पास मंगलवार को एक चेकपॉइंट पर मैतेई लोगों की भीड़ ने एक वाहन रोककर उसमें सवार चार कुकी लोगों को अगवा कर लिया। इनमें से तीन लोग एक सैनिक के परिवार के हैं। इनमें सैनिक की मां भी शामिल है।
जैसे ही लोगों के अगवा होने की खबर फैली, कुछ कुकी लोग हाथों में हथियार लिए घटनास्थल पर पहुंचे और कांग्चुप की तरफ फायरिंग शुरू कर दी। इस फायरिंग में दो पुलिसकर्मियों और एक महिला समेत नौ लोग घायल हो गए। घायलों को इंफाल के अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
सूत्रों के मुताबिक, वाहन में एक 65 साल के बुजुर्ग भी सवार थे, जिन्हें मौके पर मौजूद सुरक्षाबलों ने अगवा होने से बचा लिया। उनकी पहचान मंगलून हाओकिप के नाम से हुई है। उन्हें कई गंभीर चोटें आईं थीं, जिसके चलते उन्हें नगालैंड के दीमापुर में एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
बाकी चार लोगों की पहचान नेंगकिम (60), नीलम (55), जॉन थंगजिम हाओकिप (25) और जमखोतंग (40) के तारै पर हुई है। मंगलवार रात तक पुलिस उनकी लोकेशन का पता नहीं लगा पाई थी। उनको रेस्क्यू करने की कोशिशें जारी हैं।
चुराचांदपुर से कांगपोकपी जा रहे थे पांचों लोग
पुलिस ने बताया कि पांच कुकी लोग चुराचांदपुर से कांगपोकपी की तरफ जा रहे थे, जब कांगपोकपी बॉर्डर पर इंफाल वेस्ट में दाखिल होते ही मैतेई समुदाय के कुछ लोगों ने उन पर हमला कर दिया।
जानकारी के मुताबिक, सैनिक मणिपुर के बाहर पोस्टेड है। जहां ये वारदात हुई, वो जगह कुकी-जो बहुल कांगपोकपी और मैतेई बहुत इंफाल वेस्ट जिले से लगी हुई है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, दो दिन पहले कांगपोकपी जिले के पास सेकमाई इलाके से दो मैतेई छात्र गायब हो गए थे, जिसके बाद मैतेई समुदाय के लोगों ने कुकी लोगों पर हमला किया है।
पुलिस को दोनों छात्रों के फोन सेनापति जिले के पास एक पेट्रोल पंप से काली पॉलीथीन में लिपटे हुए मिले हैं।
ITLF ने मैतेई संगठन को दोषी ठहराया
इस घटना को लेकर कुकी समुदाय के इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम (ITLF) ने केंद्रीय सुरक्षा बलों से अपील की है कि अगवा हुए चारों लोगों की तलाश करें। एक बयान जारी करके ITLF ने मैतेई संगठन अरमबाई तेंगोल को घटना का दोषी ठहराया है। ITLF ने कहा कि हमें डर है कि कहीं उन लोगों की हत्या न कर दी गई हो।
म्यांमार ने भारत से लगी सीमा सील की
वहीं, मणिपुर पुलिस के DIG जोगेशचंद्र हाओबिजाम के नेतृत्व में 11 IRB कर्मियों और 7 कमांडो की टीम ने बॉर्डर एरिया से 40 म्यांमारी घुसपैठियों को गिरफ्तार किया है। इधर, मोरेह स्थित इंटीग्रेटेड चेक पोस्ट (ICP) पर अज्ञात लोगों की अंधाधुंध फायरिंग के बाद म्यांमार ने इंडो-म्यांमार बॉर्डर को सील कर दिया है।
गेट नंबर-1 और गेट नंबर-2 को बंद किया गया है, जो मोरेह को म्यांमार के सैगंग राज्य के नामफालोंग जिले से जोड़ते हैं। दरअसल, 5 नवंबर को ICP पर हमला हुआ था, जिसके बाद यह कार्रवाई की गई है।
मणिपुर में नवंबर में हुए घटनाक्रम
1 नवंबर- इंफाल में देर रात 31 अक्टूबर को हुई SDOP की हत्या से नाराज भीड़ ने मणिपुर राइफल्स के शिविर पर हमला किया था। इनका मकसद हथियार लूटना था। हालांकि सुरक्षाकर्मियों ने कई राउंड हवाई फायरिंग कर भीड़ को तितर-बितर कर दिया।
5 नवंबर- इंफाल पश्चिमी जिले से दो युवक सेकमाई इलाके में जाने के लिए निकले थे। उसके बाद से दोनों की कोई खबर नहीं है। पुलिस ने लापता मैबम अविनाश (16) और निंगथोउजाम एंथनी (19) के मोबाइल सेनापति जिले में पेट्रोल पंप के पास से बरामद किए। राज्य में मोबाइल इंटरनेट पर बैन 8 नवंबर तक बढ़ा दिया गया है।
6 नवंबर- मणिपुर पुलिस ने 3 लोगों को हिरासत में लिया। इन पर दो युवकों के अपहरण का आरोप है। लापता युवकों के परिजन ने राज्यपाल अनुसुइया उइके और पुलिस से शिकायत की। साथ ही इंफाल में रैली निकाली। रास्ते जाम कर प्रदर्शन किया।
7 नवंबर- मणिपुर के कांगचुप इलाके में 7 नवंबर को गोलीबारी हुई, जिसमें 2 पुलिसकर्मियों, एक महिला समेत 9 लोग घायल हो गए। सात लोगों को रिम्स तो 3 लोगों को राज मेडिसिटी हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया।
मणिपुर के मौजूदा हालात…
मणिपुर में जिलों से लेकर सरकारी दफ्तर तक सब कुछ दो समुदायों में बंट चुके हैं। पहले 16 जिलों में 34 लाख की आबादी में मैतेई-कुकी साथ रहते थे, लेकिन अब कुकी बहुल चुराचांदपुर, टेंगनाउपोल, कांगपोकपी, थाइजॉल, चांदेल में कोई भी मैतेई नहीं बचा है। वहीं मैतेई बहुल इंफाल वेस्ट, ईस्ट, विष्णुपुर, थोउबल, काकचिंग, कप्सिन से कुकी चले गए हैं।
कुकी इलाकों के अस्पतालों को मैतई डॉक्टर छोड़कर चले गए हैं। इससे यहां इलाज बंद हो गया। अब कुकी डॉक्टर कमान संभाल रहे हैं। सप्लाई नहीं होने से यहां मरहम-पट्‌टी, दवाओं की भारी कमी है।
सबसे ज्यादा असर स्कूलों पर हुआ है। 12 हजार 104 स्कूली बच्चों का भविष्य अटक गया है। ये बच्चे 349 राहत कैंपों में रह रहे हैं। सुरक्षाबलों की निगरानी में स्कूल 8 घंटे की जगह 3-5 घंटे ही लग रहे हैं। राज्य में 40 हजार से ज्यादा जवान तैनात हैं।
हिंसा के बाद से अब तक 6523 FIR दर्ज हुई हैं। इनमें ज्यादातर शून्य FIR हैं। इनमें 5107 मामले आगजनी, 71 हत्याओं के हैं। सीबीआई की 53 अधिकारियों की एक टीम 20 मामले देख रही है।
इंफाल वेस्ट, इंफाल ईस्ट, झिरिबम, विष्णुपुर, थोउबल, चुराचांदपुर और टेंगनाउपोल, कांगपोकपी, काकचिंग, फेरजॉल में कर्फ्यू लगा है। जबकि सेनापति, उर्खुल, कामजोंग, टेमेंगलोंग, नॉने और कप्सिन में शाम 6 से सुबह 5 बजे तक कर्फ्यू लगा है।


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