जलपाईगुड़ी। 14 अप्रैल चैत्र संक्रांति के दिन को बंगाल के अन्य जिलों सहित जलपाईगुड़ी जिले के विभिन्न गांवों में प्राचीन रीति-रिवाजों के अनुसार चरक पूजा का आयोजन किया गया था। चरक पूजा के दौरान आसपास गांव-गांव में चरक मेले का आयोजन किया गया।
जलपाईगुड़ी सदर प्रखंड के खरिया पंचायत निवासी कोरणी पाड़ा के मधु बर्मन (48) ने चरक दल के गुरु के निर्देश पर चरखा में घूमने पहुंचा। पीठ पर लोहे का हूंक फसाकर उसे रस्सी से बांधकर चरखा में घूमने के दौरान शाल के खूंटे पर बना चरखा टूट गया, जिससे मधु बर्मन छिटकर गिर गया। उसके पीट व छाती पर गंभीर चोटें आई।
वह घर लौट आया। तब से धीरे-धीरे शारीरिक स्थिति बिगड़ती चली गई, क्योंकि चरक दल के गुरु ने आश्वासन दिया कि किसी ने जादू टोना किया है और इस जादू के कारण ही उसकी शारीरिक अवस्था हुई है।
ऐसे में दिहाड़ी मजदूर के रूप में काम कर रहे मधु बर्मन पिछले 9 दिनों तक बिना किसी इलाज के गांव के घर में पड़ा रहा।
सोमवार को सारी घटना की जानकारी होने के बाद क्षेत्र के पंचायत सदस्य बिकास राय ने घायल मधु बर्मन को बलपूर्वक इलाज के लिए जलपाईगुड़ी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल पहुंचाया। लेकिन वहां भी ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टरों की काफी कोशिशों के बावजूद मंगलवार को मधु बर्मन की मौत हो गई। घटना की जानकारी पंचायत सदस्य विकास राय ने दी।
उन्होंने कहा कि मधु कुछ पैसे मिलने की उम्मीद में दूसरे गांव जाकर चरखा में खेल दिखाया जिससे यह हादसा हुआ। मधु की पत्नी मानसिक रूप से कमजोर है, मृत मधु बर्मन का एक ही छोटा बेटा है, पंचायत ने हर समय परिवार के साथ रहने का आश्वासन दिया है।
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