कोलकाता। कोलकाता के बागुईआटी इलाके से लापता होने के करीब एक पखवाड़े बाद मंगलवार को 17-17 साल के दो किशोरों के शव मुर्दाघर से मिलने के बाद हड़कंप मच गया है। आरोप है कि इन दोनों की अपहरण कर हत्या कर दी गयी है। अतनु डे और अभिषेक नास्कर नामक इन किशोरों के शव मिलने के बाद स्थानीय लोगों ने उनके लिए इंसाफ की मांग करते हुए प्रदर्शन किया। इस हत्याकांड के बाद सीएम ममता बनर्जी ने पुलिस की भूमिका पर नाराजगी जताई है और पुलिस महानिदेशक को पूरे मामले की सीआईडी से जांच कराने का आदेश दिया है। दूसरी ओर, थाने के ओसी को क्लोज कर दिया गया है।
विधाननगर पुलिस आयुक्त कार्यालय के इन अधिकारी के मुताबिक इन दोनों किशोरों को उनके पड़ोसी व उसके साथियों ने कथित रूप से गला घोंटकर मार डाला। उन्होंने कहा कि इस मामले में चार लोग गिरफ्तार किये गये हैं जबकि मुख्य आरोपी सत्येंद्र चौधरी एवं उसका एक सहयोगी गायब है।
24 अगस्त से लापता हो गये थे दो छात्र
अधिकारी ने कहा, अतनु के पिता ने 24 अगस्त को बागुईआटी थाने में शिकायत दर्ज करायी थी और उसके अनुसार अपहरण का मामला दर्ज किया गया था। उन्होंने पुलिस को बताया था कि सत्येंद्र ने दोनों को छोड़ने के लिए फिरौती मांगी थी। शिकायत के अनुसार चौधरी 22 अगस्त को एक गाड़ी से डे और नास्कर को राजरहाट इलाके में ले गया था। अधिकारी ने शिकायत के हवाले से कहा, अतनु ने उसके लिए एक मोटरसाइकिल खरीदने के लिए पड़ोसी सत्येंद्र को 50,000 रुपये दिये थे लेकिन कई महीने बीत जाने के बाद भी आरोपी ने न तो मोटरसाइकिल खरीदी और न ही पैसा लौटाया. जब अतनु ने अपना पैसा मांगा तब समस्या खड़ी हुई।
दो सप्ताह के बाद मुर्दा घर से मिले थे छात्रों के शव
पुलिस के अनुसार अपने सहयोगियों संग चौधरी ने 22 अगस्त को अतनु को किसी मोटरसाइकिल स्टोर पर चलने को कहा और इस दौरान नास्कर भी उनके साथ हो लिया। अधिकारी ने कहा, प्रथम दृष्टया ऐसा लगता है कि सत्येंद्र ने रस्सी से गला घोंटकर दोनों की हत्या कर दी। दोनों की मौत के बाद ऐसा लगता है कि उसने फिरौती की मांग की। उनके शव बसंती राजमार्ग पर नयनजुली में फेंक दिये गये।नयनजुली में स्थानीय पुलिस दोनों शव बासिरहाट ले गयी थी। उन्होंने कहा कि मुर्दाघर में ये शव कुछ समय लावारिस की तरह पड़े रहे जिसके बाद मंगलवार को उनकी शिनाख्त की गयी।
मृतक के परिजनों ने की है सीबीआई जांच की मांग
दोनों किशोरों के परिवार के सदस्यों ने आरोप लगाया कि जिस दिन वे गायब हुये थे उसी दिन उन्होंने पुलिस से शिकायत की थी, लेकिन इसे दर्ज नहीं किया गया। जब इस आरोप को लेकर विधाननगर पुलिस आयुक्त कार्यालय के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मामले की जांच की जाएगी तथा यदि इसमें सचाई मिली तो जरूरी कदम उठाये जाएंगे।बंगाल बीजेपी के अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने पीड़ित परिवार से जाकर मुलाकात की थी और सीबीआई से जांच कराने की मांग की थी।
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