पीएम मोदी ने वर्ल्ड डेयरी समिट का किया उद्घाटन, बोले- दूध से जुड़ा व्यापार संस्कृति का हिस्सा, बन्नी भैंस की खासियत बताई
ग्रेटर नोएडा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को ग्रेटर नोएडा स्थित इंडिया एक्सपो मार्ट एंड सेंटर में वर्ल्ड डेयरी समिट का उद्घाटन किया। उन्होंने कहा, “हमारे पास भैंस और गायों की जो नस्ल है वह कठिन समय में भी खुद को ढालती हैं। गुजरात की बन्नी भैंस रात के कम तापमान में घास चरने के लिए निकलती है। क्योंकि गुजरात में दिन में भयंकर धूप होती है। विदेश से आए मेहमान यह सुनकर चौंक जाएंगे कि रात में भैंस के साथ उनका पशुपालक नहीं होता है। ये बन्नी भैंस 15 किमी. दूर चरते हुए निकल जाती हैं। सुबह होते ही वह घर पहुंच जाती हैं। हमने सिर्फ बन्नी का उदाहरण दिया है। ये भैंसें अपने ही घर लौटती हैं, दूसरे के घर नहीं जाती हैं। आज तक यह नहीं सुनने को मिला है कि किसी की बन्नी भैंस खो गई है।” उनके नोएडा आगमन को लेकर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। सुरक्षा के मद्देनजर दो हजार पुलिस जवानों की ड्यूटी लगाई गई है।
पशुओं के यूनिवर्सल वैक्सीनेशन पर दिया जा रहा जोर
पीएम मोदी ने कहा कि खेती में मोनोकल्चर ही समाधान नहीं है, बल्कि विविधता बहुत आवश्यकता है। ये पशुपालन पर भी लागू होता है। इसलिए आज भारत में देसी नस्लों और हाइब्रिड नस्लों, दोनों पर ध्यान दिया जा रहा है। भारत में हम पशुओं के यूनिवर्सल वैक्सीनेशन पर भी बल दे रहे हैं। हमने संकल्प लिया है कि 2025 तक हम शत प्रतिशत पशुओं को फुट एंड माउथ डिजीज और ब्रुसलॉसिस की वैक्सीन लगाएंगे। हम इस दशक के अंत तक इन बीमारियों से पूरी तरह से मुक्ति का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं।
टेक्नोलॉजी की मदद से हो रही पशुओं की बायोमीट्रिक पहचान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत, डेयरी पशुओं का सबसे बड़ा डेटाबेस तैयार कर रहा है। डेयरी सेक्टर से जुड़े हर पशु की टैगिंग हो रही है। आधुनिक टेक्नोलॉजी की मदद से हम पशुओं की बायोमीट्रिक पहचान कर रहे हैं। हमने इसे पशु आधार नाम दिया है।
डेयरी सेक्टर को बढ़ाने के लिए लगातार हो रहा काम
पीएम मोदी ने कहा कि वर्ष 2014 के बाद से हमारी सरकार ने भारत के डेयरी सेक्टर के सामर्थ्य को बढ़ाने के लिए निरंतर काम किया है। आज इसका परिणाम मिल्क प्रोडक्शन से लेकर किसानों की बढ़ी आय में भी नजर आ रहा है।
‘भारत के डेयरी सेक्टर की असली कर्णधार महिलाएं हैं’
पीएम मोदी ने कहा कि भारत के डेयरी सेक्टर में Women Power 70 प्रतिशत वर्कफोर्स का प्रतिनिधित्व करती है। भारत के डेयरी सेक्टर की असली कर्णधार वूमेन हैं, महिलाएं हैं। इतना ही नहीं, भारत के डेयरी कॉपरेटिव्स में भी एक तिहाई से ज्यादा सदस्य महिलाएं ही हैं। 2014 में भारत में 146 मिलियन टन दूध का उत्पादन होता था। अब ये बढ़कर 210 मिलियन टन तक पहुंच गया है। यानी करीब-करीब 44 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
भारत में Dairy Cooperative का है विशाल नेटवर्क
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज भारत में Dairy Cooperative का एक ऐसा विशाल नेटवर्क है जिसकी मिसाल पूरी दुनिया में मिलना मुश्किल है। ये डेयरी कॉपरेटिव्स देश के दो लाख से ज्यादा गांवों में, करीब-करीब दो करोड़ किसानों से दिन में दो बार दूध जमा करती हैं और उसे ग्राहकों तक पहुंचाती हैं।
भारत में डेयरी सेक्टर की असली ताकत हैं छोटे किसान
पीएम मोदी ने कहा कि विश्व के अन्य विकसित देशों से अलग, भारत में डेयरी सेक्टर की असली ताकत छोटे किसान हैं। भारत के डेयरी सेक्टर की पहचान “mass production” से ज्यादा “production by masses” की है। इस पूरी प्रकिया में बीच में कोई मिडिल मैन नहीं होता, और ग्राहकों से जो पैसा मिलता है, उसका 70 प्रतिशत से ज्यादा किसानों की जेब में ही जाता है। पूरे विश्व में इतना ज्यादा Ratio किसी और देश में नहीं है।
दूध उत्पादन 210 मिलियन टन पहुंचा
इंटरनेशनल डेयरी फेडरेशन के चेयरमैन पियर क्रिस्टियानो ने हिंदी में बोलकर PM और CM का स्वागत किया। केंद्रीय पशुपालन मंत्री परसोत्तम रूपाला ने PM नरेंद्र मोदी को स्वागत में सरदार वल्लभ भाई पटेल को मूर्ति दी। केंद्रीय पशुपालन मंत्री ने कहा कि 1974 में जब पहली बार भारत में यह समिट हुआ था, तब देश का दूध उत्पादन 23 मिलियन टन था। आज 2022 में यह उत्पादन 210 मिलियन टन यानी 10 गुना दूध की वृद्धि हुई है।
समिट से जीरो कार्बन उत्सर्जन होगा
समिट की सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि ये कार्बन न्यूट्रल होगी। मतलब, यहां किसी भी तरह का प्रदूषण नहीं होगा। पूरे कार्यक्रम स्थल की पावर सप्लाई साढ़े तीन मेगावाट सोलर एनर्जी से होगी। कॉफी, चाय, पानी समेत किसी भी खान-पान की चीज में प्लास्टिक का इस्तेमाल नहीं होगा। अतिथियों और डेलिगेट्स को कार्यक्रम स्थल तक लाने के लिए इलेक्ट्रिक व्हीकल लगाए गए हैं। समिट को कार्बन न्यूट्रल इसलिए भी बनाया गया है, ताकि जलवायु परिवर्तन के बारे में डेलिगेट्स को बताया जा सके।
देशभर की दूध कंपनियों ने लगाई प्रदर्शनी
6900 वर्गमीटर में एग्जीबिशन लगाई गई है। इस एग्जीबिगशन में अमूल, मदर डेयरी, नंदिनी जैसी प्रमुख दूध उत्पादक कंपनियों ने अपने-अपने स्टॉल लगाए हैं। इन स्टॉल्स के जरिए कंपनियां बता रही हैं कि भारत में वे श्वेत क्रांति कैसे लेकर आईं। प्रधानमंत्री आज इस प्रदर्शनी का भी भ्रमण करेंगे। वर्ल्ड डेयरी समिट को कुल 41 दूध कंपनियां स्पांसर कर रही हैं।
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