नई दिल्ली। पहाड़ों से मैदानी इलाकों तक मानसून की बारिश का कहर जारी है। हर साल की तरह इस बार भी सबसे ज्यादा उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में काफी नुकसान हुआ है। पहाड़ी राज्य हिमाचल में बीते दो महीनों से भारी बारिश से हाहाकार मचा हुआ है। बीतेे 63 दिनों भारी बारिश के कारण सैंकड़ों लोग बेघर हुए है। इसके अलावा जानमान का भी काफी नुकसान हुआ है। प्रदेश के कई जिलों में जनजीवन ठप हो गया है। एक रिपोर्ट के अनुसार अब तक 12 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। बताया जा रहा है कि प्रदेश में इस मानसून सीजन के इतिहास में यह सबसे बड़ी त्रासदी है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू का कहना है कि इस बरसात में बाढ़ एवं भू-स्खलन से जान-माल की भारी क्षति हुई है। आपदा में अभी तक 350 से अधिक लोगों की दुःखद मृत्यु हुई है और राज्य को 12000 करोड़ रुपये से अधिक की क्षति का अनुमान है।
अब तक 12,000 करोड़ नुकसान
राज्य आपदा प्रबंधन की रिपोर्ट के अनुसार, मानसून सीजन में 24 अगस्त शाम छह बजे तक हिमाचल में अब तक 367 लोगों की जान जा चुकी है। इसके साथ ही 8570 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। वहीं सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बताया कि अब तक 12000 हजार करोड़ की हानि हुई है। सबसे अधिक पीडब्ल्यूडी विभाग को 2800 करोड़ रुपये अधिक का नुकसान हुआ है।
136 लोगों की हुई मौत
आपदा प्रबंधन की रिपोर्ट बताती है कि मानसून सीजन में अब तक 367 लोगों की मौत हुई है। इनमें लैंडस्लाइड, फ्लैश फ्लड, बादल फटने से 136 लोगों की मौत हुई है। इसी तरह रोड़ एक्सीडेंट, आगजनी, डूबना, पहाड़ी से गिरना, करंट लगना और सांप के काटने से 231 लोगों की जान गई है। अहम बात यह ह कि अब भी प्रदेश भर में 40 लोग लापता हैं, जिनकी तलाश की जा रही है। सबसे अधिक मौतें 65 शिमला जिले में हुई हैं। कुल्लू में 40, मंडी में 29, कांगड़ा में 18, चंबा में 22, सोलन और सिरमौर में 17-17 लोगों की जान गई है।
2346 घर जमींदोज
मानसून सीजन में अब तक 2346 घर पूरी तरह से ध्वस्त हो गए हैं। इसी तरह 10135 घरों को आशिंक तौर पर नुकसान पहुंचा है। लैंडस्लाइड और फ्लैश फ्लड में 303 दुकानें गिर गई हैं, जबकि 5048 गौशालाएं धराशाई हो गई हैं। प्रदेश में कुल 156 लैंडस्लाइड हुए हैं। इसी तरह 63 बार फ्लैश फ्लड हो रहा है।
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