फरीदाबाद। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हरियाणा के फरीदाबाद में माता अमृतानंदमयी मठ की ओर से संचालित सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल का उद्घाटन किया। इस दौरान पीएम मोदी ने मंच पर मौजूद माता अमृतानंदमयी को पैर छूकर प्रणाम किया। पीएम मोदी के इस कार्यक्रम का एक वीडियो काफी वायरल हो रहा है, जिसमें दिख रहा है कि पीएम मोदी पहले जूते उतारते हैं और उसके बाद माता अमृतानंदमयी को माला पहनाते हैं और उसके बाद उनके पैर छूकर आशीर्वाद लेते हैं। इस वीडियो के साथ ही पीएम मोदी की काफी तारीफ की जा रही है और लोग माता अमृतानंदमयी के बारे में भी जानना चाहते हैं।
ऐसे में आपको बताते हैं कि माता अमृतानंदमयी कौन हैं और उन्हें किन वजहों से जाना जाता हैं। साथ ही जानते हैं कि अमृतानंदमयी माता की ओर से कौन-कौन से ऐतिहासिक कार्य किए गए हैं और पीएम मोदी का अम्मा से क्या कनेक्शन रहा है?
कौन हैं माता अमृतानंदमयी देवी?
माता अमृतानंदमयी देवी को विश्वभर में ‘अम्मा’ के नाम से जाना जाता है। उन्हें उनके अनुयायी अम्मा के साथ ही अम्माची और मां के नाम से भी जानते हैं।अम्मा के अनुयायी सिर्फ भारत में ही नहीं, बल्कि पूरे विश्वभर में हैं। अम्मा को उनके मठ की ओर से किए गए सामाजिक कार्य जैसे स्कूल खुलवाना, अस्पताल बनवाना आदि की वजह से जाना जाता है। साथ ही उन्होंने गले लगने वाली मां के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि वो अपने सभी अनुयायियों को गले लगाती हैं। अगर वो कहीं प्रोग्राम कर रही हैं तो वहां मौजूद सभी भक्तों या अनुयायियों को अम्मा गले लगाती हैं।
अम्मा की पहचान विश्व में अपने निस्वार्थ प्रेम और करुणा के लिए है। उनके अनुयायियों का मानना है कि उन्होंने अपना जीवन गरीबों और पीड़ितों की सेवा व जन साधारण के आध्यात्मिक उद्धार के लिये समर्पित कर दिया है। अम्मा का जन्म केरल के पश्चिमी समुद्र तट पर स्थित आलप्पाड ग्राम में एक सामान्य परिवार में हुआ था। जब अम्मा 5 साल की थीं, जब से उन्होंने कृष्ण भक्ति में समय देना शुरू कर दिया था। उनका नाम सुधामणि था. इसके बाद वो धीरे- धीरे प्रकृति के साथ भगवान में लीन हो गईं।
करोड़ों लोगों को गले लगाया है
फिर कुछ लोगों ने उन्हें श्री माता अमृतानंदमयी देवी नाम दिया। इसके बाद धीरे धीरे उनके अनुयायी बढ़ते गए और आज यूरोप, अमेरिका, कैनेडा,जापान, मलेशिया और ऑस्ट्रेलिया में उनके अनुयायी हैं, जहां अम्मा जाती हैं और अपने अनुयायियों को गले लगाती हैं। 1987 में अम्मा पहली बार विदेश गई थीं। अब अम्मा भारत के अलावा अमेरिका, यूरोप, ऑस्ट्रेलिया, जापान, श्रीलंका, सिंगापुर, मलेशिया, कॅनाडा, अफ्रीका और दक्षिण अमेरिका भी जाती हैं।
संयुक्त राष्ट्रसंघ में कई बार तथा विश्व धर्म संसद में दो बार भाषण दे चुकी हैं। कहा जाता है कि अम्मा ने अब तक करीब साढ़े तीन करोड़ से ज्यादा लोगों को गले लगा कर आशीर्वाद दिया है। अम्मा अपने हर कार्यक्रम में आए हुए हर व्यक्ति को गले लगाती हैं।
सामाजिक कार्य की वजह से प्रतिष्ठा
अम्मा के आश्रम में 3000 से ज्यादा लोग रहते हैं। अम्मा की संस्था ने 1998 से अब तक करीब 230 करोड़ रुपये की फ्री स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराई हैं। हजारों लोगों के लिए घर की व्यवस्था की है। अम्मा और उनका मठ आश्रम अनाथालय, वृद्धाश्रम, स्कूल व कॉलेज, पर्यावरण संरक्षण योजना, रोज़गार प्रशिक्षण, साक्षरता अभियान पर काम कर रहा है। उनकी बेंगलौर, कोयम्बूटर में अमृता कॉलेज भी हैं, जो एनआईआरएफ रैंकिंग में भी काफी ऊपर रहती हैं।
पीएम मोदी भी बताते हैं भक्त
बता दें कि पहले भी पीएम मोदी अम्मा से मिल चुके हैं और उन्होंने खुद को ‘अम्मा का बड़ा भक्त’ बताया था। साल 2013 में अम्मा के 60वें जन्मदिन पर पीएम मोदी ने अम्मा के साथ मंच साझा किया था।
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