नई दिल्ली। सीनियर एडवोकेट मुकुल रोहतगी भारत के अगले अटॉर्नी जनरल होंगे। उन्हें 14वें अटॉर्नी जनरल के रूप में नियुक्त किया गया है। इससे पहले वह जून 2014 से जून 2017 के बीच अटॉर्नी जनरल रह चुके हैं। मुकुल रोहतगी केके वेणुगोपाल की जगह लेंगे। बता दें कि वह अक्टूबर से अपना दूसरा कार्यकाल शुरू करेंगे।
2014 में पहली बार अटॉर्नी जनरल बने थे रोहतगी
मुकुल रोहतगी साल 2014 में पहली बार मोदी सरकार बनने पर तीन साल के लिए अटॉर्नी जनरल नियुक्त किए गए थे। 2017 में जब उनका कार्यकाल खत्म होने को आया तो सरकार ने कार्यकाल बढ़ाने की पेशकश की थी। लेकिन, रोहतगी ने जून 2017 में इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद वेणुगोपाल को 3 साल के लिए इस शीर्ष विधि पद पर नियुक्त किया गया।
30 सितंबर को समाप्त हो रहा है वेणुगोपाल का कार्यकाल
केके वेणुगोपाल का कार्यकाल 30 सितंबर को समाप्त हो रहा है। बता दें कि सरकार ने 90 वर्षीय वेणुगोपाल का कार्यकाल एक बार और बढ़ाने की पेशकश की थी। लेकिन, बढ़ती उम्र और स्वास्थ्य का हवाला देते हुए उन्होंने इसे स्वीकार नहीं किया। वेणुगोपाल ने मुकुल रोहतगी के 2017 में अटॉर्नी जनरल पद से इस्तीफा देने के बाद ही ये पद संभाला था और अब मुकुल वेणुगोपाल से ही चार्ज लेंगे।
क्या होता है अटॉर्नी जनरल का पद ?
केंद्र सरकार के लिए अटॉर्नी जनरल देश के सबसे शीर्ष कानून अधिकारी और मुख्य कानूनी सलाहकार होते हैं। जो सुप्रीम कोर्ट में महत्वपूर्ण मामलों में केंद्र सरकार का प्रतिनिधित्व करते हैं। अटॉर्नी जनरल सरकार का प्रथम विधि अधिकारी होता है।
Comments are closed.